पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास बने प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव

शक्तिकांत दास की नई पारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे प्रधान सचिव के रूप में पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की नियुक्ति ने देश की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। शनिवार को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी। दास की यह नई भूमिका प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ समाप्त होगी या फिर इसके पहले ही किसी नए आदेश के तहत खत्म होगी।
शक्तिकांत दास ने 1980 बैच के IAS अधिकारी के रूप में प्रशासनिक सेवा में कदम रखा और उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वह पिछले Rबीआई गवर्नर पद से पहले आर्थिक मामलों के सचिव और राजस्व सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने दिसंबर 2018 में 25वें RBI गवर्नर के रूप में पद संभाला और 2021 में उन्हें तीन वर्ष के लिए पुनर्नियुक्त किया गया।

अनुभव और उपलब्धियाँ
श्री दास का कार्यकाल कई चुनौतियों से भरा रहा है, जिसमें कोविड-19 महामारी और ऊँची मुद्रास्फीति प्रमुख थीं। उनके नेतृत्व में RBI ने अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, दास 15वें वित्त आयोग के सदस्य और भारत के G20 शेरपा भी रहे हैं।
उनके अनुभव की गहराई का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने आठ यूनियन बजट तैयारियों में योगदान दिया है। उनकी निपुणता और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए उन्हें 2024 के सेंट्रल बैंक रिपोर्ट कार्ड में लगातार दूसरी बार A+ ग्रेड दिया गया।
इस से पहले भी वो ऐसे कई महत्वपूर्ण पदों का हिस्सा रहे हैं जो सरकार की नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। पीके मिश्रा, जो कि एक रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं, वे वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी के पहले प्रधान सचिव के रूप में सेवा दे रहे हैं।