मुंबई में भारी बारिश से जीवन अस्त-व्यस्त: ट्रेन सेवाएं प्रभावित, स्कूल-कॉलेज बंद, जलभराव की समस्या
जुल॰, 8 2024
मुंबई में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित
मुंबई में सोमवार, 8 जुलाई 2024 की रात से ही भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। मात्र छह घंटों के भीतर, 1 बजे से 7 बजे तक, विभिन्न स्थानों पर 300 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई। इस बारिश ने शहर का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। उपनगरीय ट्रेन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं और कई इलाकों में भारी जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है।
बारिश के चलते स्कूल-कॉलेज बंद, ट्रेन सेवाएं प्रभावित
बारिश के कारण बीएमसी, सरकारी और निजी स्कूलों और कॉलेजों के पहले सत्र के लिए अवकाश घोषित किया गया है। स्थानीय ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिससे यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मुंबई आने-जाने वाले यातायात में भी व्यापक असर पड़ा है और कई स्थानों पर गाड़ियों का जल में फंसना आम हो गया है।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले दिन के लिए भी येलो अलर्ट जारी किया है। कई जिलों में भी चेतावनी दी गई है, जिससे वहां के निवासियों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है। अनुमान के अनुसार आगामी दिनों में भी मौसम का मिजाज ऐसा ही रह सकता है। IMD ने बताया कि मुंबई में दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता के चलते यह भारी बारिश हो रही है।
जलभराव से हालात हों रहे बेकाबू
मुंबई के कई क्षेत्रों में भारी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सड़कों पर पानी भर गया है और गाड़ियां आंशिक रूप से जलमग्न हो गई हैं। कई स्थानों पर पानी के अंदर से चलने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे हादसों का भी खतरा बढ़ गया है। प्रशासन द्वारा नालों और जल निकासी की व्यवस्था को और मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी भी समस्या बनी हुई है।
एनडीआरएफ की टीमों की तैनाती
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें भी तैनात की गई हैं, जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद कर रही हैं। यह टीमें जहरीली गैसों के खतरे से बचने, जलभराव वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालने और अन्य राहत कार्यों में सक्रिय हैं। नागरिकों से सुरक्षा नियमों का पालन करने और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की अपील की जा रही है।
इस संकट के दौर में, मुंबई के लोग एकजुट होकर चुनौती का सामना कर रहे हैं और प्रशासन उनकी मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। ऐसे में लोगों से अनुरोध है कि वे घबराएं नहीं और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें ताकि इस आपदा से निपटा जा सके।
Manoranjan jha
जुलाई 10, 2024 AT 15:40मुंबई की जलनिकासी की समस्या 2005 के बाद से बिल्कुल ठीक नहीं हुई। एमसीएम के पास बजट है, लेकिन निर्माण की गुणवत्ता और निगरानी शून्य है। जो लोग नालियों में कचरा फेंकते हैं, उन्हें जुर्माना लगाना चाहिए, न कि सिर्फ ट्रेन रद्द करना।
Pallavi Khandelwal
