पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास बने प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव

पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास बने प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव मार्च, 5 2025

शक्तिकांत दास की नई पारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे प्रधान सचिव के रूप में पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की नियुक्ति ने देश की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। शनिवार को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी। दास की यह नई भूमिका प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ समाप्त होगी या फिर इसके पहले ही किसी नए आदेश के तहत खत्म होगी।

शक्तिकांत दास ने 1980 बैच के IAS अधिकारी के रूप में प्रशासनिक सेवा में कदम रखा और उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वह पिछले Rबीआई गवर्नर पद से पहले आर्थिक मामलों के सचिव और राजस्व सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने दिसंबर 2018 में 25वें RBI गवर्नर के रूप में पद संभाला और 2021 में उन्हें तीन वर्ष के लिए पुनर्नियुक्त किया गया।

अनुभव और उपलब्धियाँ

अनुभव और उपलब्धियाँ

श्री दास का कार्यकाल कई चुनौतियों से भरा रहा है, जिसमें कोविड-19 महामारी और ऊँची मुद्रास्फीति प्रमुख थीं। उनके नेतृत्व में RBI ने अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, दास 15वें वित्त आयोग के सदस्य और भारत के G20 शेरपा भी रहे हैं।

उनके अनुभव की गहराई का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने आठ यूनियन बजट तैयारियों में योगदान दिया है। उनकी निपुणता और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए उन्हें 2024 के सेंट्रल बैंक रिपोर्ट कार्ड में लगातार दूसरी बार A+ ग्रेड दिया गया।

इस से पहले भी वो ऐसे कई महत्वपूर्ण पदों का हिस्सा रहे हैं जो सरकार की नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। पीके मिश्रा, जो कि एक रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं, वे वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी के पहले प्रधान सचिव के रूप में सेवा दे रहे हैं।

7 टिप्पणि

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    Pradeep Talreja

    मार्च 6, 2025 AT 18:15
    शक्तिकांत दास की नियुक्ति एक तार्किक चयन है। उनका अनुभव अद्वितीय है, और वे कभी भी राजनीति के बजाय आर्थिक स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
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    ayush kumar

    मार्च 8, 2025 AT 00:05
    ये तो बस एक नियुक्ति नहीं, ये एक संदेश है-अर्थव्यवस्था को असली विशेषज्ञों के हाथों में छोड़ दिया जा रहा है, और नहीं किसी राजनीतिक चालाकी के लिए।
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    Neev Shah

    मार्च 8, 2025 AT 14:53
    क्या आपने कभी सोचा है कि एक आईएएस अधिकारी जो बैंकिंग के राज जानता है, वह अब प्रधानमंत्री के साथ बैठकर देश की नीतियाँ बनाएगा? ये तो एक नए युग की शुरुआत है-जहाँ तकनीकी ज्ञान राजनीति को नियंत्रित करता है।
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    Mishal Dalal

    मार्च 9, 2025 AT 17:43
    इन लोगों को अभी तक नहीं समझा जा सकता-क्योंकि वे देश के लिए नहीं, बल्कि अपने बाहरी चित्रों के लिए काम करते हैं! दास जी के बारे में सब कुछ बहुत अच्छा लगता है, लेकिन ये सब नियुक्तियाँ क्या वास्तविक बदलाव लाएंगी? बस एक नया नाम और एक नया फोटो।
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    Manoranjan jha

    मार्च 10, 2025 AT 12:14
    उन्होंने आठ बजट तैयार किए हैं, G20 शेरपा रहे हैं, और कोविड के दौरान अर्थव्यवस्था को स्थिर रखा। ये नियुक्ति कोई नियुक्ति नहीं, ये एक ज़िम्मेदारी है। अगर आप इसे समझ नहीं पा रहे, तो आपको इतिहास पढ़ना चाहिए।
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    Soham mane

    मार्च 12, 2025 AT 04:12
    ये तो बहुत अच्छी खबर है। अब देश का भविष्य वाकई किसी ऐसे इंसान के हाथ में है जो गणित जानता है, न कि ट्वीट्स।
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    Rahul Kaper

    मार्च 13, 2025 AT 07:11
    मैं इस नियुक्ति को एक संकेत के रूप में देखता हूँ-कि देश अब विशेषज्ञता की ओर बढ़ रहा है। इसका अर्थ है कि भविष्य में नीतियाँ भावनाओं से नहीं, बल्कि डेटा और अनुभव से बनेंगी। ये एक शांत, लेकिन गहरा बदलाव है।

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