TCS ने Q2 FY2026 में ₹12,075 करोड़ शुद्ध लाभ दर्ज किया, राजस्व $7.67 बिलियन

TCS ने Q2 FY2026 में ₹12,075 करोड़ शुद्ध लाभ दर्ज किया, राजस्व $7.67 बिलियन अक्तू॰, 10 2025

जब TCS, भारत की सबसे बड़ी सूचना‑प्रौद्योगिकी सेवाओं की कंपनी, ने अपना दूसरा तिमाही परिणाम घोषित किए, तो निवेशकों का दिल धड़क रहा था। परिणाम 9 अक्टूबर 2025 को, 15:30 IST पर, मुंबई में हुए एक आधिकारिक प्रेस रिलीज़ के माध्यम से सार्वजनिक किए गये। कंपनी ने जुलाई‑सितंबर तिमाही में ₹12,075 करोड़ शुद्ध लाभ रिपोर्ट किया, जबकि बाजार की अपेक्षा ₹12,528.3 करोड़ थी। राजस्व ₹65,799 करोड़, यानी $7.67 बिलियन, आया – यह अनुमानित ₹65,114 करोड़ से ऊपर रहा।

परिणामों का सारांश

ऐसे समय में जब भारतीय आयटी स्टॉक्स को अक्सर निराशा का सामना करना पड़ता है, TCS का यह प्रदर्शन कुछ अलग कहता है। EBIT मार्जिन 25.2% तक पहुंचा, जो पिछली तिमाही के 24.5% से 70 बेसिस पॉइंट बढ़ा, और अनुमानित 24.7% से भी बेहतर रहा। यह मार्जिन विस्तार कई सेक्टरों में गति के कारण हुआ, विशेषकर ऊर्जा‑संसाधन और उपयोगिता (7% वृद्धि) तथा निर्माण (5.3% वृद्धि) में।

सेक्टर‑वार प्रगति और मार्जिन विस्तार

ऊर्जा, संसाधन और उपयोगिता सेक्टर में 7% की बढ़ोतरी, TCS को उन बड़े सरकारी‑निजी पोर्टफोलियो में गहरी छाप छोड़ने में मदद मिली, जहाँ डिजिटल परिवर्तन की तेज़ जरूरत है। निर्माण उद्योग में 5.3% की वृद्धि संकेत देती है कि क्लाउड‑आधारित उत्पादन योजनाओं का अपनाना तेज़ हो रहा है।

उद्यम समाधान (Enterprise Solutions) विंग ने ERP आधुनिकीकरण पर जोर दिया, जहाँ ग्राहक सप्लाई‑चेन अनुकूलन और स्थिरता पहलों में निवेश कर रहे हैं। साथ ही, रजत शर्मा, एक प्रमुख क्लाइंट एग्जीक्यूटिव, ने कहा: “हम TCS के साथ साझेदारी गहरा कर रहे हैं ताकि एक स्थायी, तेज़‑गति वाला आईटी वातावरण तैयार किया जा सके जो हमारे विकास उद्देश्यों को समर्थन दे।”

जनरेटिव एआई (GenAI) समाधान भी काफी लोकप्रिय हुए। कंपनी की Crystallus™ प्लेटफ़ॉर्म, प्री‑कॉन्फ़िगर्ड इंडस्ट्री मॉडल के साथ, कई ग्राहकों को तेज़‑गति डिजिटल ट्रांज़िशन में मदद कर रहा है।

पुनर्संरचना खर्च और छिपे हुए आँकड़े

क्वार्टर में ₹1,135 करोड़ का पुनर्संरचना खर्च आया, जो अधिकांश विश्लेषकों का मानना है कि हाल ही में घोषित 1,200 कर्मचारियों के छँटनी से जुड़ा है, जो पुनः‑स्किल नहीं हो सके। विशेष बात यह है कि TCS ने इस बार अपने LTM एट्रिशन दर और कुल हेडकाउंट डेटा को छोड़ दिया – एक ऐसी जानकारी जो पहले हर तिमाही में उपलब्ध कराई जाती थी। इससे उद्योग विशेषज्ञों में सवाल उठे, क्योंकि इन मीट्रिक से कंपनी की प्रतिभा‑प्रबंधन रणनीति को समझा जा सकता था।

हालांकि, कंपनी ने कहा कि ये आंकड़े “आगामी तिमाही में स्पष्ट किए जाएंगे”, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक स्पष्टीकरण नहीं मिला। इस अनिश्चितता ने कुछ निवेशकों को सतर्क किया, विशेषकर उन लोगों को जो कर्मचारियों की स्थिरता को कंपनी की दीर्घकालिक वृद्धि का संकेत मानते हैं।

