नागपुर में 56°C तक पहुंचा तापमान, भारत में प्रचंड गर्मी की लहर का असर
मई, 31 2024नागपुर में गर्मी का तांडव
नागपुर में इस बार की गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भारतीय मौसम विभाग के स्वचालित मौसम स्टेशन (AWS) के अनुसार, नागपुर के रामदासपेट क्षेत्र में 56 डिग्री सेल्सियस की चरम सीमा को छू लिया है। यह देश के किसी भी हिस्से में अब तक दर्ज सबसे ज्यादा तापमान है। सोंगांव में भी तापमान 54 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
भीषण गर्मी से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जलस्त्रोत सूखने लगे हैं और जन-जीवन पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। इस अत्यधिक तापमान ने सरकारी तंत्र को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। प्रशासन ने लोगों को घर में रहने की सलाह दी है और बाहर निकलने पर सावधानियों का पालन करने की अपील की है।
भारत के अन्य हिस्सों में भीषण गर्मी
नागपुर ही नहीं, बल्कि भारत के कई अन्य हिस्सों में भी हीटवेव का प्रभाव जारी है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, विदर्भ, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम मध्य प्रदेश में भी भीषण गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। 17 मई 2024 से हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान में तथा 18 मई 2024 से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हीटवेव की स्थिति बनी हुई है।
बारिश के बीच भी झुलसाने वाली गर्मी
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, जहाँ एक ओर देश के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश देखी जा रही है, वहीं दूसरी ओर अन्य हिस्सों में तापमान अपने चरम पर है। मेघालय, केरल, मा, असम, लक्षद्वीप, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर में भारी बारिश देखी गई है। इसका मतलब यह हुआ कि मौसम की विरोधाभासी स्थिति स्पष्ट तौर पर दिख रही है।
महानगरों और बड़े शहरों में जल संकट की समस्याएं भी गर्मी के साथ बढ़ गई हैं। पानी की मांग बढ़ गई है और सप्लाई मुश्किल होती जा रही है। हीटवेव के इस प्रचंड रूप ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है और कामकाजी लोगों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सरकारी प्रयास और राहत के उपाय
सरकार ने इस भीषण गर्मी से निपटने के लिए कई तैयारी की है। लोगों को सावधानी बरतने के लिए हिदायतें दी जा रही हैं। आवश्यक सेवाएं मुहैया कराने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। मकानों में ठंडक बनाए रखने के लिए कूलिंग सेंटर खोले गए हैं। इसके साथ ही नगरपालिका और अन्य संस्थानों द्वारा पानी की सप्लाई बढ़ाई जा रही है ताकि जल संकट से लोगों को राहत मिल सके।
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हीटवेव जलवायु परिवर्तन का नतीजा हो सकती है। तापमान का इस तरह बढ़ना पर्यावरण के असंतुलन की ओर संकेत करता है। अगर समय रहते इसके प्रति जागरूकता नहीं फैलाई गई और उचित कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी हीटवेव आगे भी परेशान कर सकती हैं।
कुल मिलाकर, नागपुर में इस बार की हीटवेव ने सभी को चौंका दिया है। तापमान के रिकॉर्ड तोड़ बढ़ने से इस बार गर्मी असहनीय हो गई है और इसके कारण लोग मुश्किल में हैं। प्रशासन और जनता, दोनों को मिलकर इस समस्या का सामना करना होगा और पर्यावरण संरक्षण पर जोर देना होगा ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सके।