नरायण जगेदीसन: लिस्ट‑ए में 277 रन का रिकॉर्ड‑ब्रेकर, ट्रिपल सेंचुरी के बाद भारत की नई आशा

नरायण जगेदीसन: लिस्ट‑ए में 277 रन का रिकॉर्ड‑ब्रेकर, ट्रिपल सेंचुरी के बाद भारत की नई आशा सित॰, 26 2025

रिकॉर्ड‑बद्ध प्रदर्शन और लगातार धुरंधरता

जब भी भारतीय घरेलू क्रिकेट की बात आती है, तो नरायण जगेदीसन का नाम सुनते ही दिल धड़कता है। 24 दिसंबर 1995 को जन्मे यह विकेटकीपर‑बेट्समैन ने सिर्फ 20 की उम्र में रणजी ट्रॉफी 2016‑17 में पहला शतक बनाया और ही मैच‑ऑफ़ को जीत की सौगात दी। यह शुरुआती सफलता उनके रिकॉर्ड‑भरे करियर की बुनियाद बन गई।

2022 में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 277 रन बनाकर उन्होंने लिस्ट‑ए के सबसे बड़े व्यक्तिगत स्कोर का विश्व‑रिकॉर्ड अपना लिया। 141 गेंदों में 25 चौके और 15 छक्के मारना आसान नहीं, लेकिन जगेदीसन ने 196.45 की स्ट्राइक‑रेट के साथ यह सब कर दिखाया। इस पारी ने न केवल विरोधी गेंदबाज़ों को घबरा दिया, बल्कि भारत की लिस्ट‑ए इतिहास में नया अध्याय लिखा।

रिकॉर्ड के बाद, उन्होंने फिर एक नया आंकड़ा स्थापित किया – लगातार पाँच लिस्ट‑ए शतक। यह क्रमिकता उनकी मानसिक ताकत और रन‑खाने की भूख को बयां करती है। हर शतक में उन्होंने अपनी तकनीकी सॉलिडिटी को बनाए रखकर गेंदबाज़ों को निराश किया।

2023‑24 के रणजी ट्रॉफी में उन्होंने कोयंबटूर के घरेलू मैदान पर 321 रन का ट्रिपल सेंचुरी बनाया। यह स्कोर तमिलनाडु के पिछले 36‑वर्षीय रिकॉर्ड को तोड़ गया, जो पहले डब्ल्यूवी रामन के नाम था। इस पारी में उन्होंने न केवल तेज़ी से रन बनाए, बल्कि खेल की दिशा भी बदल दी, जिससे टीम को बड़ी जीत की राह मिली।

  • पहले‑श्रेणी में 50+ मैचों में 3,000+ रन, औसत 47+
  • लिस्ट‑ए में 64 मैचों में 2,700+ रन, औसत 46.23 और 9 शतक
  • IPL में 2020‑2024 में 13 मैचों में 162 रन, मुख्यतः चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेला
  • जुलाई 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में रिषभ पैंट के स्थान पर पहले अंतरराष्ट्रीय कॉल‑अप
अंतरराष्ट्रीय बुलंदियों की ओर कदम

अंतरराष्ट्रीय बुलंदियों की ओर कदम

IPL में निरंतर मौके नहीं मिलने के बावजूद, जगेदीसन का घरेलू प्रदर्शन उनकी गुणवत्ता को साबित करता रहा। जब 2025 में रिषभ पैंट की चोट ने टीम को वैकल्पिक विकेटकीपर की आवश्यकता में डाल दिया, तो जगेदीसन को तुरंत याद किया गया। यह चयन सिर्फ एक अवसर नहीं, बल्कि उनके निरंतर कठोर परिश्रम का प्रतिफल था।

उनका खेलने का अंदाज़ दो पहलुओं में खास है – आक्रमणकारी हिटिंग और तकनीकी सॉलिडिटी। जब टीम को तेज़ रफ़्तार से रन चाहिए होते हैं, तो वह जल्दी से स्कोर बढ़ा देते हैं, लेकिन जब स्थिति को स्थिर करने की जरूरत होती है, तो वह संजीदा ढंग से खेलते हैं। साथ ही, उनका विकेट‑कीपिंग कौशल टीम को अतिरिक्त विकल्प प्रदान करता है, जिससे कप्तान को लचीलापन मिलता है।

जगेदीसन के पिता, सी.जे. नरायण, ने बचपन से ही उन्हें क्रिकेट की मूलभूत बातों से परिचित कराया। कठिन ट्रेनिंग, लंबे घंटे और लगातार सुधार की इच्छा ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। अब सवाल यही रहता है – क्या वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उतना ही प्रभावशाली खेल पाएँगे जितना उन्होंने घरेलू स्तर पर दिखाया है?

उनके अगली पारी में क्या नई रिकॉर्ड टूटेंगे, कौन-से बड़े खेल उनके सामने आएँगे, ये सब भविष्य ही बताएगा। लेकिन एक चीज़ साफ़ है – नरायण जगेदीसन का नाम अब भारतीय क्रिकेट के उन दिग्गजों में गिना जाएगा, जो रिकॉर्ड तोड़ने और टीम को जीत दिलाने में माहिर हैं।

5 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Dinesh Bhat

    सितंबर 27, 2025 AT 04:01

    ये जगेदीसन का खेल देखकर लगता है जैसे कोई नया विराट कोहली बन रहा है, बस अलग पोजीशन पर। 277 रन लिस्ट-ए में? ये तो बस शुरुआत है। अगर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में भी यही फॉर्म रहा, तो हमारी टीम का विकेटकीपिंग इश्यू अब खत्म हो गया।

  • Image placeholder

    Chandni Yadav

    सितंबर 27, 2025 AT 20:54

    मुझे नहीं लगता कि ये रिकॉर्ड्स कुछ खास नहीं हैं। घरेलू क्रिकेट में रन बनाना आसान है, जब गेंदबाज़ नहीं होते। IPL में 162 रन 13 मैचों में? ये तो बेसिक फॉर्म है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तो ये बस एक और नाम हो जाएगा।

  • Image placeholder

    Raaz Saini

    सितंबर 29, 2025 AT 02:30

    अरे भाई, इसका तो नाम लेकर भी आंखें बंद कर लेनी चाहिए। तुम्हें पता है इसकी बैटिंग स्ट्रैटेजी कितनी रिस्की है? जब तक टीम के लिए बल्लेबाजी कर रहा है, तब तक ठीक है, लेकिन अगर वो अपना नाम बनाने लगे, तो टीम का रिजल्ट क्या होगा? रणजी में तो ये सब चलता है, लेकिन टेस्ट में तो ये बहुत खतरनाक हो जाएगा।

  • Image placeholder

    Kamal Sharma

    सितंबर 29, 2025 AT 21:41

    ये लड़का तमिलनाडु के एक छोटे से गांव से आया है, जहां लोग अभी भी बाल्टी से पानी पीते हैं। उसके पिता ने उसे बचपन से ही बैट थमाई, और आज वो रिकॉर्ड तोड़ रहा है। ये भारत की कहानी है - गरीबी, मेहनत, और एक बाप की निश्चित इच्छा। अगर ये टेस्ट में भी चल गया, तो ये देश के लिए सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, एक अहसास होगा।

  • Image placeholder

    Himanshu Kaushik

    सितंबर 30, 2025 AT 03:04

    बस एक बात - इसने तो अभी शुरुआत की है।

एक टिप्पणी लिखें