निर्देशक फराह खान और साजिद खान की मां मेनका ईरानी का निधन: यादें, संघर्ष और परिवार

निर्देशक फराह खान और साजिद खान की मां मेनका ईरानी का निधन: यादें, संघर्ष और परिवार जुल॰, 26 2024

फराह खान और साजिद खान की मां मेनका ईरानी का निधन

निर्देशक फराह खान और साजिद खान की मां, मेनका ईरानी, का 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। मेनका ईरानी ने अपने जीवन में अनेकों संघर्षों का सामना किया और अपने परिवार की देखभाल एक सशक्त और संघर्षशील मां के रूप में की। उनका निधन बॉलीवुड फिल्म उद्योग और उनके परिवार के लिए एक बहुत बड़ी अपूरणीय क्षति है।

स्वास्थ्य समस्याओं के बाद निधन

मेनका ईरानी ने हाल ही में कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना किया। उन्होंने कई शल्य चिकित्सा (सर्जरी) करवाई और स्वास्थ्य सुधार की प्रक्रिया में थीं। फराह खान ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी मां की संघर्षशीलता और उनके मजाकिया स्वभाव की तारीफ की। फराह ने अपनी पोस्ट में यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी मां को कभी-कभी हल्के में लिया और उनसे इच्छा जाहिर की कि एक दिन उनकी मां फिर से मजबूत होकर उनके साथ वही मस्ती कर सकें।

मेनका ईरानी का परिवार

मेनका ईरानी लोकप्रिय बाल कलाकार डेजी ईरानी और हनी ईरानी की बहन थीं। प्रसिद्ध फिल्मकार जोया और फरहान अख्तर उनके भांजी-भांजे हैं। मेनका ने अपने बच्चों, फराह और साजिद को एक मजबूत महिला के रूप में अकेले पाला, जब उनके पति का निधन हो गया।

फराह खान की यादें

फराह खान ने एक पुराने साक्षात्कार में उल्लेख किया था कि उनकी मां मेनका ने उन्हें 22 वर्ष की आयु में शादी करने पर धमकी दी थी कि वे उन्हें घर से बाहर निकाल देंगी। इसका कारण था कि मेनका चाहती थीं कि उनकी बेटी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो जाएं। यह उनके सशक्त और प्रगतिशील विचारों का परिचायक है।

मेनका ईरानी का जीवन और करियर

मेनका ईरानी का जीवन संघर्षों और डटकर सामना करने की कहानियों से भरा था। उन्होंने न केवल अपने पति की मृत्यु के बाद अपने बच्चों को पाला, बल्कि उनकी शिक्षा और करियर में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फराह और साजिद दोनों ही फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान रखते हैं और इसका श्रेय उनकी मां की कड़ी मेहनत और प्रेरणा को जाता है।

फिल्म उद्योग में शोक

मेनका ईरानी के निधन ने पूरे फिल्म उद्योग को शोक में डाल दिया। फिल्मी सितारों और निर्देशकों ने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और मेनका को एक सशक्त महिला और महान मां के रूप में याद किया।

नवीनतम अपडेट्स

फराह खान ने अपनी मां के जाने के बाद सोशल मीडिया पर अपने प्रशंसकों और दोस्तों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी मां हमेशा उनके दिल में जीवित रहेंगी। मेनका ईरानी की अंतिम विदाई में कई फिल्मी हस्तियों ने भाग लिया और उनके परिवार के प्रति संवेदना जताई।

मेनका ईरानी का जीवन और उनका संघर्ष सभी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने अपनी बच्चों के लिए जो कुछ भी किया, वह एक माँ की महिमा की मिसाल है। उनकी यादें और उनके संघर्ष की कहानियाँ हमेशा उनके परिवार और फिल्म उद्योग में जीवित रहेंगी।

11 टिप्पणि

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    Drishti Sikdar

    जुलाई 28, 2024 AT 13:31

    मेनका ईरानी जैसी माँ कम ही मिलती हैं। बस एक बार उनके साथ बात कर लो, तो लगता है जैसे जीवन का सबक मिल गया।

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    indra group

    जुलाई 29, 2024 AT 10:42

    अरे भाई, ये सब बहुत रोमांचक है, पर इन लोगों के बारे में तो हमेशा इतना भावुक हो जाते हैं कि असली समस्याएँ-जैसे गाँवों में महिलाओं का स्वास्थ्य-किसी को नहीं दिखतीं। बॉलीवुड के बारे में तो दिल टूट गया, पर राजस्थान की एक माँ के लिए तो चिकित्सा भी नहीं है।

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    DHARAMPREET SINGH

    जुलाई 30, 2024 AT 16:52

    फराह खान का इंस्टाग्राम पोस्ट? ओह बस, एक और बॉलीवुड इंफ्लुएंसर का इमोशनल वीडियो जो 12 घंटे बाद डिलीट हो जाएगा। मेनका ईरानी के जीवन की गहराई को तो एक डॉक्यूमेंट्री चाहिए, न कि एक रिलीविंग स्टोरी। और हाँ, शादी के लिए धमकी देना? वो तो एक बेटी को जीवन जीने का तरीका सिखाना था, न कि ट्रॉलिंग।


    क्या आपने कभी सोचा कि आज एक अकेली माँ जो दो बच्चों को बॉलीवुड में पहुँचाती है, उसके लिए एक राष्ट्रीय पुरस्कार भी नहीं है?

