सित॰, 30 2025, 13 टिप्पणि
दिल्ली‑NCR में महा अष्टमी पर भारी बारिश, IMD ने ऑरेंज अलर्ट जारी
दिल्ली‑NCR में महा अष्टमी के दिन तेज़ बारिश, IMD का ऑरेंज अलर्ट और तापमान में तीव्र गिरावट, जिससे परिवहन व धार्मिक कार्यक्रम प्रभावित हुए।
आगे पढ़ेंजब बात महा अष्टमी की होती है, तो हम एक ऐसा दिन समझते हैं जहाँ देवी दुर्गा की शक्ति का चरम रूप दर्शाया जाता है। यह नवरात्रि के आठवें दिन मनाया जाता है, जो नवरात्रि का मुख्य भाग है और कई क्षेत्रों में गरबा तथा व्रत के साथ जुड़ा रहता है। इस दिन की पूजा में धारणीय पद्धति, विशेष भोजन और सामुदायिक नृत्य शामिल होते हैं, जिससे घर‑परिवार में उत्सव का माहौल बनता है।
महा अष्टमी की प्रमुख कथा महामर्यादा का प्रतिक है, जहाँ देवी दुर्गा ने दुष्ट बंधों को हराकर अपने शौर्य का प्रदर्शन किया। इस दिन माँ को अष्टमावती के रूप में पूजते समय आठवें स्वरूप की शक्ति को आराधते हैं, जिससे यह दिन शक्ति, साहस और निःस्वार्थता का संदेश देता है। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि इस दिन किए गए व्रत और जप का असर अगले दिन के दशहरा में विशेष रूप से झलकता है।
जिला‑दस्ते में यह भी उल्लेख है कि महा अष्टमी पर भगवान विष्णु के साथ मां के मिलन को "विजय‑उत्सव" कहा जाता है, जिससे इस दिन को सामाजिक और आध्यात्मिक दोहरी महत्ता मिलती है। इस संकल्प को याद रखना आसान है: "अष्टमी – शक्ति का शिखर, गर्व का जश्न"।
हर प्रदेश में इस दिन के अनुष्ठान थोड़े अलग होते हैं, फिर भी मूल भावना वही रहती है – माँ को सम्मानित करना, शेर‑सिंहासन पर बैठकर उसकी महिमा को गाना। इस विविधता को समझना हमें भारत की सांस्कृतिक जड़ें देखाता है और यह बताता है कि एक ही उपहार पर कई रूपों में श्रद्धा कैसे खिलती है।
भोजन के मामले में महा अष्टमी पर अक्सर "पूरी‑भुजिया", "आलू चोखा" और "सरसों का साग" जैसी सादगीपूर्ण लेकिन स्वादिष्ट थालियाँ परोसी जाती हैं। कुछ क्षेत्रों में विशेष रूप से "सजरा" नामक मीठा बनाया जाता है, जो व्रत‑उपवास के बाद शरीर को ऊर्जा देता है। ये व्यंजन न केवल स्वाद के लिए, बल्कि पोषण के हिसाब से भी उपयुक्त माने जाते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो दिन भर झूले‑झूले नाचते‑गाते हैं।
गरबा, रोहिणी और धोलक के ताल पर थिरकते हुए लोग अक्सर अपनी मन की चिंताओं को छोड़ देते हैं। यह नृत्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक है। गरबा में भाग लेने के लिए महिलाओं के परिधान और मनके की सजावट भी मज़े का हिस्सा बन जाती है, जिससे इस त्योहार की चमक और बढ़ जाती है।
व्रत की बात करें तो कई परिवार सुबह हल्का नाश्ता लेकर मध्याह्न तक का उपवास रखते हैं। कुछ लोग केवल फल‑फूल का सेवन करते हैं, जबकि अन्य लोग पूरे दिन पानी‑व्रत ही अपनाते हैं। मेडिकल रिपोर्ट्स इंगित करती हैं कि उचित व्रत शरीर की डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया को तेज़ करता है, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ संभावित हैं।
वर्तमान में डिजिटल युग ने महा अष्टमी को नई रूप‑रेखा दी है। कई ऐप्स में पवित्र गीत, जप और रेसिपी को आसानी से एक्सेस किया जा सकता है। सोशल मीडिया पर #MahaAshtami जैसे हैशटैग से लोग अपने उत्सव की झलकियां शेयर करते हैं, जिससे यह त्योहार राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी पहचाना जाता है।
आप इस पेज पर महा अष्टमी से जुड़ी नवीनतम खबरें, आध्यात्मिक टिप्स और व्यावहारिक जानकारी पाएँगे। नीचे की सूची में धार्मिक विधि, स्थानीय आयोजन और नई तकनीकों के साथ जुड़े आलेख शामिल हैं, जो आपके उत्सव को और भी रंगीन बना देंगे। पढ़ते रहें और अपने महा अष्टमी को यादगार बनाइए।
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