प्रधानमंत्री मोदी का बयान: GDP के आंकड़े सिर्फ शुरुआत हैं, आगे और भी अच्छा होगा

प्रधानमंत्री मोदी का बयान: GDP के आंकड़े सिर्फ शुरुआत हैं, आगे और भी अच्छा होगा जून, 1 2024

प्रधानमंत्री मोदी का आत्मविश्वास और GDP के आंकड़े

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के नवीनतम GDP आंकड़ों पर गर्व व्यक्त किया और जनता को संबोधित करते हुए कहा कि ये आंकड़े सिर्फ शुरुआत हैं। यह एक संकेत है कि आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था और भी तेजी से विकसित होगी। 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.8% रही, जिससे वार्षिक दर 8.2% हो गई है।

मोदी ने इस सफलता का श्रेय भारतीय जनता को दिया, जिन्होंने अपनी मेहनत और प्रयासों से यह मुमकिन किया। उन्होंने कहा कि भारत आज भी विश्व की सबसे तेजी से बढ़ने वाली मुख्य अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह दर्शाता है कि हमारी अर्थव्यवस्था में एक मजबूत और साकारात्मक गति है जो आने वाले समय में और भी गति पकड़ने वाली है। इस संदर्भ में उन्होंने इसे एक 'ट्रेलर' के रूप में वर्णित किया और कहा कि असल में तो अभी बहुत कुछ और आना बाकी है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति वैश्विक स्तर पर विशेष ध्यान आकर्षित कर रही है। यह एक संकेत है कि दुनिया की नजरें भारतीय अर्थव्यवस्था की तरफ हैं और यहां निवेश करने के लिए नई संभावनाएं उत्पन्न हो रही हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने जोर देकर कहा कि यह वृद्धि तब आई है जब दुनिया भर के कई देश अभी भी कोविड-19 महामारी के प्रभावों से उबरने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने जोर दिया कि भारत की विकास दर केवल संख्याओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन बहादुरीपूर्ण कहानियों और संघर्षों का भी परिणाम है जो हमारे किसानों, व्यापारियों, और श्रमिकों ने किए हैं। इसके साथ ही, इस सफलता में छोटे और मझोले उद्योगों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। मोदी ने कहा कि सरकार ने कई नीतिगत सुधार किए हैं और उन सुधारों का प्रभाव अब दिखाई देने लगा है।

मजबूत बुनियादी ढांचे की भूमिका

मजबूत बुनियादी ढांचे की भूमिका

प्रधानमंत्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था के इस विकास को और भी अधिक प्रभावी बनाने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे (इन्फ्रास्ट्रक्चर) की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार तेजी से सड़क, रेल, विमानन और अन्य बुनियादी ढांचे के परियोजनाओं को पूरा कर रही है ताकि व्यापार और निवेश के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध हो।

उन्होंने बताया कि कैसे 'मेक इन इंडिया', डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं ने भी इस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन योजनाओं ने ना केवल घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित किया है, बल्कि विदेशी निवेशकों के लिए भी आकर्षक अवसर प्रदान किए हैं।

आगे की योजनाएं और अपेक्षाएं

आगे की योजनाएं और अपेक्षाएं

प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था और भी तेजी से बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि भारत में व्यापार करना और भी आसान हो और इसके लिए व्यापारिक नियमों को सरल बनाया जा रहा है। इसके साथ ही, आधुनिक तकनीक और नवाचार (इनोवेशन) को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि औद्योगिक विकास को गति मिल सके।

उन्होंने दर्शाया कि कैसे 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान ने देश को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर किया है। इस अभियान के तहत देश में उत्पादित वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे ना केवल घरेलू अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिल रहा है बल्कि वैश्विक बाजार में भी भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ रही है।

श्रमिकों और किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका

मोदी ने अपने भाषण में श्रमिकों और किसानों की भी प्रशंसा की और उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था का रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दुगनी करने की दिशा में सरकार काम कर रही है और इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके साथ ही, श्रमिकों के लिए भी कई नीति सुधार किए गए हैं ताकि उन्हें बेहतर कामकाजी माहौल और सुरक्षा मिल सके।

यहां यह ध्यान देना आवश्यक है कि विभिन्न सार्वजनिक कल्याण योजनाओं का लाभ भी इस आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि', 'प्रधानमंत्री आवास योजना', और 'प्रधानमंत्री जन धन योजना' जैसी योजनाएं नागरिकों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं और राष्ट्रीय जीडीपी में उनके योगदान को सुनिश्चित कर रही हैं।

अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का ध्यान

अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का ध्यान

मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की इस सकारात्मक वृद्धि ने अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का ध्यान भी खींचा है। उन्होंने बताया कि भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में वृद्धि हो रही है और यह देश की आर्थिक नीतियों और विस्तार योजनाओं के प्रति निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।

आज जब दुनियाभर की बड़ी कंपनियां अपने उत्पादन के लिए नए स्थान की तलाश कर रही हैं, भारतीय बाजार उनके लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभर रहा है। यह निवेशक विश्वास देश में न केवल आर्थिक स्थिरता प्रदान करेगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी खोलेगा।

प्रधानमंत्री का आशावादी दृष्टिकोण

अपने भाषण के अंत में, प्रधानमंत्री मोदी ने आशावाद व्यक्त किया और कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य उज्ज्वल है। उन्होंने देशवासियों को भी इस विकास यात्रा में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह हमारी कड़ी मेहनत और दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि आज हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं और आने वाले समय में यह यात्रा और भी फलदायी होगी।

अंतत: यह स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री मोदी भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और भविष्य के प्रति बहुत आशावादी हैं। उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि यह विकास यात्रा निरंतर जारी रहे और भारत को एक विश्वस्तरीय आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया जा सके।

6 टिप्पणि

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    Arun Kumar

    जून 3, 2024 AT 01:03

    भाई ये GDP का नंबर तो बस एक ट्रेलर है, असली फिल्म तो अभी बाकी है। मैंने अपने छोटे से दुकानदार दोस्त को देखा, जिसने अब अपना ऑनलाइन स्टोर खोल लिया है - बिना किसी सब्सिडी के, बस डिजिटल इंडिया की वजह से। ये वो असली कहानियाँ हैं जिनका कोई रिपोर्ट नहीं बनाता।

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    Suraj Dev singh

    जून 4, 2024 AT 11:38

    हाँ, लेकिन ये आंकड़े अच्छे हैं, लेकिन देखो गाँव के लोगों की बात करो। मेरे चाचा को अभी तक किसान सम्मान निधि का पैसा नहीं मिला, और उनकी फसल बर्बाद हो गई। GDP बढ़ रहा है, पर घर-घर की जेबें खाली हैं। क्या हम सिर्फ बड़े नंबरों के लिए जी रहे हैं?

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    Manu Tapora

    जून 5, 2024 AT 00:53

    7.8% विकास दर तो अच्छी है, लेकिन इसमें कितना हिस्सा निजी खपत का है, कितना निवेश का? और फिर ये बात कि FDI में वृद्धि हुई - वो भी क्या सिर्फ टेक और इलेक्ट्रॉनिक्स में? अगर हम असली निर्माण क्षेत्र में निवेश नहीं करेंगे, तो ये सब बस एक बुलबुला होगा। इस बारे में कोई डेटा शेयर कर सकते हैं?

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    haridas hs

    जून 6, 2024 AT 21:52

    इन आंकड़ों का विश्लेषण बिना संरचनात्मक बदलावों के अर्थहीन है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निवेश की दर 1.2% है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 11.8%। ये GDP वृद्धि एक विषमता का निर्माण कर रही है। आत्मनिर्भरता का नारा तो बहुत अच्छा है, लेकिन जब एक दर्जन निर्माता अपने उत्पादों को बाजार में उतारने के लिए 17 अलग-अलग लाइसेंस के लिए भाग रहे हैं, तो ये सब नाटक है।

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    Shiva Tyagi

    जून 7, 2024 AT 23:00

    ये सब बकवास है। जब तक हम अपने आप को दुनिया के सामने नहीं खड़ा करेंगे, तब तक ये नंबर बस एक शो-केस हैं। मैंने अपने बेटे को एक बार एक अमेरिकी कंपनी में इंटरव्यू देखा - उन्होंने पूछा, 'भारत क्यों नहीं बनता एक विनिर्माण शक्ति?' और मैं चुप रह गया। इस देश में सिर्फ बोलने वाले बहुत हैं, करने वाले कम।

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    Pallavi Khandelwal

    जून 9, 2024 AT 19:17

    ये सब बातें बस धोखा है। मेरी बहन एक फैक्ट्री में काम करती है - उसका वेतन 7 साल से वही है। और तुम बोल रहे हो कि भारत तेजी से बढ़ रहा है? ये जीडीपी नंबर तो एक फेक न्यूज़ है, जो सिर्फ टीवी पर चलती है। असली भारत तो भूखा है, और ये लोग तो अपने पैसे अमेरिका में लगा रहे हैं।

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