आईएएफ विमान – भारत की हवा में ताकत
अगर आप अक्सर न्यूज़ देखते हैं या सोशल मीडिया पर आईएएफ के बारे में बात सुनते हैं, तो आपको पता होगा कि भारतीय एयरफ़ोर्स कई तरह के विमान चलाती है। इन विमानों का काम सिर्फ़ लड़ाई नहीं, बल्कि जलाने‑सुविधा, रेज़्क्यू, और निगरानी भी है। इस लेख में हम सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाले फाइटर जेट्स, ट्रांसपोर्ट प्लेन और हेलीकॉप्टर के बारे में सरल भाषा में बताएँगे, ताकि आप जल्दी समझ सकें कि हमारी हवा में कौन‑कौन से पंख हैं।
मुख्य लड़ाकू विमान
भारतीय वायु सेना की फाइटर जेट फ़्लीट तीन बड़े समूहों में बाँटी जा सकती है – मल्टी‑रोल, एयर‑सुप्रीमैसी और लाइट़ कॉम्बैट। सबसे लोकप्रिय मल्टी‑रोल प्लेटफ़ॉर्म Su‑30MKI है। यह दो सीट वाला, रडार‑एवेज़निंग वेंचर फाइटर 6.0 गुणा सूपरक्रूज़ पर उड़ सकता है और एंटी‑इयर मिसाइल से लेकर बॉम्ब तक सब संभालता है। भारत ने इस मॉडल की लगभग 250 इकाइयाँ खरीदी हैं, इसलिए इसे अक्सर "सुपरहिट" कहा जाता है।
एयर‑सुप्रीमैसी में Rafale और MiG‑29UPG शामिल हैं। Rafale फ्रेंच कंपनी Dassault का 4.5 जेनरेशन जेट है, जिसकी पहली डिलीवरी 2019 में हुई थी। यह हाई‑एंड एवियोनिक्स और तेज़ रडार के कारण दुश्मन की पहचान जल्दी कर सकता है और दोहरी मिशन (हवाई-से-हवाई व हवाई-से-भू) को सपोर्ट करता है। MiG‑29UPG, रूसी बनावट का उन्नत संस्करण, भी एंटी‑एयर क्षमताओं में सुधार लेकर आया है।
लाइट़ कॉम्बैट सेक्टर में हमारा अपना Tejas (HAL) प्रमुख है। यह सिंगल‑इंजन हल्का जेट 2016 से सर्विस में है और अब कई बेसों पर तैनात हो चुका है। इसकी कम लागत, आसान रख‑रखाव और भारतीय डिज़ाइन की वजह से इसे भविष्य के अपडेट्स के लिए प्लेटफ़ॉर्म माना जाता है।
इन मुख्य फाइटर्स के अलावा Jaguar, Mirage 2000 (अब धीरे‑धीरे हटाया जा रहा) और पुराने MiG‑21 Bison भी अभी तक कुछ बेसों पर हैं, लेकिन इनके स्थान पर नए जेट्स आने की तैयारी चल रही है।
परिवहन व हेलीकॉप्टर
हवा में लड़ाई के अलावा, आईएएफ को सैनिक, उपकरण और आपूर्ति जल्दी‑जल्दी ले जानी होती है। इसके लिए C‑130J Super Hercules और Il-76 जैसे भारी ट्रांसपोर्ट प्लेन इस्तेमाल होते हैं। ये बड़े हवाई जहाज़ 70 टन तक का माल या 70 सैनिकों को एक बार में ले जा सकते हैं, इसलिए रेशा‑रेशा ऑपरेशन में बेहद काम आते हैं। छोटे मिशन के लिए Avro RJ 100 और Business Jet (HS-748) भी उपयोग होते हैं।
हेलीकॉप्टर सेक्शन में सबसे प्रमुख है Mi‑17 V5, जो 2,000 किमी तक का रेंज रखता है और कई प्रकार के हथियारों को ले जा सकता है। यह ट्रांसपोर्ट, एम्बुलेंस और एंटी‑टेरर दोनों काम करता है। इसके अलावा HAL Dhruv (भारतीय निर्मित) भी बहुत लोकप्रिय है—यह रेज़्क्यू मिशन, सर्वेइंग और कॉम्पैक्ट फाइटिंग में इस्तेमाल होता है। हालिया अपडेट्स में Apache AH‑64E हेलीकॉप्टर की खरीदारी शामिल है, जो एंटी‑टैंक क्षमता को बढ़ा देगा।
ड्रोन भी अब आईएएफ का अहम हिस्सा बन गए हैं। HAWK 30 और Netra‑SX जैसे UAVs सीमा निगरानी और टार्गेट पहचान में मदद करते हैं, जिससे पायलटों को पहले से अधिक सूचना मिलती है। ये छोटे ड्रोन सस्ते होते हैं और बड़े ऑपरेशन की लागत घटाते हैं।
संक्षेप में, आईएएफ का विमानों का पोर्टफोलियो बहुत विविध है—उच्च‑तकनीकी फाइटर जेट्स से लेकर भारी ट्रांसपोर्ट प्लेन, हेलीकॉप्टर और ड्रोन तक। हर विमान का अपना काम है और मिलकर वे भारत की हवाई सुरक्षा को मजबूत बनाते हैं। अगर आप नई खरीदारी या किसी विशेष मॉडल के बारे में अपडेट चाहते हैं, तो ख़बरें इन्डियाज़ पर हमेशा ताजा जानकारी मिलती रहती है।