वैज्ञानिक शोध से खुलासा: कोलंबस पश्चिमी यूरोप के अलगावनिष्ठ यहूदी थे

वैज्ञानिक शोध से खुलासा: कोलंबस पश्चिमी यूरोप के अलगावनिष्ठ यहूदी थे अक्तू॰, 14 2024

कोलंबस की पहचान का रहस्य

कई सदियों से क्रिस्टोफर कोलंबस की पहचान और उनके वास्तविक मूल को लेकर विवाद और जिज्ञासा का विषय बना रहा है। हाल ही में स्पेनिश वैज्ञानिकों ने डीएनए विश्लेषण का सहारा लेकर इस रहस्य की परतें खोली हैं। 15वीं सदी के प्रसिद्ध खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस, जिन्हें अक्सर एक इतालवी के रूप में जाना जाता था, वास्तव में पश्चिमी यूरोप के एक सेफ़रडी यहूदी थे। यह निष्कर्ष विज्ञानिकों की 22 साल की कड़ी मेहनत का परिणाम है।

डीएनए विश्लेषण के जरिये खुलासा

इस अध्ययन की अगुवाई किए गए फोरेंसिक विशेषज्ञ मिगुएल लोरेन्ते ने बताया कि कोलंबस के अवशेषों का डीएनए परीक्षण सक्षमता को ध्यान में रखते हुए किया गया था। डीएनए सैम्पल्स की तुलना उनके ज्ञात रिश्तेदारों और वंशजों के नमूनों से की गई। इसकी जानकारी 'कोलंबस डीएनए: द ट्रू ओरिजिन' नामक डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से सामने लाई गई। टीवीई, जो स्पेन की राष्ट्रीय प्रसारक है, उसमें इसका प्रसारण हुआ।

यहूदी मूल के प्रमाण

शोध से यह स्पष्ट हुआ कि कोलंबस के पुत्र हर्नान्डो कोलोन के वाई क्रोमोसोम (पुरुष) और मातृवंशीय डीएनए में यहूदी मूल के चिन्ह पाए गए। ये खोज उस ऐतिहासिक समय के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, जब स्पेन के कैथोलिक शासक इसाबेला और फ़र्डिनेंड ने यहूदियों और मुस्लिमों को धर्मांतरण या देशत्याग का आदेश दिया था। इसके कारण सैकड़ों यहूदी विश्वभर में फैल गए और सेफ़रडी शब्द 'सेफ़रद' का संकेत है, जो हिब्रू में स्पेन के लिए प्रयोग होता है।

अज्ञात स्थान की खोज

वैज्ञानिकों ने कोलंबस के संभावित मूल के 25 स्थानों का विश्लेषण किया और निष्कर्ष निकाला कि उनका जन्म पश्चिमी यूरोप में हुआ था, हालांकि सटीक स्थान अभी स्पष्ट नहीं है। इस अध्ययन के परिणामों को लोरेन्ते ने 'लगभग संपूर्ण रूप से भरोसेमंद' बताया है।

कोलंबस के अवशेषों का इतिहास

1506 में स्पेन के वलादोलिड में कोलंबस का निधन हुआ और उनके अवशेष को कई बार स्थानांतरित किया गया। पहले उन्हें हिस्पानिओला (आधुनिक डोमिनिकन रिपब्लिक और हैती) स्थानांतरित किया गया, उसके बाद 1795 में क्यूबा और अंततः 1898 में सेविलि में। सेविलि कैथेड्रल में उनके अंतिम विश्राम की भी लोरेन्ते द्वारा पुष्टि की गई।

20 टिप्पणि

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    Pallavi Khandelwal

    अक्तूबर 16, 2024 AT 22:56
    ये सब झूठ है। कोलंबस तो इतालवी था, इस डीएनए वाली बकवास को कोई भी सच नहीं मानेगा।
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    Pradeep Talreja

    अक्तूबर 18, 2024 AT 06:12
    डीएनए रिजल्ट्स को अनदेखा करना विज्ञान के खिलाफ है। अगर सबूत हैं तो उन्हें स्वीकार करना चाहिए।
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    Shiva Tyagi

    अक्तूबर 19, 2024 AT 15:25
    हमारे इतिहास को बदलने की कोशिश मत करो। हमारे देश में भी अपने नायक हैं, जिनके बारे में कोई नहीं बात करता।
    ये सब वेस्टर्न नैरेटिव है।
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    Manoranjan jha

    अक्तूबर 20, 2024 AT 20:16
    सेफ़रडी यहूदी जो निकाले गए, वो बहुत सारे देशों में फैल गए। इसलिए ये डीएनए डेटा बिल्कुल सही है। इतिहास को बदलने की जगह समझने की कोशिश करो।
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    Rahul Kaper

    अक्तूबर 21, 2024 AT 12:27
    क्या ये डीएनए रिजल्ट्स के बारे में कोई पीयर-रिव्यूड पेपर है? या ये सिर्फ़ एक डॉक्यूमेंट्री का दावा है?
    वैज्ञानिक दावों के लिए एक अच्छा स्रोत जरूरी है।
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    Dinesh Bhat

    अक्तूबर 21, 2024 AT 20:14
    अगर कोलंबस यहूदी थे, तो उनके नाम का अर्थ भी बदल जाता है। कोलंबस का मतलब 'कबूतर' होता है, जो यहूदी संस्कृति में शांति का प्रतीक है। ये बात तो किसी ने नहीं बताई।
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    Annu Kumari

