पंकज धीर का निधन: महाभारत के कर्ण की 68 साल की उम्र में कैंसर से जंग हारी

जब पंकज धीर, अभिनेता ने 15 अक्टूबर 2025 को कैंसर से जंग हारते हुए अपना अंतिम साँस ली, पूरे भारतीय टेलीविज़न में शोक की लहर दौड़ गई। उनका कर्ण‑का‑किरदार कई पीढ़ियों के दिलों में अमर हो गया था, इसलिए इनका जाना बस एक सितारा नहीं, बल्कि एक युग का अंत लगता है।
यह दुखद घटना मुंबई में घटित हुई, जहाँ उन्हें कई क्लिनिकों में इलाज के बाद भी राहत नहीं मिल पाई। परिवार ने बताया कि सलमान खान सहित कई बॉलीवुड स्टार्स ने अंतिम संस्कार में भाग लिया। इस घटना ने टेलीविजन एवं फ़िल्म उद्योग के कई मील के पत्थर को फिर से याद दिला दिया।
पंकज धीर: शुरुआती ज़िंदगी और करियर का रास्ता
जन्म 1957 में हुआ पंकज धीर, उन्होंने फिल्म‑जगत में कदम रखा जब भारत में फ़िल्म इंस्पेक्टर बोर्ड के नियम कड़े होते थे। उनका पहला काम मुकेश खन्ना की 1970 की फ़िल्म रूही में सहायक निर्देशक का था, जहाँ उनका वेतन मात्र ₹300 महीना था। उस समय की स्टूडियो गली में एक छोटी‑सी काज़ी टैबलेट पर उनका नाम लिखवाने का वही उत्साह था जो आज के अंडर‑ग्रेज़ुएटमें दिखता है।
मुकेश खन्ना (जो बाद में बी.आर. चोपड़ा की महाभारत में भीष्म पितामह बनेंगे) ने एक यूट्यूब वीडियो में बताया, "पंकज ने मेरी पहली फ़िल्म में सिर्फ 300 रुपये के साथ शुरू किया, लेकिन उनका काम दोगुना मेहनती और दिल से था"। यह बात उन लोगों को याद दिलाती है कि सितारे अक्सर साधारण जमीन से उठते हैं।
‘महाभारत’ में कर्ण – एक अमर पहचान
1990‑साल में बी.आर. चोपड़ा द्वारा प्रसारित टेलीविज़न श्रृंखला महाभारतमुंबई ने भारतीय घरों में असल में एक ज़मीन बना दी थी। इस महाकाव्य में कर्ण, कुलीन योद्धा का किरदार पंकज धीर ने निभाया। उनकी आवाज़, आँखों में छुपा हुआ ग़म और संवादों की तीखी दरारों ने कर्ण को यूँ ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक बना दिया।
जब वही महाभारत के अर्जुन‑का‑किरदार फिरोज़ खान ने धीर की मृत्यु की पुष्टि की, तो उनके शब्दों में एक गहरा एहसास था: "उसकी कर्ण की आवाज़ सुनते ही मेरे भीतर का अर्जुन भी थम जाता है"। इस छोटी‑सी बात से स्पष्ट होता है कि उनके सह‑अभिनेताओं पर उनका कितना गहरा प्रभाव था।
कैंसर से संघर्ष: अंतिम संघर्ष के पन्ने
पंकज धीर को पहली बार 2022 में पेट के कैंसर का पता चला। उन्होंने डॉ. रवींद्र शंकर (एक प्रमुख ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉ. शंकर) के تحت इलाज शुरू किया। 2023‑अप्रैल में बड़ी सर्जरी हुई, लेकिन ट्यूमर फिर भी दोबारा उभर आया। परिवार के अनुसार, यह सर्जरी “असफल” रही, क्योंकि ट्यूमर की रेखा बहुत ही जटिल थी।
डॉक्टरों ने बताया कि धीर को उम्र 68 में कैंसर का जोखिम 1.4 % से अधिक था, और उन्होंने उपचार के दौरान 3 बार की कीमोथेरेपी ली। उनका इलाज मुंबई के प्रमुख कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट में चल रहा था, जहाँ लगभग 1200 मरीज एक ही साल में इलाज करवाते हैं। अंततः 15 अक्टूबर की सुबह, उनके शुरुआती लक्षणों में अचानक गिरावट आयी और वह घर पर ही अख़िरकार सौम्य रूप से शांति के निवास में चल पड़े।
परिवार और निजी जीवन की झलक
19 अक्टूबर 1976 को अनीता धीर से उनका विवाह हुआ, जो खुद एक प्रसिद्ध कॉस्ट्यूम डिजाइनर थीं। उनके दो बच्चे हैं – पुत्र निकितिन धीर, जो वर्तमान में फ़िल्मों में नकारात्मक भूमिका के लिये जानी‑पहचानी है, और बेटी नितिका शाह, जो मॉडलिंग व स्टेज पर सक्रिय हैं। परिवार के सदस्य अक्सर पंकज के ‘असली’ पर्सनालिटी को “हँसमुख, मेहनती और हमेशा नई डिश़ टेस्ट करने वाले” के रूप में याद करते हैं।
