राष्ट्रीय सुरक्षा: आज की चुनौतियाँ और भारत के कदम
आप भी अक्सर सुनते हैं कि देश को कौन‑सी नई धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। चाहे वह सीमा पर तनाव हो, साइबर हमले हों या आतंकी साजिशें, हर मुद्दे में जनता की सुरक्षा सीधे जुड़ी होती है। इस लेख में हम सरल शब्दों में समझेंगे कि भारत आज किन मुख्य खतरों से जूझ रहा है और सरकार ने कौन‑से कदम उठाए हैं.
सीमा पर तनाव और कूटनीति
पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान, चीन और नेपाल के साथ सीमा विवाद फिर से चर्चा में आए। विशेषकर कश्मीर की स्थिति को लेकर भारत ने कई बार सैन्य तैयारियों का इशारा किया है। लेकिन केवल ताकत दिखाना काम नहीं करता – सरकार ने दुश्मन देशों के साथ संवाद जारी रखा है, ताकि शांति बनाए रखी जा सके. इस दौरान ऑपरेशन सिन्दूर जैसे कदमों से भारत की दृढ़ता और कूटनीतिक पहल दोनों सामने आईं.
साइबर सुरक्षा और डिजिटल धमकियाँ
डिजिटल दुनिया में अब सिर्फ कंप्यूटर नहीं, बल्कि मोबाइल, क्लाउड सर्वर और IoT डिवाइस भी लक्ष्य बनते हैं। हाल ही में कुछ बड़े बैंक और सरकारी पोर्टल पर DDoS अटैक हुआ था, जिससे कई घंटे की सेवाओं में बाधा आई। इस कारण भारत ने साइबर सुरक्षा नीति 2023 को लागू किया, जिसमें साइबर रेस्पॉन्स टीमों का निर्माण और निजी‑सरकारी सहयोग बढ़ाने का प्रावधान है. अगर आप ऑनलाइन बैंकिंग या ई‑कॉमर्स करते हैं तो दो-फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन ज़रूर इस्तेमाल करें; यह एक आसान लेकिन प्रभावी सुरक्षा उपाय है.
आतंकवाद भी राष्ट्रीय सुरक्षा की बड़ी चुनौती बना हुआ है। जम्मू‑काश्मीर, उत्तर प्रदेश और बिहार में कई बार आतंकी हमले हुए हैं. सरकार ने राष्ट्रीय आतंकविरोधी रणनीति के तहत सूचना एकत्रीकरण को तेज़ किया और राज्य पुलिस व केंद्रीय एजेंसियों के बीच डेटा शेयरिंग बढ़ाई है. साथ ही, युवा वर्ग को रोजगार देने वाले योजनाओं जैसे स्किल इंडिया से उन पर भर्ती की संभावना कम होती है, जो अक्सर आतंकवादी समूहों का लक्ष्य बनते हैं.
रक्षा तकनीक में भी भारत ने बड़े बदलाव किए हैं। अब तक के सबसे महंगे प्रोजेक्ट – पेंच्याल‑इंडिया और तेजस‑एयरक्राफ्ट – दोनों को स्वदेशी तौर पर विकसित किया गया है. इससे न केवल विदेशी निर्भरता घटती है, बल्कि भारतीय उद्योग का विकास भी होता है. जब देश अपने हथियार खुद बनाता है तो दुश्मन के लिए उसे रोकना कठिन हो जाता है.
इन सभी कदमों की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि जनता जागरूक रहे। अगर आप किसी संदिग्ध गतिविधि को देखेँ या साइबर फिशिंग मैसेज मिले, तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें. छोटी‑सी सतर्कता बड़े नुकसान को रोक सकती है.
संक्षेप में, राष्ट्रीय सुरक्षा सिर्फ सेना की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर भारतीय का कर्तव्य है। सीमा पर दृढ़ रुख, साइबर जागरूकता और सामाजिक विकास के बीच संतुलन बनाकर ही हम सुरक्षित भविष्य बना सकते हैं. आगे भी ख़बरें इंडिया इस विषय पर ताज़ा अपडेट लाता रहेगा, तो जुड़े रहिए.