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    gauri pallavi

    जुलाई 31, 2024 AT 08:21

    मेनका ईरानी की तरह की माँ तो मैंने अपने घर में भी देखी है-जो खाना बनाती थी, फिर भी बेटी को बताती थी कि 'तुम्हारी आत्मनिर्भरता ही तुम्हारी सबसे बड़ी शान है।' बॉलीवुड उन्हें याद कर रहा है, पर हमारे घरों में भी ऐसी हजारों माँएँ हैं जिनके बारे में कोई नहीं लिखता।

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    Agam Dua

    अगस्त 1, 2024 AT 00:51

    ये सब बहुत खूबसूरत है... लेकिन ये भी तो ध्यान रखो कि फराह खान ने अपनी माँ को घर से निकालने की धमकी दी? ये तो बेटी को बलात्कार करने जैसा है। शादी के लिए धमकी? ये तो बहुत असामान्य है।


    और फिर वो डेजी ईरानी की बहन? तो फिर भी उन्होंने बच्चों को अकेले पाला? ये तो असली शक्ति है। लेकिन ये सब अभी तक किसी ने नहीं बताया कि उनके पति की मृत्यु के बाद उन्हें कितना पैसा मिला था? क्या उन्होंने कोई बीमा क्लेम किया? क्या सरकार ने कुछ दिया? ये सवाल तो नहीं पूछे जाते।

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    Gaurav Pal

    अगस्त 1, 2024 AT 06:50

    मेनका ईरानी के बारे में जो कुछ भी लिखा गया है, वो बहुत सुंदर है... लेकिन अगर आप देखें तो ये सब बॉलीवुड की एक बड़ी मास्क बनाने की कोशिश है। एक अकेली माँ की ताकत को बॉलीवुड ने अपने लिए उपयोग कर लिया।


    मैंने एक बार एक गाँव की एक माँ को देखा था-उसने अपने बेटे को डॉक्टर बनाया, और खुद रोज सात घंटे काम किया। उसकी कहानी किसी ने नहीं लिखी।


    हम तो बॉलीवुड के लिए रो रहे हैं, लेकिन देश के हर कोने में ऐसी हजारों माँएँ हैं जिनकी आँखों में आँखें नहीं देखी जातीं।

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    sreekanth akula

    अगस्त 1, 2024 AT 20:37

    मेनका ईरानी के जीवन को देखकर लगता है कि ये एक बहुत ही अनूठी महिला थीं-एक ऐसी जो अपने बच्चों को अपने सपनों के बजाय अपने अधिकारों के बारे में सिखाती थीं। जब आप बॉलीवुड के अंदर जाते हैं, तो ऐसी बातें बहुत कम सुनने को मिलती हैं।


    मैंने अपने दादा के घर में एक फोटो देखा था-मेनका ईरानी और डेजी ईरानी दोनों ही बहुत जवान थीं, और दोनों ने अपने जीवन को अपने तरीके से जीया।


    उनके बारे में जब मैंने पहली बार पढ़ा, तो मुझे लगा कि ये तो एक फिल्म की कहानी है... लेकिन ये असली जीवन था।


    मुझे लगता है कि अगर हम इस तरह की महिलाओं की कहानियों को बच्चों को सिखाएं, तो हमारी समाज की आत्मा बदल जाएगी।


    उनके जीवन से एक बात सीखनी चाहिए-कि एक माँ की ताकत उसके बच्चों के दिलों में रहती है, न कि उनके नामों में।

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    Sarvesh Kumar

    अगस्त 3, 2024 AT 16:27

    बॉलीवुड के लिए रोना? अरे भाई, ये तो बहुत आसान है। लेकिन जब एक आम आदमी की माँ जाती है, तो कोई रोता नहीं। इसलिए ये सब बस नज़रों की चाल है।

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    Ashish Chopade

    अगस्त 4, 2024 AT 00:36

    मेनका ईरानी के जीवन का एक अद्वितीय उदाहरण है। उन्होंने अपने बच्चों को आत्मनिर्भरता का आधार दिया। यह एक अनुपम योगदान है।

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    Shantanu Garg

    अगस्त 5, 2024 AT 20:57

    मेनका ईरानी के बारे में सुनकर लगा जैसे मेरी अपनी दादी की याद आ गई। उन्होंने भी अकेले पाला था। उनकी आवाज़ अभी भी मेरे कानों में गूंजती है।

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    Vikrant Pande

    अगस्त 6, 2024 AT 00:20

    अरे ये सब तो बहुत आम बात है। बॉलीवुड के लोग हमेशा अपनी माँ की याद में रोते हैं, लेकिन जब तक वो जिंदा थीं, तब तक किसी ने उन्हें नहीं देखा। अब जब चले गए, तो फिल्मी दुनिया ने उन्हें गोल्डन नेशनल मदर बना दिया।


    मेनका ईरानी तो बहुत बड़ी थीं, लेकिन ये सब बहुत नाटकीय है। अगर आप वास्तविकता देखें, तो ये सब बस एक लंबा PR विज्ञापन है।

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