सोने ने बनाया नया रिकॉर्ड: अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और भू-राजनीतिक जोखिमों के बीच ऐतिहासिक ऊँचाई

सोने का रिकॉर्ड ब्रेक सफर: क्या है इस उछाल के पीछे?
सोने ने 21 अप्रैल 2025 को सोना बाजार में नया इतिहास रच दिया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत $3,385.08 प्रति औंस तक पहुंच गई, जो पहले कभी नहीं देखा गया था। कारोबार बंद होते समय भी सोना $3,373.70 प्रति औंस रहा और अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स में भी 1.8% उछाल के साथ यह $3,386.50 तक पहुंच गया। बुलियन एक्सचेंज के आंकड़े इसे और ऊपर दिखाते हैं—$3,427.00 प्रति औंस! सिल्वर ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया, इसकी कीमत $32.90 पर मजबूत रही।
लेकिन क्या अचानक इतना बड़ा उछाल आया? दरअसल, व्यापार तनाव और आर्थिक जोखिमों ने सोने की चमक को और बढ़ा दिया। अमेरिका और चीन में बढ़ती तनातनी—जहां एक तरफ अमेरिकी प्रशासन ने दोहरे टैक्स और सख्ती का रास्ता चुना, वहीं चीन ने दूसरी देशों को चेतावनी दे डाली कि वे उसके हितों के खिलाफ जाएं तो अंजाम भुगतने को तैयार रहें। जिस तरह से दोनों देश आमने-सामने हैं, उसने निवेशकों के भीतर डर बढ़ा दिया और लोग सुरक्षित ठिकाने के तौर पर सोने की ओर भागने लगे।
दूसरी वजह बना डॉलर का कमजोर होता रुख। जब डॉलर कमजोर होता है, तो दूसरे देशों के खरीदारों के लिए सोना खरीदना सस्ता और आकर्षक हो जाता है। इस बार यही देखने को मिला—विदेशी निवेशक भारी मात्रा में सोना खरीदते नजर आए। सोने का ग्लोबल डिमांड भी इसी कारण अचानक बढ़ा और कीमतें अनोखे मुकाम पर पहुंच गईं।
पड़ोसी देशों के मामले में भी वातावरण एकदम शांत नहीं रहा। रूस और यूक्रेन के बीच ईस्टर के मौके पर एक बार फिर संघर्ष तेज हो गया। दोनों एक-दूसरे पर युद्धविराम तोड़ने के आरोप लगा रहे हैं। इस तरह के भू-राजनीतिक जोखिम अक्सर निवेशकों को सतर्क कर देते हैं, और ऐसे मौके पर सोना हमेशा से उनकी पहली पसंद रहा है।
बाजार में सतर्कता और निवेशकों का झुकाव
समूची दुनिया की अर्थव्यवस्था फिलहाल हल्के झटकों के दौर से गुजर रही है। निवेशक मंदी और मुद्रास्फीति (stagflation) दोनों से परेशान हैं। ग्लोबल मार्केट्स में सुस्ती और महंगाई का साया लगातार मंडरा रहा है। विश्लेषकों के मुताबिक, मौजूदा परिस्थितियों में सेंट्रल बैंकों का भरोसेमंद रुख और लगातार बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता ने सोने को सबसे मजबूत सेफ हैवन बना दिया है। यही वजह है कि इन दिनों सोने में खरीदारी का ग्राफ ऊपर चढ़ता दिख रहा है।
दिलचस्प बात ये भी है कि सिल्वर की कीमत में थोड़ी गिरावट तो दिखी, लेकिन यह अब भी $32.90 प्रति औंस पर टिकी रही। इसके पीछे भी वही वजह है—बाजार में लगातार डिमांड और लोगों की कोशिश है कि वे अपने पैसे को सुरक्षित रखें। यह भी देखा गया है कि सोने की मांग के साथ-साथ चांदी में भी निवेशक रुचि दिखा रहे हैं, खासकर कंपनियां और बड़ी निवेश संस्थाएं।
- रिकॉर्ड कीमतें: सोना $3,385 प्रति औंस के पार गया
- व्यापार तनाव: अमेरिका-चीन रिश्तों में तकरार ने बाजार को झटका दिया
- भू-राजनीतिक संकट: रूस-यूक्रेन के बीच अशांति से निवेशक सतर्क
- कमजोर डॉलर: विदेशी निवेशकों के लिए सोना बना पहली पसंद
बाजार में फैली इस अनिश्चितता के दौर में लोग बार-बार पुराने ट्रेंड की तरफ लौट रहे हैं—जिसका नाम है सोना। कमजोर डॉलर, वैश्विक संकट और बढ़ती महंगाई, ये सारी बातें साथ आने पर सोने को नई उड़ान मिलती रही है। फिलहाल लोगों की निगाहें ये जानने में लगी हैं कि आने वाले दिनों में यह रिकॉर्ड कहां तक जा सकता है।