निजी रॉकेट लॉन्च – भारत में नई उड़ान
आपने हाल ही में सुना होगा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम अब सिर्फ सरकारी एजेंसियों तक सीमित नहीं रहा। निजी कंपनियां भी राकेट बनाकर अपना पहला कदम रख रही हैं। इस बदलाव से न केवल लागत कम हो रही है, बल्कि नए विचारों की लहर भी आ रही है। तो चलिए जानते हैं कौन‑कौन सी कंपनी इस स्पेस दौड़ में भाग ले रही है और क्या खास बात है उनके प्रोजेक्ट की।
मुख्य खिलाड़ी और उनके प्रोजेक्ट
सबसे पहले बात करते हैं Skyroot Aerospace की, जो 2024 में अपना छोटा राकेट ‘Vikram‑S’ लॉन्च करने वाला था। उनका लक्ष्य छोटे सैटेलाइट को कम लागत पर ऊँचा ले जाना है। उन्होंने अपने पहले दो परीक्षण उड़ानों में ही सफल इंटेग्रेशन दिखाया, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा। अगले महीनों में वे पेड सर्विस शुरू करेंगे और छोटे‑स्टार्टअप्स को आसान पहुंच देंगे।
दूसरी कंपनी Agnikul Cosmos है, जिसने ‘Agnibaan’ नामक राकेट पर काम किया है। उनका फोकस कक्षीय लॉन्च के बजाय सबऑर्बिटल पेलोड भेजना है। अगर आप छोटे सैटेलाइट या विज्ञान प्रयोग चाहते हैं तो Agnikul का विकल्प दिलचस्प हो सकता है। उन्होंने अभी तक पूर्ण परीक्षण नहीं किया, लेकिन प्रोटोटाइप दिखा कर बहुत भरोसा जता लिया है।
इसी बीच Bellatrix Aerospace ने ‘Chetak’ नामक हाइब्रिड राकेट की घोषणा की थी, जिसमें इलेक्ट्रिक मोटर और पारंपरिक एन्हैंस्ड इंजिन का मिश्रण है। उनका लक्ष्य इंधन बचत के साथ अधिक बार लॉन्च करना है। इस तकनीक से राकेट को कई छोटे‑छोटे मिशनों में दोबारा इस्तेमाल किया जा सकेगा, जो पर्यावरणीय दृष्टि से भी फायदेमंद है।
भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां
इन कंपनियों के आगे का रास्ता आसान नहीं होगा। सबसे बड़ी चुनौती अभी तक सरकार की नीतियों में स्पष्टता लाना है, जैसे कि निजी लॉन्च पैड, फ्रीक्वेंसी बैंड्स और अंतरराष्ट्रीय स्पेस कानून के साथ तालमेल बनाना। लेकिन भारत ने 2021 में ‘स्पेस एक्ट’ पास कर दिया, जिससे कई बाधाएं दूर होंगी और विदेशी निवेश भी आकर्षित होगा।
एक और बड़ा मौका है छोटे‑स्टार्टअप्स का समर्थन करना। अब जब राकेट निर्माण की लागत घट रही है, तो छोटे व्यवसाय अपने सैटेलाइट को सीधे लॉन्च करा सकते हैं। इससे भारत में डेटा सेवाओं, कृषि मॉनिटरिंग और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में नई नौकरियां पैदा होंगी। यदि आप टेक्नोलॉजी या इंजीनियरिंग का शौक रखते हैं, तो इन कंपनियों के इंटर्नशिप प्रोग्राम भी देख सकते हैं – कई बार ये पद सीधे लॉन्च टीम में काम करने का मौका देते हैं।
अगर आप निजी राकेट लॉन्च को फॉलो करना चाहते हैं, तो सबसे पहले कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया चेक करें। अक्सर लाइव स्ट्रीमिंग के लिंक वहां मिलते हैं। कुछ प्लेटफ़ॉर्म जैसे ‘SpaceX India Live’ ने भी भारत में इस प्रकार के इवेंट्स को कवर किया है। आप अपने फोन या लैपटॉप पर आसानी से देख सकते हैं, बिना किसी शुल्क के।
आखिर में कहा जा सकता है कि निजी राकेट लॉन्च सिर्फ विज्ञान नहीं, बल्कि एक आर्थिक अवसर भी बन रहा है। चाहे आप निवेशक हों, इंजीनियरिंग छात्र हों या साधारण पाठक – इस नई स्पेस लहर को समझना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। तो तैयार रहें, क्योंकि अगला बड़ा रॉकेट शायद आपका स्क्रीन पर ही दिखेगा और भारत का अंतरिक्ष सफर अब एक नई दिशा में आगे बढ़ रहा है।