घुटने की चोट: क्या है, कैसे पहचानें और ठीक करें
अगर आपको या आपके किसी परिचित को घुटने में दर्द, सूजन या चलने‑फिरने में दिक्कत महसूस हो रही है तो यह आम तौर पर घुटने की चोट का संकेत हो सकता है। खेलते समय, अचानक रुकावट या गिरते ही अक्सर यह समस्या होती है, लेकिन रोज़मर्रा के कामों में भी घुटना ख़राब हो सकता है।
लक्षण और तुरंत क्या करें
घुटने की चोट के मुख्य लक्षण हैं‑ दर्द (स्थिर या तेज़), सूजन, लालिमा, हिलाने पर आवाज़ या ‘पॉप’ लगना, और चलने में अड़चन। यदि चोट के बाद घुटना मोड़े नहीं पा रहे हों या पैर झुकता न हो तो इसे गंभीर माना जाता है।
पहला कदम है‑ दर्द को कम करने के लिए तुरंत बर्फ़ (आइस पैक) लगाएँ, 15-20 मिनट तक दो‑तीन बार दिन में। फिर आराम दें और घुटने पर हल्का दबाव रखें, जैसे एलीएसिव बैंडेज। अगर सूजन बढ़े या दर्द लगातार बना रहे तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है।
घर पर उपचार एवं बचाव के उपाय
डॉक्टर की सलाह मिलने तक आप घर पर कुछ आसान कदम उठा सकते हैं: 1) पैर को ऊँचा रखें, ताकि सूजन कम हो; 2) हल्के स्ट्रेचिंग और मसल‑स्ट्रेंथ एक्सरसाइज जैसे क्वाड्रिसेप्स और हैमस्ट्रिंग का व्यायाम धीरे‑धीरे शुरू करें; 3) ओवर‑द-काउंटर दर्दनिवारक (इबुप्रोफेन या पैरासिटामोल) ले सकते हैं, लेकिन मात्रा पर ध्यान दें।
रिहैबिलिटेशन में फिजियोथेरेपी बहुत मददगार होती है। विशेषज्ञ अक्सर ‘कोपिंग’ और ‘प्रोग्रेसिव रेज़िस्टेंस’ एक्सरसाइज़ करवाते हैं जो घुटने की स्थिरता बढ़ाते हैं। अगर चोट एंट्री या लिगामेंट टियर जैसी गंभीर हो तो सर्जरी भी विकल्प बन सकती है, पर अधिकांश मामलें में उचित फ़िजिकल थेरपी से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
भविष्य में घुटने को बचाने के लिए कुछ सरल आदतें अपनाएँ: रोज़ 5‑10 मिनट की स्ट्रेचिंग, भारी वजन उठाते समय सही फॉर्म रखें, और अत्यधिक दौड़ या कूद से पहले वार्म‑अप न भूलें। साथ ही मोटापा कम रखने पर घुटने पर दबाव घटता है, इसलिए संतुलित आहार और हल्का व्यायाम मददगार होते हैं।
सारांश में, अगर आप अचानक घुटने में दर्द या सूजन महसूस करते हैं तो तुरंत बर्फ़ लगाएँ, आराम दें और डॉक्टर की सलाह लें। घर पर स्ट्रेचिंग व मसल‑बिल्डिंग एक्सरसाइज़ से सुधार तेज़ हो सकता है, और नियमित देखभाल से भविष्य में चोट कम होगी।