कामरान अकमल ने विवादित टिप्पणियों पर सिख समुदाय और हरभजन सिंह से माफी मांगी
जून, 11 2024
कामरान अकमल के विवादित बयान और माफी
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर कामरान अकमल ने हाल ही में अपने विवादित बयानों के लिए सिख समुदाय और भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह से सार्वजनिक माफी मांगी है। यह माफी उन्होंने टी20 वर्ल्ड कप 2024 के दौरान दी गई टिप्पणियों के लिए मांगी है। कामरान अकमल ने एक पैनल चर्चा में भारत के तेज गेंदबाज आर्शदीप सिंह के बारे में अनचाहे शब्दों का उपयोग किया था, जो सिख समुदाय के लिए अपमानजनक माने गए थे।
घटना का विवरण
टी20 वर्ल्ड कप 2024 के मैच के दौरान पाकिस्तान और भारत के बीच का मुकाबला न्यूयॉर्क में हो रहा था। उसी वक्त, कामरान अकमल ने ARY न्यूज पर एक पैनल चर्चा में ऐसा बयान दिया जो सिख समुदाय के सम्मान के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि आर्शदीप सिंह, जो उस समय अपने लय में नहीं थे, आखिरी ओवर फेंकने वाले थे और उनके मुताबिक, 'बारह बज चुके थे'। यह टिप्पणी सिख समुदाय के इतिहास से जुड़ी थी, जिसे लोग अपमानजनक मानते हैं।
हरभजन सिंह का जवाब
हरभजन सिंह, जो खुद सिख समुदाय से आते हैं, ने कामरान अकमल के इस बयान का जमकर विरोध किया। उन्होंने अकमल के बयान के वीडियो को 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया और लिखा कि अकमल का बयान सिख समुदाय के लिए बेहद अपमानजनक था। हरभजन ने लोगों को बताया कि 'बारह बजे' का उल्लेख सिखों के इतिहास से जुड़ा है और इसे इस तरह से इस्तेमाल करना पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने अकमल से माफी मांगने की मांग की।
कामरान अकमल की माफी
हरभजन सिंह के कड़े विरोध के बाद, कामरान अकमल ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगते हुए कहा कि उनके शब्द अनुचित और असम्मानजनक थे। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय के प्रति उनका पूरा सम्मान है और उन्होंने अनजाने में यह टिप्पणी की थी। अकमल ने कहा कि वह अपने शब्दों के प्रभाव को समझने में असमर्थ थे और उन्हें इसका खेद है।
कामरान अकमल की इस माफी के बाद, हरभजन सिंह और सिख समुदाय ने इसे सकारात्मक रूप में लिया। हरभजन ने कहा कि माफी मांगना एक अच्छा कदम है और इससे आपसी सम्मान बढ़ता है। उन्होंने कहा कि किसी भी खेल या चर्चा में खिलाड़ियों और उनके समुदायों का सम्मान बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
उम्मीद और सुधार
यह घटना खेल के मैदान पर हुई और इससे यह समझ में आता है कि किसी भी खेल या सार्वजनिक मंच पर बोले जाने वाले शब्दों का ध्यान रखना चाहिए। हरभजन और अकमल के इस प्रकरण से एक सीख मिलती है कि आपसी सम्मान और संवाद बड़ा महत्व रखता है।
खेल जगत में ऐसे विवाद अनेक बार होते हैं, लेकिन उनका सकारात्मक समाधान संवाद और माफी के माध्यम से ही निकलता है। आशा है कि भविष्य में, क्रिकेटरों और अन्य खिलाड़ियों द्वारा सार्वजनिक मंचों पर ऐसा व्यवहार नहीं किया जाएगा जो किसी समुदाय या व्यक्ति की भावनाओं को आहत करे।
