पंजाब पुलिस कॉन्स्टेबल से संगीत स्टार तक रजवीर जावांदा की शोकजन्मित मृत्यु

जब रजवीर जावांदा, पंजाब के पूर्व पुलिस कॉन्स्टेबल‑से‑सिंगर‑एक्टर ने 8 अक्टूबर 2025 को मोहरी, पंजाब के फोर्टिस हॉस्पिटल में अपनी जिंदगी अलविदा कह दी, तो देशभर के फैंस उदास हो उठे। दुर्घटना 27 सितंबर को हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के बड्डी के पास हुई, जहाँ वह शिमला की यात्रा के दौरान अचानक बिचड़े हुए गाए से टकरा गया। इस हादसे में उसके सिर‑स्पाइन पर गहरी चोटें आईं और कार्डियक एर्रेस्ट भी हुआ, जिसके बाद वह 11‑12 दिन वेंटिलेटर पर रहे, लेकिन अंत में बच नहीं पाए।
ट्रेज़री का प्रागैतिहासिक पृष्ठभूमि
रजवीर का जन्म 1990 में जागरौन, लुधियाना, पंजाब में हुआ था। उनका परिवार पुलिस सेवा में रहा; पिता जसविंदर सिंह, असिस्टेंट सब‑इंस्पेक्टर के पद पर थे। 2011 में वह खुद भी पंजाब पुलिस में कॉन्स्टेबल के रूप में भर्ती हुए और आठ साल तक खाकी वर्दी में सेवा निभाते हुए गाने लिखते‑गाते रहे। छोटे‑छोटे गाँव के त्यौहार, शादियों और मीलों में उनके गाने की गूँज सुनाई देती थी।
संगीत की ओर बड़ा कदम
जवांदा ने 2019 में, जब उम्र 29 साल थी, पुलिस छोड़कर पूर्णकालिक संगीतकर बनने का फैसला किया। कई लोग इसे "जोखिमभरा" मानते रहे, पर यह कदम उनका करियर बदल देने वाला साबित हुआ। उन्होंने 2020 में पहला हिट "काली जावांदे दी" रिलीज़ किया, और इसमें उनका अनोखा पंजाबी लहजा लोगों के दिलों को छू गया। उसके बाद "#TuDisPainda" सहित कई गाने यूट्यूब और सॉन्ग्स प्लेटफॉर्म पर चार्ट‑टॉप पर रहे। वह पंजाबी सिनेमा में भी दो‑तीन फिल्में कर चुके थे, जिससे उनका नाम पूरे पंजाब में लोकप्रिय हो गया।

हादसे के पले‑पले प्रतिक्रियाएँ
बड्डी में हुई दुर्घटना के बाद, बड्डी के पास के एक अस्पताल में प्राथमिक उपचार किया गया और फिर सोलन के अस्पताल ले जाया गया। लेकिन स्थिति बिगड़ती गई, इसलिए रजवीर को मोहरी के फोर्टिस हॉस्पिटल में ट्रांसफर किया गया। यहाँ न्यूरोसर्जरी और आपातकालीन टीम ने 24 घंटे उनका इलाज किया, लेकिन गंभीर मस्तिष्क और रीढ़ की चोटों के कारण वह अत्यधिक क्रिटिकल रहे।
हादसे के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपना तनाव महसूस किया और ट्विटर (X) पर लिखा, "रजवीर जावांदा की हालत गंभीर है, मैं भगवान से शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।" इस संदेश को फॉलोअर्स ने ढेर सारी दुआओं के साथ दोहराया।
वहीं, पंजाबी संगीत जगत के लोकप्रिय कलाकार जैसे कान्वर ग्रेवाल और कुलविंदर बिल्ला ने अस्पताल में जाकर उनका समर्थन किया। कान्वर ग्रेवाल ने कहा, "रजवीर मेरा पुराना दोस्त है, उसकी आत्मा शांति पाये।" गगन कोकरी और हरजीत हरमन ने भी अंतिम संस्कार की तैयारियों में मदद की।
परिवार और गांव की शोकभरी दहलीज
रजवीर का शरीर गाँव पूना, जागरौन के पास, शाम 6.30‑7.00 बजे पहुँचा। यहाँ गाँव के सरपंच हरप्रीत सिंह ने कहा, "पूरे गाँव में शोक की लहर है, सब ने उसके लिये विशेष प्रार्थना की।"
रजवीर की माँ, पत्नी, एक बेटी और छोटा बेटा अभी भी गाँव में रहते हैं। पड़ोसी भूपिंदर सिंह ने कहा, "वह हमारे गाँव का गहना था, मेहनत से बना सितारा, उसकी कोई अड़िग नहीं थी, दिल में हमेशा नम्रता और प्रेम था।" एक अन्य निवासी ने बताया, "रजवीर ने अपने जीवन में वह सब कुछ पा लिया, जिसका सपना किसी के पास नहीं था, और उसका अचानक जाना हमें हिला गया।"
शव दाह 9 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच गाँव के दाहस्थान पर किया गया, जहाँ हर किसी ने अंतिम संस्कार में भाग लिया।

