पेरिस ओलंपिक्स 2024 के 12वें दिन की लाइव अपडेट्स: मीराबाई चानू और अविनाश साबले वेटलिफ्टिंग और स्टीपलचेज़ में मुकाबला करते हुए
अग॰, 8 2024पेरिस 2024 ओलंपिक्स के 12वें दिन की मुख्य घटनाएँ
पेरिस 2024 ओलंपिक्स का 12वां दिन भारतीय खिलाड़ियों के लिए काफी महत्वपूर्ण था। दो प्रमुख भारतीय एथलीट, मीराबाई चानू और अविनाश साबले, ने अपनी-अपनी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। मीराबाई चानू ने महिला 49 किलोग्राम वेटलिफ्टिंग में मुकाबला किया जबकि अविनाश साबले ने पुरुष 3000 मीटर स्टीपलचेज़ के फाइनल में अपनी किस्मत आजमाई। आइए विस्तार से जानते हैं कि इन दोनों खिलाड़ियों का प्रदर्शन कैसा रहा और उनकी चुनौतियों व उपलब्धियों पर एक नज़र डालते हैं।
जानी-मानी भारोत्तोलक मीराबाई चानू
मीराबाई चानू का नाम भारतीय भारोत्तोलन में एक प्रमुख नाम है। उन्होंने टोक्यो 2020 ओलंपिक्स में सिल्वर मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया था। पेरिस में भी उनसे बहुत उम्मीदें थीं। महिला 49 किलोग्राम वेटलिफ्टिंग में मीराबाई ने शुरूआत से ही अपना दबदबा बनाए रखा। उनकी हर लिफ्ट में ताकत और तकनीक का मणि था। उन्होंने अपने पहले सही प्रयास में ही प्रभावशाली प्रदर्शन किया। उनके उद्देश्य स्पष्ट थे - स्वर्ण पदक जीतना। पहले दो राउंड में उन्होंने शानदार स्कोर बनाए लेकिन तीसरे और निर्णायक राउंड में उन्हें कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनकी मेहनत और लगन प्रशंसनीय थी।
एथलेटिक सुपरस्टार अविनाश साबले
अविनाश साबले भारतीय एथलेटिक्स के उभरते सितारे हैं। स्टीपलचेज़ में उन्होंने अपने दमदार प्रदर्शन के जरिए भारतीय खेल जगत में एक अलग पहचान बनाई है। पेरिस ओलंपिक्स में उनका मुकाबला बहुत ही कठिन था। 3000 मीटर स्टीपलचेज़ का फाइनल बेहद चुनौतीपूर्ण होता है जिसमें न केवल गति बल्कि मानसिक और शारीरिक सहनशक्ति भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। साबले ने अपनी रणनीतियों और ताकत का प्रदर्शन बड़े ही प्रभावी तरीके से किया। शुरुआती दौर में उनकी गति और तालमेल शानदार था। अंतिम लैप्स में उन्हें कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अंत तक संघर्ष करते रहे।
भारतीय टीम का सामूहिक प्रयास
दिनभर के मुकाबलों में भारतीय टीम ने विविध प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। मीराबाई और साबले के अलावा भी कई अन्य भारतीय एथलीट्स ने अपने प्रदर्शन से देश का ध्यान आकर्षित किया। प्रत्येक खिलाड़ी ने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए और आगामी मुकाबलों के लिए तैयार हो रहे हैं। टीम के समर्थन स्टाफ और कोचों का भी यहां काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिन्होंने खिलाड़ियों को प्रेरित और मार्गदर्शित किया।
उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ
भारतीय खिलाड़ियों की शानदार प्रदर्शनों के बावजूद कुछ चुनौतियाँ भी सामने आईं। मीराबाई और साबले दोनों ने अपनी अपनी प्रतियोगिताओं में जिस तरह का संघर्ष किया, वह अतुलनीय है। ओलंपिक्स का मंच बहुत ही बड़ा होता है और यहां तक पहुंचना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। हमें गर्व है कि हमारे खिलाड़ी अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश का मान बढ़ा रहे हैं।
पेरिस 2024 ओलंपिक्स के 12वें दिन ने भारतीय खेल प्रेमियों को बहुत सी भावनात्मक और प्रेरणादायक क्षण दिए। हमें उम्मीद है कि आगे भी हमारे खिलाड़ी इसी ऊर्जा और उत्साह के साथ मुकाबलों में हिस्सा लेंगे और हमें गर्व करने का और मौका देंगे।