जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के बाद खाई में गिरी बस, 10 श्रद्धालुओं की मौत, 33 घायल
जून, 10 2024
खाई में गिरी बस, आतंकी हमले के बाद की घटना
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में श्रद्धालुओं की एक बस पर आतंकी हमला हुआ, जिसके बाद बस खाई में गिर गई। बस में शिव खोड़ी मंदिर से यात्रा कर लौट रहे श्रद्धालु बैठे थे। इस हादसे में 10 लोगों की जान चली गई और 33 अन्य घायल हो गए। यह घटना शाम 6:10 बजे हुई जब आतंकियों ने बस पर फायरिंग की।
घटनास्थल पर अफरातफरी का माहौल
हमला होने के बाद बस ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया, जिससे बस गहरी खाई में जा गिरी। आतंकियों की फायरिंग से बस में सवार लोग भयभीत हो गए और वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। घायलों को रियासी, ट्रेयाथ और जम्मू के अस्पतालों में पहुंचाया गया। इस घटना के बाद पुलिस, भारतीय सेना और सीआरपीएफ ने संयुक्त अभियान चलाया।
राजनीतिक नेताओँ की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अमानवीय कृत्य करार दिया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने घायल श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
कड़ी सुरक्षा के बावजूद हमला
जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं समय-समय पर होती रही हैं, लेकिन कड़े सुरक्षा उपायों के बावजूद इस बार यह हमला हुआ। इससे पहले जुलाई 2017 में आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों की एक बस पर हमला किया था, जिसमें सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 19 अन्य घायल हो गए थे। इस प्रकार की घटनाओं से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते हैं।
श्रद्धालुओं में सुरक्षा को लेकर चिंता
इस घटना के बाद श्रद्धालुओं में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। विशेष रूप से वे लोग, जो तीर्थयात्राओं पर जाने की योजना बना रहे थे, अब इस तरह की घटनाओं से भयभीत हो सकते हैं। सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता
इस घटना ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर कर दिया है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और अधिक उपाय और चौकसी की आवश्यकता है। सुरक्षा एजेंसियों को आतंकियों के खिलाफ और अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है ताकि इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
मानवता के खिलाफ अपराध
आतंकी हमलों को किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता। यह मानवता के खिलाफ एक अपराध है जिसे हर सरकार और समाज को मिलकर खारिज करना चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई तब तक जारी रहनी चाहिए जब तक इस प्रकार के हमलों का अंत न हो जाए।
प्रधानमंत्री मोदी की श्रद्धांजलि
इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि वे इस घटना से आहत हैं और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। उन्होंने सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की। गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और सुरक्षा बलों को दोषियों को पकड़ने के निर्देश दिए हैं।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद पुलिस, सेना और सीआरपीएफ ने मिलकर क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया। सुरक्षा बलों का उद्देश्य है कि जिम्मेदार आतंकियों को जल्द से जल्द पकड़ लिया जाए। इस प्रकार की घटनाओं के बाद सुरक्षा बलों की मेहनत और सतर्कता और बढ़ जाती है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद स्थानीय लोगों में भी काफी गुस्सा और निराशा देखी गई। उन्होंने सरकार से और कड़े सुरक्षा मानकों को लागू करवाने की मांग की है। उनका कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं उनकी दैनिक जिंदगी को प्रभावित करती हैं।