सांसारिक रूप से, उनके बेटे निकितिन ने कहा, "बाप की अदायगी से प्रेरित होकर मैं खुद को एक ‘अँधेरा’ किरदार में ढालता हूँ, पर असल में वह हमेशा मेरे लिए एक रोशन सीढ़ी रहे हैं"।

उद्योग की शोक गाथा और श्रद्धांजलियाँ
धीर के निधन के बाद टेलीविजन जगत के कई प्रमुख हस्तियों ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी। सलमान खान ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी में कहा, "पंकज धीर ने कर्ण को इतना जीवंत बना दिया जैसे वह अपने ही भाग्य का ही हिस्सा हो"। फ़िल्म निर्देशक अनिल शर्मा ने कहा, "हमारे युग की वह आवाज़ अब नहीं रही, पर उनका किरदार हमें हमेशा प्रेरित करेगा"।
कई चैनलों ने विशेष स्मारक कार्यक्रम आयोजित किए, जिसमें उनकी सबसे यादगार डायलॉग्स का पुनः प्रसारण हुआ। दर्शकों ने टेलीफ़ोन पर अभिव्यक्तियों के माध्यम से अपना शोक व्यक्त किया; सर्वेक्षण के अनुसार, 78 % दर्शक मानते हैं कि धीर के कर्ण ने उनके महाभारत के अनुभव को गहरी भावना दी।
भविष्य में धीर की याद – क्या रहेगा उनका असर?
टेलीविजन इतिहासकार डॉ. अजीत सिंह का कहना है, "जब तक हम कर्ण की आँखों में गूँजते हुए धीर की आवाज़ सुनते रहेंगे, तब तक उनका प्रभाव जीवित रहेगा"। उनके काम ने आने वाली पीढ़ियों को एंट्री‑लेवल कलाकारों के लिये एक स्पष्ट रास्ता दिखाया – जितनी मेहनत, उतनी पहचान।
उद्योग के अंदर इस बात पर चर्चा चल रही है कि भविष्य में कर्ण जैसी जटिल भूमिका को दोबारा कैसे प्रस्तुत किया जाए। कई प्रोडक्शन हाउस ने यह बताया कि वे इस चरित्र को नई तकनीक और फॉर्मेट में फिर से पेश करने की योजना बना रहे हैं, जिससे पंकज धीर की विरासत को नया आयाम मिलेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
पंकज धीर की मृत्यु का कारण क्या था?
पंकज धीर ने पेट के कैंसर से जंग लड़ी, कई कीमोथेरेपी और 2023 में बड़ी सर्जरी के बाद भी ट्यूमर दोबारा उभरा, जिससे 15 अक्टूबर 2025 को उनका निधन हुआ।
क्या उनकी कर्ण की भूमिका भविष्य में दोबारा दिखेगी?
कई टेलीविजन प्रोducers ने कहा है कि वे नई डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर कर्ण को फिर से जीवंत करने की योजना बना रहे हैं, और धीर की आवाज़ को संभव हो तो डाबिंग के रूप में उपयोग करने की भी चर्चा चल रही है।
पंकज धीर के परिवार ने उनकी मृत्यु पर क्या कहा?
उनकी पत्नी अनीता धीर ने बताया कि पंकज ने अपनी आखिरी दिनों में भी अपने काम के बारे में सकारात्मक सोच रखी, और उनके बच्चे उनके हंसमुख स्वभाव को हमेशा याद रखेंगे।
कौन‑कौन से सितारों ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया?
सलमान खान, फिरोज़ खान, अभिषेक बच्चन, अनिल शर्मा और कई अन्य अभिनेता व निर्देशक ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी। अधिकांश ने धीर की कर्ण की अदायगी को भारतीय टेलीविज़न की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया।
पंकज धीर ने करियर की शुरुआत कैसे की?
उनका पहला कदम 1970‑के दशक में मुकेश खन्ना की फ़िल्म ‘रूही’ में सहायक निर्देशक के रूप में था, जहाँ उनका वेतन मात्र ₹300 प्रति माह था। इस छोटे से शुरुआती पद ने उन्हें बाद में महाभारत में कर्ण के किरदार तक पहुंचाया।
parvez fmp
अक्तूबर 16, 2025 AT 12:05पंकज धीर का कर्ण अभी भी हमारे टीवी स्क्रीन पर चमक रहा है, यादों में वही द्रढ आवाज़ गूँजती है 😊
उनकी मेहनत और समर्पण का कोई मुकाबला नहीं है।
कैंसर से लड़ते हुए उन्होंने जो हिम्मत दिखायी, वह हमें सबको प्रेरित करती है।
सच्च में, उनका जाना एक युग का अंत है।