ओडिशा में भारी बारिश की चेतावनी: अगले तीन दिन 12‑20 सेंटीमी जलवृष्टि की संभावना

बड़ी बारिश के पीछे के मौसमीय कारण
इंडिया मौसम विभाग (IMD) ने एक प्रेस रिलीज़ में बताया कि बे थ्यागी के उत्तर‑पश्चिम भाग में दो लो‑प्रेशर एरिया तैयार हो रहे हैं। पहला एरिया 22 सितंबर को बनकर विद्यमान पश्चिम बांग्लादेश और उत्तर-ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में पहुंचा, जबकि दूसरा एरिया 25 सितंबर के आसपास बनना संभावित है। ये दोनों सिस्टम समुद्र की सतह पर गर्मी और नमीयुक्त हवा को ऊपर उठाते हैं, जिससे लगातार बारिश के संकेत मिलते हैं।
IMD ने बताया कि इन प्रणालियों के असर से 23‑27 सितंबर के बीच ओडिशा के कई जिलों में ‘बहुत भारी’ (12‑20 सेमी) बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में पहले ही 24 सितंबर को अत्यधिक वर्षा दर्ज हुई है, जिससे आसपास के झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी जलभराव की स्थितियां बनी हैं।
स्थानीय स्तर पर संभावित प्रभाव और उपाय
जबसे यह चेतावनी जारी हुई है, ओडिशा के प्रमुख जिलों में जल प्रबंधन विभाग ने जल‑स्तर की निगरानी बढ़ा दी है। बाढ़‑प्रवण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उच्चतम सतह तक पहुँचने से पहले निकासी की तैयारी करने की सलाह दी जा रही है। विशेष रूप से पहाड़ी और नगरीय इलाकों में जल‑निष्कासन और सड़क क्लीयरेंस पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
स्थानीय प्रशासन ने ओडिशा में भारी बारिश के कारण संभावित बाढ़, लैंडस्लाइड और जल‑संचयन के जोखिम को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं:
- सभी सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में आपातकालीन विद्युत बैक‑अप को चालू किया गया है।
- सड़क एवं पुलों की संरचनात्मक जाँच को प्राथमिकता दी गई है, जिससे जल‑भारी मौसम में टूट‑फूट से बचा जा सके।
- वास्तविक‑समय में मौसम अपडेट और चेतावनी संदेश मोबाइल एप्लिकेशन और स्थानीय रेडियो के माध्यम से जनता तक पहुँचाए जा रहे हैं।
- बाढ़‑प्रवण क्षेत्रों में अस्थायी शेल्टर स्थापित किए गए हैं, जहाँ लोगों को सुरक्षित ठहराने की व्यवस्था है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे‑जैसे ये लो‑प्रेशर सिस्टम पश्चिमी बंगाल और उत्तर‑ओडिशा के तट के पास घुमेंगे, बारिश का तीव्रता और अवधि दोनों बढ़ेगी। इसलिए लोगों को घर से बाहर निकलते समय पुख्ता फुटवियर और पानी‑रोधी कपड़े पहनने की सलाह दी गई है।
IMD ने बताया कि भविष्य में मौसम की सटीकता में कमी आती है, पर वर्तमान मॉडलिंग से यह स्पष्ट है कि अगले पाँच दिनों में कई जिलों में निरंतर भारी बारिश होगी। यह भी कहा गया कि रंग‑कोडेड चेतावनियों में ‘ऑरेंज’ और ‘रेड’ स्तर के अलर्ट सबसे अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में लागू किए गए हैं, जिनमें कड़िया‑कुशुरा, सालीभाद्रा और बालीगढ़ जैसे हिल्टॉप जिले शामिल हैं।
रखाव कर्मी और स्वयंसेवी समूहों ने कुप्पड़ और नाले की सफाई को तेज़ किया है, ताकि जल‑बुंडों का निकास सही दिशा में हो सके। साथ ही, स्थानीय डॉक्टरों ने संभावित जलजनित रोगों जैसे डायरिया, हैजा की रोकथाम के लिए आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है।
यदि आप ओडिशा के किसी जोखिमपूर्ण क्षेत्र में रहते हैं, तो आपातकालीन संपर्क नंबर को अपने हाथ में रखें, और सामुदायिक बैठकों में भाग लेकर अपडेटेड जानकारी प्राप्त करें। मौसम विभाग लगातार अपने आधिकारिक पोर्टल पर जिला‑वार जल‑संचयन और बाढ़‑रिपोर्ट अपडेट कर रहा है, इसलिए नियमित जांच ज़रूरी है।