पुरानी कारों की बिक्री पर GST: सिर्फ डीलर के मार्जिन पर टैक्स, व्यक्तिगत बिक्री पर टैक्स नहीं
दिस॰, 25 2024पुरानी कारों की बिक्री पर GST: समझने योग्य निर्देश
भारतीय बाजार में पुरानी कारों की बिक्री एक महत्वपूर्ण व्यापार है। इस क्षेत्र में हाल ही में आए परिवर्तनों पर सरकार ने स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं। भारतीय राजस्व सचिव हसमुख अध्ये ने बताया कि अब पुरानी कारों की बिक्री पर जीएसटी का बोझ केवल उन डीलरों पर होगा जो पुरानी कारों को नये मालिक तक पहुंचाते हैं। जब कोई डीलर कार को खरीदता है और बेचता है, तब उस पर बनाए गए मार्जिन पर ही जीएसटी लागू होगा, न कि पूरे बिक्री मूल्य पर।
डीलर की मार्जिन पर GST कैसे काम करता है?
मान लीजिए, एक डीलर ने एक पुरानी कार 3 लाख रुपये में खरीदी है और उसे 3.5 लाख रुपये में बेच दिया। इस स्थिति में, GST उस 50,000 रुपये के लाभ पर लागू होगा जो डीलर ने कमाया है। इस नीति का उद्देश्य वाहन पर पहले से चुकाए गए उत्पाद शुल्क और वैट के दोगुनी कराधान को रोकना है। पहले विभिन्न राज्यों में वैट दरें 0.5% से 14% के बीच भिन्न होती थीं। इस नीति से राज्यों में GST के तहत कराधान उन राज्यों में कम होगा जहां पहले वैट दरें 5-6% से अधिक थीं।
क्या है GST की दर और कौन से वाहन आते हैं इसके दायरे में?
GST की दरें, पुरानी कारों पर, उन्हीं दरों पर निर्धारित की गई हैं जो नई कारों पर लागू होती हैं। छोटे वाहनों के लिए यह दर 29% है, जबकि अन्य सभी वाहनों के लिए यह 43% है। इससे यह अपेक्षा की जा रही है कि उपभोक्ताओं को किफायती और पारदर्शी कीमतों से लाभ मिलेगा। पहले यदि किसी राज्य में वैट दर 2% होती थी और कार की पुन: बिक्री कीमत 3.5 लाख रुपये होती थी, तो कर लगभग 7,000 रुपये तक होता था। लेकिन GST में डीलर द्वारा बनाए गए 10% मार्जिन को मानते हुए, टैक्स 9,000 रुपये तक होगा।
व्यक्तिगत बिक्री और व्यक्तिगत विक्रेताओं के लिए GST का प्रभाव
एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि व्यक्तिगत विक्रेताओं के बीच होने वाली बिक्री GST के दायरे में नहीं आएगी। जब एक व्यक्ति से किसी और व्यक्ति या कंपनी को कार बेचता है, तो उस लेनदेन पर GST लागू नहीं होगा। इसका अर्थ यह है कि व्यक्तिगत व्यापारियों पर कर का भार नहीं आएगा। यह नीति इसलिए अपनाई गई है ताकि छोटे विक्रेताओं और ग्राहकों को अनावश्यक कर देने की पेचीदगी से बचाया जा सके।
कुल मिलाकर यह प्रयास किए जा रहे हैं कि वाहन व्यापार क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता और कर की सादगी लाई जा सके।
इन बदलाओं से ग्राहकों को वैट के अनुकूलता के चक्कर में पड़े बिना ही पुरानी कारें सस्ते दरों पर मिल सकती हैं। उम्मीद की जा सकती है कि इन नीतियों से वाहन बाजार में और अधिक चहल-पहल आएगी और व्यापारियों तथा ग्राहकों दोनों को लाभ होगा।