बाज़ार प्रतिक्रिया और भविष्य की दृष्टि

बाज़ार प्रतिक्रिया और भविष्य की दृष्टि

निफ्टी 50 में लगभग 3.5% वेटेज वाले TCS के परिणामों ने शेयर बाजार में हल्की उछाल मोड़ दिया। परिणाम जारी होने के बाद पहली घंटों में स्टॉक में 1.2% की मामूली बढ़ोतरी दर्ज हुई, जबकि कुछ एएनएएलिस्ट ने मार्जिन में सुधार को “सकारात्मक संकेत” कहा। फिर भी, शुद्ध लाभ की कमी और छूटे हुए आंकड़े कई निवेशकों को “सावधानी” बरतने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

आने वाले दो हफ्तों में कंपनी की अगली आय कॉल 15 अक्टूबर 2025 को निर्धारित है, जहाँ प्रबंधन को पुनर्संरचना खर्च, एट्रिशन दर और भविष्य की मार्गदर्शन पर विस्तार से बात करनी होगी। यह कॉल निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा, क्योंकि इससे यह स्पष्ट होगा कि TCS किस दिशा में अपने कार्यबल और तकनीकी निवेश को ले जा रहा है।

विश्लेषकों की राय और अनुमान

CNBC-TV18 के कई विश्लेषकों ने इस परिणाम को “वित्तीय स्थिरता और सेक्टर‑स्पेसिफिक ग्रोथ का मिश्रण” कहा। कुछ ने अनुमान लगाया कि यदि कंपनी अगली तिमाही में पुनर्संरचना खर्च को कम कर पाए, तो EBIT मार्जिन 26% तक बढ़ सकता है।

दूसरी ओर, कुछ निवेश सलाहकारों ने चेतावनी दी कि “छूटे हुए एट्रिशन डेटा” कंपनी की मानव‑पूंजी रणनीति में संभावित जोखिम को दर्शा सकता है, विशेषकर जब वैश्विक आईटी टैलेंट की कमी की चर्चा चल रही है।

इस बीच, TCS ने अपने भविष्य के रोडमैप में “हाइब्रिड क्लाउड, एआई‑ड्रिवेन ऑपरेशन्स और सतत विकास” को मुख्य स्तंभ बताया है, जो दर्शाता है कि कंपनी को सीमित समय में कई नई तकनीकी उन्नतियों को अपनाना होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

TCS के शुद्ध लाभ में अंतर का कारण क्या है?

शुद्ध लाभ में अनुमानित 453.3 करोड़ की गिरावट मुख्यतः ₹1,135 करोड़ के पुनर्संरचना खर्च के कारण हुई, जो 1,200 कर्मचारियों की छँटनी से जुड़ी थी। अन्य बातों में कुछ प्रोजेक्ट्स की स्थगन और मूल्य निर्धारण दबाव ने भी कमाई पर असर डाला।

क्या TCS की एट्रिशन दर की कमी निवेशकों को चिंतित करेगी?

हाँ, एट्रिशन दर अक्सर कंपनी की प्रतिभा‑प्रबंधन क्षमता को दर्शाती है। इस आँकड़े को न दर्शाने से विश्लेषकों को यह अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है कि कंपनी के पास पर्याप्त कुशल workforce है या नहीं, खासकर AI‑ड्रिवेन प्रोजेक्ट्स में।

कौन‑से सेक्टर ने इस तिमाही में सबसे अधिक योगदान किया?

ऊर्जा, संसाधन और उपयोगिता सेक्टर ने 7% की सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की, जिससे इस क्वार्टर में कुल राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान मिला। निर्माण और बैंकिंग‑बीमा भी अच्छे प्रदर्शन कर रहे थे।

भविष्य की आय कॉल में किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?

निवेशकों को पुनर्संरचना खर्च की विस्तृत जानकारी, एट्रिशन और हेडकाउंट आँकड़े, साथ ही अगले क्वार्टर के मार्जिन लक्ष्य और AI‑सेवा के विस्तार के बारे में पूछताछ करनी चाहिए। ये पहलू कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति को स्पष्ट करेंगे।

क्या TCS का राजस्व अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ रहा है?

हाँ, 6.4% की YoY वृद्धि और $7.67 बिलियन का राजस्व दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय ग्राहक, विशेषकर यू.एस. और यूरोप में, TCS की डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन सेवाओं को अधिक अपनाते जा रहे हैं।

1 Comment

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    Pallavi Gadekar

    अक्तूबर 10, 2025 AT 04:57

    वाह जी, TCS ने फिर से धूम मचा दी! राजस्व का नंबर देखकर दिल खुश हो गया, लेकिन शुद्ध लाभ थोड़ा कम निकला 😅. फिर भी इस क्वार्टर में एनेर्जी सेक्टर की ग्रोथ देखके लगता है कि डिज़िटल ट्रांसफॉर्मेशन सही दिशा में जा रहा है. पुनर्संरचना खर्च थोडा ज्यादा लग रहा है, लेकिन कंपनी की स्ट्रेटेजी मजबूत है. कई लोग इसको लेकर फिक़र में हैं, पर हमें रुकना नहीं चाहिए; आगे की चालें ज़रूर साफ़ होंगी.

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