तेलंगाना में 5.3 तीव्रता का भूकंप: सुरक्षित क्षेत्रों में अनपेक्षित कंपन
दिस॰, 4 2024
भूमिका और संदर्भ
बुधवार सुबह तेलंगाना के मुलुगू जिले में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, यह भूकंप 5.3 तीव्रता का था। इस प्रकार के भूकंप आमतौर पर इस क्षेत्र में देखने को नहीं मिलते, क्योंकि तेलंगाना का यह क्षेत्र भूकंप के जोन II के अंतर्गत आता है, जो कि एक कम जोखिम वाला इलाका है। रिपोर्ट के अनुसार, यह भूकंप सुबह 7:27 बजे आया, जिसके झटके हैदराबाद और आंध्र प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भी महसूस किए गए।
भूकंप का प्रभाव और आंकड़े
भूकंप का मुख्य केंद्र मुलुगू के गोदावरी नदी के किनारे दर्ज किया गया, जो कि हैदराबाद से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वारंगल के निवासियों ने भी इस भूकंप को महसूस किया। सुबह 7:30 बजे के करीब कुछ सेकेंड के लिए झटका महसूस किया गया और मकानों में लगे पंखे और कुछ सामान हिलते हुए देखा गया।
भूकंप के उपरांत, राष्ट्रीय भू-भौतिक अनुसंधान संस्थान के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक पूर्णचंद्र राव ने बताया कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में तीव्रता पाँच से अधिक का भूकंप दुर्लभ ही होता है। हालाँकि अगले कुछ दिन हल्के झटके लगते हैं, परंतु घबराने की आवश्यकता नहीं है। इसी इलाके में अंतिम प्रमुख भूकंप 1969 में भद्राचलम में 5.7 की तीव्रता का दर्ज किया गया था।
सुरक्षा उपाय और सलाह
परिणामस्वरूप, भूकंप विशेषज्ञ डी. श्रीनागेश ने भवनों की संरचनात्मक मजबूती को सुनिश्चित करने की आवश्यक सलाह दी। उनका कहना है कि भारत में 1982 से अब तक भूकंप और अन्य भूगर्भीय खतरों के कारण 30,000 से 40,000 के बीच जीवन की हानि हुई है। इसलिए राज्यों की नगर पालिकाओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी निर्माण गतिविधियाँ भूकंप-प्रतिरोधक हों। दोनों तेलुगु राज्यों में यह घटना एक चेतावनी के रूप में देखी जानी चाहिए कि वे संरचनात्मक मजबूती के लिए आवश्यक कदम उठाएँ।
भविष्य की तैयारी और सुरक्षा
हालांकि, इस भूकंप से तात्कालिक नुकसान या हताहत की सूचना नहीं मिली है, लेकिन केंद्र बिंदु के आसपास के क्षेत्र में हल्के नुकसान और झटकों की संभावना बनी रहती है। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में भी थोड़ी कंपन महसूस की गई है। अब यह तेलुगु राज्यों के लिए आवश्यक हो गया है कि वे भूकंप से सुरक्षा संबंधी उपायों को प्राथमिकता दें और संभावित जोखिमों से बचाव हेतु आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक उपायों को अपनाएँ।
कुल मिलाकर, यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारी तैयारियाँ कितनी कारगर हैं और हम भविष्य में क्या बेहतर कर सकते हैं। लोगों को जागरूक करने और निर्माण के नियमानुसार तात्कालिक कदम उठाने से संभावित नुकसान को घटाया जा सकता है। भूकंप जैसी आपदाओं के प्रति जागरूक रहकर ही हम अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।
Himanshu Kaushik
दिसंबर 6, 2024 AT 16:41ये भूकंप तो बिल्कुल अजीब बात है। हमारे यहाँ तो पानी की टंकी भी नहीं गिरती, अचानक फर्श हिल गया। क्या हो रहा है इस जमीन में?
