फ़राह खान का बॉलीवुड सफ़र
क्या आप जानते हैं कि फ़राह खान सिर्फ एक डांस को-ऑर्डिनेटर नहीं, बल्कि निर्देशक भी हैं? मुंबई में जन्मी फ़राह ने बचपन से ही नृत्य और संगीत में रूचि ली। उनके पहले बड़े ब्रेक की कहानी 1995 के ‘मैं हूँ ना’ से शुरू होती है, जब उन्होंने ग़ालिबा को एक तेज‑तेज़ डांस नंबर दिया। इस काम ने उन्हें तुरंत फेमस बना दिया और बाद में कई हिट फ़िल्मों में उनका नाम सुनाई देने लगा।
डांस स्टाइल और सबसे यादगार नुम्बर्स
फ़राह का डांस हमेशा एंजॉय करने लायक रहता है। ‘दिल तो पागल है’ (राजा हिंदुस्तानी), ‘हिल रैना’ (शोले 2) और ‘प्यार की बौछारों में भीगा’ जैसे गानों में उनका हावभाव, एनीमेशन और फॉर्मूला सबको पसंद आया। वो सादे बीट को भी पार्टी मोड में बदल देती हैं। उनकी सबसे खास बात है कि वह हर कलाकार के साथ मिलकर उसके ‘असली स्वभाव’ को दिखाने की कोशिश करती हैं, इसलिए उनका काम हमेशा व्यक्तिगत लगता है।
फ़राह खान – निर्देशक का दूसरा चेहरा
डांस से ही नहीं, फ़राह ने 2006 में ‘जब तक है जान’ जैसी फिल्में डायरेक्ट करके साबित किया कि वह कहानी गढ़ने में भी माहिर हैं। उसके बाद ‘इफ्रॉन्ट’ और ‘फ़ैशन’ जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स आए, जिनमें उनका हास्य, रंगीला विज़न और तेज़ संवाद साफ दिखता है। दर्शकों को लगता है कि फ़राह की फिल्में देख कर उन्हें एक नई ऊर्जा मिलती है – क्योंकि वह हर सीन में मस्ती और दिलचस्पी जोड़ देती हैं।
फ़राह खान ने अपने काम से कई पुरस्कार भी जीते हैं, जैसे कि फ़िल्मफ़ेयर पर बेस्ट चोरियोग्राफी और बेस्ट डिरेक्टर का एवरीवर्ड। उनके नाम पर एक ‘फैशन इवेंट’ भी आयोजित हुआ है जहाँ उन्होंने अपनी क्रिएटिव टीम को धन्यवाद कहा।
अगर आप फ़राह के नए प्रोजेक्ट्स देखना चाहते हैं तो यूट्यूब चैनल, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर उनका फॉलो करना ना भूलें। यहाँ आप उनके रिहर्सल क्लिप्स, बैकस्टेज मस्ती और कभी‑कभी लाइफटाइम टिप्स भी पा सकते हैं।
फ़राह खान का करियर यह साबित करता है कि अगर दिल से काम करो तो एक ही फ़ील्ड में कई रोल निभा सकते हो। चाहे वह डांस सीन हों या फिल्म की पूरी कहानी, उनका अंदाज़ हमेशा नया और आकर्षक रहता है। आप भी उनकी फिल्मों को दोबारा देखिए, फिर समझेंगे क्यों हर साल उनके नाम पर ट्रेंड बढ़ता है।