पुणे में भारी बारिश के बाद खड़कवासला बांध से मुंथा नदी में पानी छोड़ा गया
जुल॰, 25 2024इस मौसम में पहली बार पुणे में भारी बारिश हुई है, जिससे खड़कवासला बांध के जलस्तर में अचानक वृद्धि देखी गई है। जुलाई 23 की शाम 5 बजे खड़कवासला बांध का जलस्तर 88.52% था, जो आधी रात तक बढ़कर 95% हो गया। ऐसी परिस्थितियों में, सिंचाई विभाग ने निश्चय किया कि मुंथा नदी में बांध से पानी छोड़ना आवश्यक है। इस उद्देश्य से, 24 जुलाई को सुबह 7:30 बजे से बांध के गेट खोल दिए गए और 10,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
बांध भरने की स्थिति
पानी की आने वाली दर में कमी देखने के बाद, जल प्रगति को देखते हुए जल छोड़ने की दर को धीरे-धीरे 7,276 क्यूसेक तक कम कर दिया गया। 11:30 बजे तक, कुछ राहत मिलने के बावजूद, बांध से पानी छोड़ने की अधिकतम क्षमता 11,556 क्यूसेक तक बढ़ाई गई। खड़कवासला बांध समूह के कुल जलस्तर को 63.56% के स्तर पर रिकॉर्ड किया गया, जिसमें 18.53 TMC शामिल हैं।
अन्य बांध की स्थिति
भामा आस्कहेड और पावना बांध के जलस्तर को भी देखा गया, जिनके प्रतिशत क्रमश: 41.47% और 48.60% थे।
सिंचाई विभाग ने सभी नागरिकों को सलाह दी है कि वे इस स्थिति में सावधानी बरतें। खड़कवासला बांध समूह के कार्यकारी अभियंता, श्वेता कुरडे ने बताया कि विभाग लगातार बारिश की गतिविधियों और बांधों के जल स्तर की निगरानी कर रहा है और स्थिति के अनुसार निर्णय लिए जाएंगे।
नागरिकों के लिए एडवाइजरी
सिंचाई विभाग ने नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें नदी के किनारे और जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी गई है।
यह भी बताया गया कि भारी बारिश के कारण सड़कें पानी में डूब सकती हैं और बिजली आपूर्ति भी बाधित हो सकती है। इसलिए, जनता से अपील की गई है कि वे ऐसी स्थिति में सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
भविष्य की रणनीतियाँ
विभाग भविष्य में ऐसी स्थितियों के लिए तैयारियों को मजबूत करने की योजना पर काम कर रहा है। तत्काल मूसलाधार बारिश और जलप्रवाह के प्रभाव को पूरी तरह से नियंत्रित करने के लिए नई तकनीकों और दक्षताओं का उपयोग किया जाएगा।
फिलहाल, खड़कवासला बांध से पानी छोड़ने की प्रक्रिया जारी है और नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।