Kamal Sharma
दिसंबर 8, 2024 AT 16:23इस तरह के भूकंप के बारे में कोई चेतावनी नहीं थी? अगर हमारी सरकार इतनी अनदेखी कर रही है तो फिर हम किस बात पर भरोसा करें? ये बस एक झटका नहीं, ये एक चेतावनी है कि हमारी नीतियाँ टूट रही हैं।
Sri Satmotors
दिसंबर 9, 2024 AT 08:54सब कुछ ठीक है। बस थोड़ा ध्यान रखो। जीवन जीओ। 😊
Sohan Chouhan
दिसंबर 10, 2024 AT 06:24अरे भाई ये सब बकवास है! भूकंप तो अमेरिका या जापान में होता है, हमारे यहाँ क्या बात है? ये सब लोग डराने के लिए झूठ बोल रहे हैं। असली भूकंप तो जब तक दिल नहीं धड़केगा तब तक नहीं होगा।
SHIKHAR SHRESTH
दिसंबर 12, 2024 AT 00:29मुलुगू के पास गोदावरी के किनारे जमीन का ढांचा बहुत पुराना है, और ये तनाव लगभग 40 साल से इकट्ठा हो रहा था। इसलिए ये भूकंप अनिवार्य था। लेकिन ये जो बताया जा रहा है, वो बहुत आसानी से बताया जा रहा है। असली बात तो ये है कि हमारे निर्माण नियम अभी भी 1970 के दशक में फंसे हुए हैं।
amit parandkar
दिसंबर 13, 2024 AT 09:37ये सब एक तरह का टेस्ट है। जानते हो न? अमेरिका के लोग इसे हाइड्रोलिक फ्रैकिंग के जरिए नियंत्रित करते हैं। ये भूकंप किसी और के लिए नहीं, बल्कि हमारे लिए है। वो देख रहे हैं कि हम कितने बेकाबू हैं।
Annu Kumari
दिसंबर 14, 2024 AT 10:59मुझे लगता है कि हम सब इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए... लेकिन डर के बजाय साथ मिलकर काम करना चाहिए। अगर हम एक साथ रहेंगे, तो ये भी बहुत बड़ी बात नहीं होगी।
haridas hs
दिसंबर 15, 2024 AT 02:14इस घटना के संदर्भ में, भूगर्भीय तनाव वितरण के अध्ययन के लिए जीओएसएस डेटा के अतिरिक्त, एस-वेव वेग अनियमितताओं का विश्लेषण अत्यंत आवश्यक है। यदि इस क्षेत्र में भूकंपीय जोन का वर्गीकरण अभी भी जोन II के रूप में रखा गया है, तो यह एक गंभीर वैज्ञानिक लापरवाही है।
Shiva Tyagi
दिसंबर 15, 2024 AT 15:35ये भूकंप भारत के विरुद्ध एक षड्यंत्र है। विदेशी शक्तियाँ हमारी जमीन को कमजोर कर रही हैं। ये नहीं चाहतीं कि हम खुद को सुरक्षित करें। हमारे बच्चों के लिए एक शक्तिशाली भारत बनाना होगा, न कि डर के आगे झुकना!
Pallavi Khandelwal
दिसंबर 16, 2024 AT 09:43मैंने तो सुबह उठते ही एक अजीब सी आवाज़ सुनी... जैसे कोई आकाश से गिर रहा हो। और फिर झटका। मैंने अपनी बेटी को गले लगा लिया। मैंने तो सोचा था कि ये अंत है। अब मैं रात को सो नहीं पाती। क्या ये दुनिया का अंत है?
Mishal Dalal
दिसंबर 17, 2024 AT 01:10ये भूकंप तो भारत के लिए एक आध्यात्मिक संदेश है! जब तक हम अपने अहंकार को नहीं छोड़ेंगे, तब तक ये जमीन हिलती रहेगी। भूकंप देवी का क्रोध है। वो हमें याद दिला रही हैं कि हम उसकी बेटियाँ हैं, न कि उसके मालिक।