एमपॉक्स खतराः मोदी सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय, एयरपोर्ट्स, पोर्ट्स और राज्यों को अलर्ट रहने का आदेश दिया
अग॰, 20 2024एमपॉक्स: भारत में बढ़ती सजगता
भारत में एमपॉक्स को लेकर बढ़ती चिंता के बीच केंद्र सरकार ने सभी एयरपोर्ट्स और सीमा पर स्थित लैंड पोर्ट्स को हमेशा सतर्क रहने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह निर्देश दिया है कि वे अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों में एमपॉक्स के लक्षणों की जांच सुनिश्चित करें। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य है एमपॉक्स मामलों की तुरंत पहचान और उपयुक्त कदम उठाना।
प्रमुख चिकित्सालय अनुबंधित
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली के प्रमुख अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज को नोडल केंद्र बनाया है। यहां एमपॉक्स मरीजों को अलग करने, उनके प्रबंधन और उपचार के सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। राज्य सरकारों को भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने न्यायिक क्षेत्रों में इसी प्रकार के अस्पताल पहचानें और अनुशासनित करें।
प्रधानमंत्री कार्यालय की सक्रियता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की गई जिसमें देश की तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक में विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में एमपॉक्स का बड़ा प्रकोप होने की संभावना कम है, लेकिन इसके बावजूद सतर्कता बनाए रखना आवश्यक है। मौजूदा वायरस का स्ट्रेन अधिक विषाणुजन्य और संक्रामक हो सकता है, लेकिन फिलहाल इसका प्रसार नियंत्रित है।
उन्नत सर्विलांस और टेस्टिंग
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सर्विलांस को बढ़ाएं और टेस्टिंग लेबोरेटरीज की क्षमता को सुदृढ़ करें ताकि एमपॉक्स के मामले का जल्दी निदान किया जा सके। फिलहाल, देश में 32 लेबोरेटरीज एमपॉक्स की जांच के लिए तैयार हैं।
डब्ल्यूएचओ की चिंता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स को एक अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (PHEIC) घोषित किया है। अफ्रीका के कई देशों में इसके व्यापक प्रसार और प्रकोप के कारण यह निर्णय लिया गया। 2022 से अब तक विश्वभर में 99,176 मामले और 208 मौतें एमपॉक्स के कारण हो चुकी हैं। 2023 में मामलों में वृद्धि देखी गई है, जिसमें 15,600 से अधिक मामले और 537 मौतें शामिल हैं।
भारत में वर्तमान स्थिति
भारत में, 2022 के बाद से अब तक 30 एमपॉक्स मामले सामने आए हैं, जिसमें आखिरी मामला मार्च 2024 में दर्ज हुआ था। हालांकि, मौजूदा समय में कोई नया मामला सामने नहीं आया है, फिर भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह सुनिश्चित किया है कि संभावित खतरे को देखते हुए सर्विलांस और जागरूकता अभियान जारी रहे।
स्वास्थ्य कर्मियों के लिए जागरूकता
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जोर देकर कहा है कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाए। इसका मुख्य उद्देश्य है कि चिकित्साकर्मी एमपॉक्स के लक्षणों को समय से पहचान सकें और तुरंत उन्हें संबंधित सिस्टम को रिपोर्ट करें।
जनता की भूमिका भी महत्वपूर्ण
एमपॉक्स की रोकथाम में जनता की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। आम जनता को इसके लक्षणों और इससे बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। इसके अलावा, जिन व्यक्तियों में एमपॉक्स के लक्षण दिखाई दें, उन्हें तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए और स्वयं को दूसरों से अलग रखना चाहिए।
नियमित अपडेट और सहयोग
स्वास्थ्य मंत्रालय का लक्ष्य जनता और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के प्रति नियमित जानकारी और निर्देश जारी करना है। सभी संबंधित विभागों और संस्थाओं को आपस में समन्वय बनाकर काम करना होगा। इससे न केवल एमपॉक्स की पहचान और प्रबंधन में मदद मिलेगी बल्कि इसके प्रसार को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।
आगे की कार्यवाही
स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार स्थिति का मूल्यांकन कर रहा है और आवश्यकता पड़ने पर आगे की कार्यवाही करने के लिए तैयार है। हमारे सामने गंभीर चुनौतियां हैं, लेकिन सही रणनीति और जन-सहभागिता के जरिये हम एमपॉक्स को नियंत्रित करने में सफल हो सकते हैं।