Ganesh Chaturthi Muhurat 2025 – कौन सा है शुभर समय?
गणेश चतुर्थी हर साल भक्तों के लिए सबसे खास दिन होता है। लेकिन सिर्फ तारीख ही नहीं, सही मुहूर्त चुनना भी महत्वपूर्ण है, ताकि भगवान के लिये किए गए सभी कार्य फल दें। इस लेख में हम 2025 के लिए प्रमुख मुहूर्त, समय‑समय पर करने वाली पूजा, और मुहूर्त कैसे देखें, ये सब आसान भाषा में बताएंगे।
गणेश चतुर्थी का मुहूर्त कैसे देखें?
सबसे पहले पंचांग खोलें। शुक्रमा (शुक्ल पक्ष) के चार्थी को ‘गणेश चतुर्थी’ कहा जाता है। इस दिन के लिये दो मुख्य मुहूर्त होते हैं – शुभ पहाड़ी मुहूर्त (सुबह के बाद) और शाम का मुहूर्त (संध्या के बाद)।
सबसे भरोसेमंद तरीका है स्थानीय वैदिक ज्योतिषी या ऑनलाइन पंचांग ऐप में ‘गणेश चतुर्थी मुहूर्त’ खोजे। आमतौर पर 2025 में गणेश चतुर्थी ६ सितंबर को पड़ती है और प्रमुख मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- सुबह 07:30‑09:00 (सूर्य उगने के बाद पहला मुहूर्त)
- प्रातः 10:45‑11:30 (दोपहर से पहले)
- दोपहर 12:45‑13:15 (अभ्यारण्य मुहूर्त)
- शाम 17:00‑18:00 (संध्या का पहला शुभ समय)
- रात्रि 20:30‑21:15 (पर्याप्त प्रकाश के साथ अंतिम मुहूर्त)
इन समयों में अगर आप पूजा शुरू करेंगे तो माना जाता है कि भगवान प्रसन्न होते हैं और सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं।
पांच प्रमुख पूजा समय और उनका महत्त्व
1. सुबह का मुहूर्त (07:30‑09:00) – यह समय ऊर्जा से भरपूर होता है। इस दौरान बिदाई की मिठाई मोदक या शंखपुष्प अर्पण करें। घर की साफ‑सफाई भी इस समय करें।
2. प्रातःकाल (10:45‑11:30) – भगवान को नई वस्तुएँ जैसे फूल, फलों के बर्तनों में अर्पित करें। यह मुहूर्त विशेषकर ‘विनायक' को नया वस्त्र पहनाने के लिए आदर्श माना जाता है।
3. दोपहर का अभ्यारण्य (12:45‑13:15) – यह समय ‘वेद्य' मुहूर्त कहलाता है। इस दौरान ध्वनि‑युक्त अर्चना (घण्टा, डमरू) करना चाहिए। भक्तों का एकजुट आवाज़ भगवान को आकर्षित करता है।
4. शाम का संध्या (17:00‑18:00) – सूर्यास्त के बाद हल्का रोशनी में दीप जलाकर भगवान की आरती गाएं। यह समय घर में सभी सदस्य एक साथ बैठकर कथा सुनें, इससे शांति और सामुदायिक संबंध मजबूत होते हैं।
5. रात का अंतिम मुहूर्त (20:30‑21:15) – इस समय धीरे‑धीरे दीप बंद करें और भगवान को शान्ति के साथ विदा करें। रात का यह मुहूर्त ‘विधान' कहलाता है; यह भक्ति को स्थायी बनाता है।
अगर आप इन पाँचों समय पर छोटा‑छोटा प्रार्थना सत्र रखेंगे तो आपकी पूजा में सकारात्मक ऊर्जा बहती रहेगी।
ध्यान रखें कि मुहूर्त देखें तो हर साल थोड़ा‑बहुत बदल सकता है, इसलिए स्थानीय पंचांग या भरोसेमंद ऐप का उपयोग करें। साथ ही, अगर आप ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के माध्यम से मंदिर की आरती देखना चाहते हैं तो वही समय चुनें, ताकि आप भी भाग ले सकें।
इस तरह, सही मुहूर्त चुनकर गणेश चतुर्थी की पूजा करके आप इस वर्ष के सभी प्रयासों में सफलता पा सकते हैं। भगवान गणेश आपकी सभी मनोकामनाएँ पूरी करें!