रजवीर जावांदा का विरासत और संगीत पर असर
रजवीर की कहानी यह दिखाती है कि दृढ़ता और जुनून के साथ कोई भी राह चुनी जा सकती है। पुलिस से लेकर संगीत स्टेज तक का उनका सफ़र लाखों युवाओं को प्रेरित करता है। उनके गाने, विशेषकर सामाजिक मुद्दों और ग्रामीण जीवन की झलकियों को उजागर करते थे। संगीत विशेषज्ञ डॉ. अर्शदीप कौर ने कहा, "रजवीर ने अपने शब्दों से ग्रामीण दिलों को आवाज़ दी, और उनकी मृत्यु एक बड़ा सांस्कृतिक नुकसान है।"
अभी भी उनके कई अनुयायी सोशल मीडिया पर #RjForever जैसे हैशटैग के साथ स्मृति पोस्ट साझा कर रहे हैं, और उनके पिछले गानों को फिर से सुनते हुए उनके संगीत का जश्न मना रहे हैं। इस तरह उनका संगीत, उनकी कहानी, दोनों ही हमेशा जीवित रहेंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
रजवीर जावांदा की मृत्यु से पंजाब के संगीत समुदाय को क्या नुकसान हुआ?
रजवीर ने अपने गीतों में ग्रामीण जीवन, युवा आशाओं और सामाजिक मुद्दों को उजागर किया था। उनकी अनूठी आवाज़ और शैली ने कई नए कलाकारों को प्रेरित किया था, इसलिए उनका खो जाना इस जनजाति के सांस्कृतिक विविधता में एक बड़ा अंतर पैदा कर देता है।
हादसे की मूल वजह क्या बताई गई है?
रिपोर्ट्स के अनुसार, रजवीर के मोटरसाइकिल ने बड्डी के रास्ते में बिचड़े हुए गाए से टकरा कर नियंत्रण खो दिया। इस कारण वह गाड़ी से बाहर गिर गए और सिर‑स्पाइन पर गंभीर चोटें आईं, जिससे कार्डियक एर्रेस्ट हुआ।
क्या रजवीर की पुलिस सेवा ने उनके संगीत करियर को प्रभावित किया?
हां, पुलिस में रहते हुए भी वह गाने लिखते और प्रदर्शन करते रहे, जिससे उनका स्थानीय फॉलोइंग मजबूत हुआ। यह बुनियाद बाद में पूर्णकालिक संगीत करियर में उनके तेज़ उछाल का कारण बनी।
रजवीर जावांदा का अंतिम संस्कार कब और कहाँ हुआ?
उनका शव 8 अक्टूबर को पंजाब के जागरौन के पास स्थित गाँव पूना पहुंचा। दाह 9 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच ग्रामीण दाहस्थल पर आयोजित किया गया।
रजवीर की प्रमुख गाने और फिल्मों की सूची क्या है?
उनके सबसे लोकप्रिय ट्रैक में "काली जावांदे दी", "#TuDisPainda", "दिल मेरा" और "सोहनी बारूद" शामिल हैं। फिल्मी दायरे में उन्होंने "जमीन डोल」 और "शहर की लड़कियां" जैसी पंजाबी फिल्मों में अभिनय किया।
Nayana Borgohain
अक्तूबर 8, 2025 AT 23:50जीवन की धारा में रजवीर ने रंगीन राग बुनते हुए, एक सितारा बना; उनका संगीत अभी भी दिलों की धड़कन में गूँजता है 😊