indra group
जून 13, 2024 AT 05:43अरे भाई, माफी मांगना तो बहुत अच्छा बात है, लेकिन ये सब नाटक क्यों? जब वो बयान दे रहा था तो कोई चुप था, अब जब हरभजन ने आवाज उठाई तो अचानक वो भी संवेदनशील हो गया? ये सब बस पब्लिसिटी का खेल है।
sugandha chejara
जून 14, 2024 AT 00:12ये बात बहुत अच्छी है कि कामरान ने माफी मांगी। हरभजन जी ने जो दिखाया, वो असली लीडरशिप है - गुस्सा नहीं, सम्मान दिखाया। खेल में ऐसे ही रिश्ते बनने चाहिए। अगर ये एक छोटी सी बात पर भी एक दूसरे को समझ सकते हैं, तो दुनिया बदल जाएगी।
DHARAMPREET SINGH
जून 15, 2024 AT 12:56बारह बजे का रेफरेंस? ये तो बहुत बेकार की बात है। कामरान ने जो कहा, वो बिल्कुल भी नहीं जानता था कि ये शब्द सिख इतिहास में किस तरह से डूबे हुए हैं। लेकिन अब जो हुआ, वो अच्छा हुआ - अब लोग समझ गए कि ये जगह बोलने के लिए नहीं, बल्कि समझने के लिए है।
gauri pallavi
जून 15, 2024 AT 16:27अरे वाह, एक पाकिस्तानी क्रिकेटर ने सिख समुदाय के लिए माफी मांगी... और हम सब इतने खुश हैं? ये तो अब तक का सबसे बड़ा ब्रेकिंग न्यूज है। अगर ये एक बार भी वो बयान नहीं देता, तो शायद आज हम ये बात नहीं कर रहे होते।
Agam Dua
जून 17, 2024 AT 03:41माफी? बस एक शब्द। जब तुम किसी के इतिहास को मजाक बनाते हो, तो माफी नहीं, सबक सीखना पड़ता है। अकमल को न सिर्फ माफी मांगनी चाहिए, बल्कि उसे सिख इतिहास की एक किताब पढ़नी चाहिए। और फिर वो जाने कि क्या बारह बजे का मतलब है। ये बात बस एक गेंदबाज के बारे में नहीं, ये एक आत्मा के बारे में है।
Gaurav Pal
जून 17, 2024 AT 08:02माफी मांगना तो बहुत अच्छा है, लेकिन ये सब बस एक टीवी शो का नाटक है। जब वो बयान दे रहा था, तो कोई नहीं रोका। अब जब वो ट्रेंड कर रहा है, तो अचानक वो भी बहुत संवेदनशील हो गया। ये सब बस दर्शकों के लिए बनाया गया ड्रामा है।
sreekanth akula
जून 17, 2024 AT 15:36ये बात बहुत गहरी है। हरभजन सिंह ने जो दिखाया, वो न सिर्फ एक खिलाड़ी की शान है, बल्कि एक इंसान की शान है। सिख समुदाय का इतिहास बहुत गौरवशाली है - बारह बजे का उल्लेख उनके शहीदों की याद को जोड़ता है। कामरान ने जो कहा, वो बिल्कुल अनजान था, लेकिन अब वो सीख गया। ये खेल की दुनिया में एक नया रास्ता है - गुस्सा नहीं, समझ।
इस घटना से एक बड़ी सीख मिलती है: खेल तो खेल है, लेकिन इंसान तो इंसान है। हम सबके पीछे एक समुदाय है, एक इतिहास है। उसे सम्मान देना न तो दुर्बलता है, न ही भावुकता - ये बस इंसानियत है।
मैं उम्मीद करता हूँ कि अब और भी खिलाड़ी ऐसी बातें करने से पहले सोचेंगे। न केवल टीम के लिए, बल्कि उनके परिवार, उनके गाँव, उनके धर्म के लिए।
ये माफी बस एक शब्द नहीं, ये एक संकल्प है - भविष्य में किसी और को ऐसा न होने देने का।
हरभजन जी ने जो रास्ता दिखाया, वो दुनिया के लिए एक उदाहरण है।
Sarvesh Kumar
जून 18, 2024 AT 00:22माफी मांगना? बस एक टीवी वाली बात। जब तुम भारत के खिलाफ बोलते हो, तो तुम्हारी आवाज़ तेज़ होती है। अब जब तुम बर्बरता कर गए, तो अचानक तुम भारतीय बन गए? ये नहीं चलेगा।