टी20 विश्व कप जीत के साथ राहुल द्रविड़ ने भारतीय टीम को कोचिंग में रचा इतिहास
जून, 30 2024
राहुल द्रविड़ ने टी20 विश्व कप जीत के साथ छोड़ी अमिट छाप
भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने अपने कार्यकाल का अंत अत्यंत गर्व के साथ किया है। वेस्ट इंडीज में टी20 विश्व कप जीतने के बाद उन्होंने एक ऐसे मोड़ को पार कर लिया है, जिसका अरसे तक इंतजार था। राहुल द्रविड़, जिन्हें भारतीय क्रिकेट टिम के 'द वॉल' के नाम से भी जाना जाता है, ने बतौर कोच अपने कार्यकाल को गौरवपूर्ण ढंग से समाप्त किया।
2007 की निराशा का अंत
वेस्ट इंडीज का मैदान राहुल द्रविड़ के लिए एक प्रकार से व्यक्तिगत बदला लेने का स्थान भी था। 2007 में जब वह भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे, तब टीम पहले ही दौर में बाहर हो गई थी। यह हार उनके करियर में एक कठिन मोड़ थी। लेकिन उसी धरती पर टी20 विश्व कप जीतने से उनकी पेशेवर जिंदगी में एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है।
राहुल द्रविड़ : एक निःस्वार्थ कोच
राहुल द्रविड़ ने इस जीत को अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि मानने से इंकार कर दिया है। उनके अनुसार, वे किसी 'विरासत' की तलाश में नहीं हैं, बल्कि बस अपनी टीम को सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास कर रहे थे। उनका मानना है कि ये जीत टीम की सामूहिक मेहनत और संकल्प का परिणाम है। यही उनकी कोचिंग की विशेषता रही है - एक ऐसा परिवेश बनाना, जहां खिलाड़ियों को उनकी संपूर्ण क्षमता के साथ खेलने का मौका मिले।
टीम को संवेदनशीलता के साथ सँभाला
द्रविड़ का कार्यकाल इसलिए भी खास था क्योंकि उन्होंने उच्च प्रोफ़ाइल और बड़ी-बड़ी शख्सियतों वाली टीम को बड़ी सहजता और संवेदनशीलता के साथ सँभाला। उनकी कोचिंग शैली में किसी प्रकार की हस्तक्षेपवादी प्रकृति नहीं थी, बल्कि उन्होंने खिलाड़ियों को अपने तरीके से अपनी भूमिका निभाने दी। उन्हें ऐसा विश्वास था कि अगर खिलाड़ियों को सही माहौल और समर्थन दिया जाए, तो वे अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
घरेलू विश्व कप की हार का दर्द
राहुल द्रविड़ ने ये जीत उन तमाम नाकामियों पर एक तरह से मरहम का काम किया है, जिनसे वे गुजरे हैं। विशेषकर 50 ओवर के घरेलू विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हारने के बाद आई निराशा को उन्होंने अब भूला दिया है। टी20 विश्व कप की ये जीत उनके लिए एक बड़ी राहत की तरह है। उनका कहना है कि वेस्ट इंडीज की इस जीत की स्मृति उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है।
नए कोच के लिए चुनौती
राहुल द्रविड़ ने जिस तरह से टीम को सँभाला और जीत की राह पर लौटाया, वह नया पैमाना बना है। उनके जाने के बाद नए कोच के सामने चुनौती होगी कि वे इस मानक को बनाए रखें और टीम को और भी ऊँचाइयों पर ले जाएं। द्रविड़ के कार्यकाल को याद रखा जाएगा क्योंकि उन्होंने न केवल टीम को जीत दिलाई बल्कि एक नया दृष्टिकोण भी प्रदान किया।
निष्कर्ष
अंत में, राहुल द्रविड़ के इस अद्भुत कार्यकाल को उनकी लगातार मेहनत, टीम के प्रति निष्ठा, और खेल के प्रति अतुलनीय योगदान के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने न केवल अपने नाम के साथ, बल्कि भारतीय क्रिकेट के इतिहास के साथ भी एक अमिट पहचान बना ली है। उनके द्वारा बनाई गई विरासत को बनाए रखना और आगे बढ़ाना नए कोच के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती होगी।
Dinesh Bhat
जुलाई 1, 2024 AT 11:20Kamal Sharma
जुलाई 2, 2024 AT 09:35Himanshu Kaushik
जुलाई 2, 2024 AT 18:50Sri Satmotors
जुलाई 4, 2024 AT 06:36Sohan Chouhan
जुलाई 4, 2024 AT 18:47SHIKHAR SHRESTH
जुलाई 5, 2024 AT 19:08amit parandkar
जुलाई 7, 2024 AT 12:11Annu Kumari
जुलाई 8, 2024 AT 05:23