    अक्तूबर 22, 2024 AT 00:55
    इस तरह की खोजें हमें याद दिलाती हैं कि इतिहास हमेशा एक तरफ़ से नहीं देखा जाता।
    हमें खुले दिल से सुनना चाहिए।
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    amit parandkar

    अक्तूबर 23, 2024 AT 19:50
    ये सब एक बड़ी साजिश है। डीएनए फर्ज़ी है। यहूदी लोगों ने इसे फैलाया है ताकि वो अपना गुमनाम इतिहास बदल सकें।
    क्या आप जानते हैं कि वो कैसे दुनिया को कंट्रोल करते हैं? कोलंबस भी उनका एजेंट था।
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    Neev Shah

    अक्तूबर 25, 2024 AT 06:17
    इतिहास के इतने बड़े फैक्ट को एक टीवी डॉक्यूमेंट्री के जरिए प्रसारित करना बेहद अव्यवस्थित है।
    मैं जिस अकादमिक जर्नल में ये रिसर्च पब्लिश हुई होगी, उसका आईएसएसएन नंबर दें।
    नहीं तो ये बकवास का ढेर है।
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    Raaz Saini

    अक्तूबर 26, 2024 AT 18:28
    तुम सब इतने उत्साहित क्यों हो? क्या तुम्हारे दिमाग में भी ये बात आई कि कोलंबस के असली नाम के बारे में कोई दस्तावेज़ नहीं है?
    ये सब फिक्शन है। और तुम इसे लेकर इतना उबड़-खाबड़ कर रहे हो।
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    Mishal Dalal

    अक्तूबर 28, 2024 AT 13:32
    हमारे देश में भी ऐसे ही लोग थे, जिन्होंने अपनी पहचान छिपाई थी! आप जानते हैं कि अकबर के दरबार में कितने लोग अपनी जाति छिपाते थे?
    इतिहास कभी एक रंग का नहीं होता।
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    ayush kumar

    अक्तूबर 29, 2024 AT 16:39
    क्या आपने कभी सोचा कि इस खोज का मतलब ये है कि हम सब एक दूसरे से जुड़े हैं?
    कोलंबस के रक्त में यहूदी, मुस्लिम, और यूरोपीय खून मिला हुआ है।
    हम सब एक ही इंसानी कहानी के हिस्से हैं।
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    Himanshu Kaushik

    अक्तूबर 31, 2024 AT 16:02
    मैंने ये डॉक्यूमेंट्री देखा। कोलंबस के बचपन के गाँव का नाम बताया गया था। वो गाँव अब स्पेन में है। लेकिन उसका नाम बदल दिया गया था। वो यहूदी थे, इसलिए उनका नाम बदल दिया गया।
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    Soham mane

    अक्तूबर 31, 2024 AT 16:41
    ये बात बहुत अच्छी है। अगर हम अपने इतिहास को असली तरीके से देखेंगे, तो हम सब एक दूसरे के बारे में ज्यादा समझेंगे।
    कोई भी नहीं बदल सकता, लेकिन हम सब जान सकते हैं।
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    Chandni Yadav

    नवंबर 2, 2024 AT 14:56
    इस डीएनए अध्ययन के लिए नमूने का स्रोत क्या था? क्या वो कोलंबस के अवशेषों से लिए गए थे या उनके वंशजों से?
    यदि वंशजों से, तो उनकी वंशावली का विश्लेषण कैसे किया गया?
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    Kamal Sharma

    नवंबर 4, 2024 AT 04:03
    मैंने भारत में भी ऐसे लोग देखे हैं, जिन्होंने अपनी जाति बदल दी थी। क्योंकि उन्हें डर था।
    कोलंबस भी ऐसा ही कर रहा था। उसकी जाति उसकी नहीं, बल्कि उसके बचाव की थी।
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    Sohan Chouhan

    नवंबर 5, 2024 AT 19:11
    ये डीएनए वाले सब झूठ हैं भाई। वो लोग जो इसे प्रोमोट कर रहे हैं, वो अमेरिका के लोग हैं। वो हमारे इतिहास को बदलना चाहते हैं।
    मैंने एक बार एक वीडियो देखा था, जिसमें बताया गया था कि ये सब एक बड़ा कॉन्सपिरेसी है।
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    SHIKHAR SHRESTH

    नवंबर 5, 2024 AT 22:10
    इस खोज के बारे में अगर वास्तविक डेटा है, तो ये विश्व इतिहास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
    हमें इसे शिक्षा में शामिल करना चाहिए।
    अगर ये सच है, तो हमारे बच्चों को ये बताना जरूरी है।
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    haridas hs

    नवंबर 7, 2024 AT 21:46
    यहूदी वंश के डीएनए मार्कर्स की पुष्टि के लिए Y-क्रोमोसोम और mtDNA दोनों का एनालिसिस किया गया है।
    सेफ़रडी यहूदियों के लिए अल्फ़ा-एंटीबॉडी फ्रीक्वेंसी पैटर्न और लैक्टोज नॉन-पर्मेनेंट जीन का विश्लेषण भी किया गया है।
    इन डेटा के आधार पर, संभावित वंशजों के बीच 97.3% समानता पाई गई है।
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    Sri Satmotors

    नवंबर 8, 2024 AT 03:58
    अगर ये सच है, तो ये बहुत खूबसूरत बात है। हम सब एक दूसरे से जुड़े हैं।

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