जुलाई 10, 2024 AT 17:40ये बारिश नहीं, ये तो राष्ट्रीय आपातकाल है। हर साल यही गलती होती है-बारिश होती है, फिर टीवी पर रोते हैं, फिर भूल जाते हैं। जब तक हम निर्माण के नियमों को बदल नहीं देंगे, तब तक ये चक्र चलता रहेगा। लोगों को बताना बंद करो, नियम बदलो।
Pradeep Talreja
जुलाई 11, 2024 AT 08:50स्कूल बंद हैं। ट्रेन नहीं चल रही। ये आपदा नहीं, व्यवस्था का अपराध है।
Kamal Sharma
जुलाई 12, 2024 AT 23:13मुंबई में बारिश तो हमारी पहचान है। लेकिन अब ये बारिश नहीं, बल्कि नागरिकों के लिए निर्माण की अनदेखी है। हमारे पूर्वज जो जल निकासी के लिए जानकारी रखते थे, उन्हें आज भूल गए हैं।
Raaz Saini
जुलाई 14, 2024 AT 21:51हर साल यही बात है। जो लोग बारिश के बाद रोते हैं, वो खुद नाली में कचरा फेंकते हैं। आप बाहर निकलते हैं, फिर बारिश का दोष देते हैं। अपने घर के बाहर साफ़ करो, फिर बात करो।
haridas hs
जुलाई 14, 2024 AT 21:55मौसम विज्ञान विभाग के अलर्ट के बावजूद, निजी संस्थानों ने अवकाश नहीं घोषित किया। यह नियमों की अनदेखी है। एक नियमित निर्देश जारी किया जाना चाहिए, जिसमें शिक्षा संस्थानों के लिए अनिवार्य अवकाश का उल्लेख हो।
Soham mane
जुलाई 15, 2024 AT 09:01मुंबई के लोग अभी भी बारिश में निकल रहे हैं। जिंदगी जीनी है तो बारिश में भी जीना है। लेकिन एक बार बाहर निकलो और देखो-हर कोई एक-दूसरे की मदद कर रहा है। ये शहर अभी भी जिंदा है।
Dinesh Bhat
जुलाई 16, 2024 AT 20:14क्या ये बारिश अभी तक जारी है? मैंने आज सुबह देखा कि अलीबाग रोड पर अभी भी पानी खड़ा है। क्या NDRF की टीमें वहां भी हैं? या सिर्फ बांद्रा और कुर्ला में?
Mishal Dalal
जुलाई 18, 2024 AT 17:11हमारे देश में आपदा प्रबंधन के लिए एक भी नियम नहीं है! हर साल यही चक्र! बारिश हुई, ट्रेन रुकी, लोग डूबे, फिर टीवी पर नेता बोले-'हम आपकी मदद करेंगे'! फिर क्या? कुछ नहीं! हम जाग रहे हैं! अब बदलाव चाहिए, न कि भावनाएँ!
ayush kumar
जुलाई 19, 2024 AT 18:24मैं आज सुबह एक बूढ़े आदमी को देखा-वो अपनी बहू के हाथ से बच्चे को लेकर पानी में चल रहा था। उसकी आँखों में डर नहीं, बल्कि दृढ़ता थी। ये शहर बस इमारतें नहीं, ये लोग हैं। इन्हें याद रखो।
Neev Shah
जुलाई 19, 2024 AT 23:03यह बारिश तो अर्थव्यवस्था के लिए एक नियंत्रित विकास का परीक्षण है। क्या हमारे शहरी नियोजन में जलवायु अनुकूलन का एक भी आयाम शामिल है? या फिर हम अभी भी 19वीं शताब्दी के नियमों से चल रहे हैं? बारिश नहीं, नियोजन की कमी है जिसे हम आपदा कह रहे हैं।
Shiva Tyagi
जुलाई 21, 2024 AT 06:37हमारे देश में जब तक लोग अपने घर के बाहर भी साफ़ी नहीं करेंगे, तब तक कोई भी ट्रेन चलेगी नहीं। बारिश का दोष नहीं, हमारी लापरवाही का दोष है। हम भारतीय हैं, हमें अपने शहर की देखभाल करनी है।
Rahul Kaper
जुलाई 22, 2024 AT 18:39मैंने आज एक नागरिक ग्रुप में देखा कि लोग अपने घरों से बाहर निकलकर नालियों को साफ़ कर रहे हैं। कोई नेता नहीं, कोई अधिकारी नहीं-सिर्फ लोग। ये छोटी बातें ही बड़े बदलाव लाती हैं।
Chandni Yadav
जुलाई 23, 2024 AT 15:32यह घटना एक नियमित अपराध है। बारिश के बाद जो लोग रोते हैं, वे ही नालियों में कचरा फेंकते हैं। एक रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें बताया गया है कि 78% जलभराव का कारण निजी निर्माण है। इसे जांचें।
Himanshu Kaushik
जुलाई 25, 2024 AT 15:21बारिश हो रही है, पानी भर गया है, लेकिन लोग अपने घर से निकलकर दूसरों की मदद कर रहे हैं। ये शहर बस इमारतें नहीं, ये लोग हैं। हम एक साथ चलेंगे।