घायलों की चिकित्सा सुविधा
सरकार ने घायल श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। रियासी, ट्रेयाथ और जम्मू के विभिन्न अस्पतालों में घायलों का इलाज किया जा रहा है और उनकी हालत सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
Shantanu Garg
जून 11, 2024 AT 22:43ये बस खाई में गिरी तो बस हुई, लेकिन इंसानों की जान गई और कोई नहीं बोला।
Indranil Guha
जून 13, 2024 AT 04:08इस तरह के हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को पूरी ताकत देनी होगी। कोई भी आतंकी अब भारतीय धरती पर आज़ाद नहीं रह सकता।
Vikrant Pande
जून 14, 2024 AT 20:07अरे भाई, ये सब तो बस टीवी पर दिखाने के लिए है। जब तक हमारी सेना के लिए एक अलग बजट नहीं बनाया जाएगा, तब तक ये घटनाएं दोहराएंगी। और हां, आतंकवाद के खिलाफ जंग तो लड़ो, लेकिन अपने घरों में भी थोड़ी चौकसी कर लो।
Shiva Tyagi
जून 16, 2024 AT 07:01ये सब लोग तो बस अपने आप को हिंदू बताते हैं, लेकिन जब बात आतंकवाद की आती है, तो उनकी आँखें बंद हो जाती हैं। क्या आप जानते हैं कि ये हमले किसी विदेशी राष्ट्र की योजना हैं? नहीं? तो आपको इतिहास पढ़ना चाहिए।
srilatha teli
जून 18, 2024 AT 03:44हर श्रद्धालु की जान अमूल्य है। इस तरह की घटनाओं के बाद सिर्फ निंदा नहीं, बल्कि व्यवस्थित सुरक्षा योजनाएं बनानी होंगी। हमारे तीर्थ स्थलों की सुरक्षा को अपनी आत्मा की तरह समझना होगा।
ayush kumar
जून 18, 2024 AT 23:54मैंने रियासी में एक बार यात्रा की थी। वहां की सड़कें बहुत खतरनाक हैं। अगर बस का ड्राइवर थोड़ा भी सावधान रहता, तो शायद ये हादसा नहीं होता। लेकिन आतंकियों की फायरिंग ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।
Manoranjan jha
जून 20, 2024 AT 15:59मैं जम्मू-कश्मीर के एक अस्पताल में काम करता हूं। घायलों को लाने के बाद उनकी हालत देखकर दिल टूट गया। एक बच्ची जिसके पैर तोड़ गए, उसने मुझसे पूछा - अंकल, ये लोग हमें क्यों मार रहे हैं? जवाब देने के लिए मेरे पास कुछ नहीं था।
Ashish Chopade
जून 21, 2024 AT 17:08सुरक्षा बलों को तुरंत एक्शन लेना चाहिए। ये आतंकी जिन लोगों को मार रहे हैं, वो हमारे ही भाई-बंधु हैं। इस बात को समझने की जरूरत है।
Mishal Dalal
जून 22, 2024 AT 02:13इस घटना के बाद क्या हुआ? क्या कोई आतंकी पकड़ा गया? क्या कोई रिपोर्ट आई? क्या कोई जांच हुई? ये सब तो बस एक ट्वीट है, एक बयान है। जब तक हम अपनी आँखें नहीं खोलेंगे, तब तक ये घटनाएं दोहराएंगी!
Sohini Dalal
जून 22, 2024 AT 11:43मैं तो सोच रही थी कि शायद ये सब एक टेस्ट है... कि हम कितने जल्दी भूल जाते हैं।
haridas hs
जून 22, 2024 AT 18:19आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई एक जटिल गणितीय समीकरण है, जिसमें सामाजिक असमानता, राष्ट्रीय निर्णय लेने की अक्षमता और राजनीतिक लाभ के बीच एक गुणोत्तर संबंध होता है। इसका हल नहीं तो बस आंकड़े बढ़ते रहेंगे।
Neev Shah
जून 24, 2024 AT 01:40अरे यार, ये सब तो बस एक अभिनय है। आतंकवाद का वास्तविक कारण तो हमारी सामाजिक असहिष्णुता है। जब तक हम अपने आसपास के लोगों को नहीं समझेंगे, तब तक ये घटनाएं दोहराएंगी। और हां, ये आतंकी भी हमारे ही बच्चे हैं।
Rahul Kaper
जून 25, 2024 AT 18:11मैंने इस घटना के बाद एक श्रद्धालु के परिवार से बात की। उनकी बेटी बस में थी। उन्होंने कहा - हम नहीं चाहते कि कोई हमें निंदा करे। हम चाहते हैं कि कोई हमारे लिए जिम्मेदारी ले।
Suraj Dev singh
जून 26, 2024 AT 01:58मैं तो बस ये कहना चाहता हूं कि हम सब एक साथ हैं। इस दुख को साथ बर्दाश्त करें। शायद ये आतंकवाद के खिलाफ एक नया जागरूकता हो सकता है।
Soham mane
जून 26, 2024 AT 11:54हमें याद रखना चाहिए कि ये लोग भी अपने घर लौट रहे थे। बस एक छोटी सी भूल ने उनकी जिंदगी बदल दी।
Pradeep Talreja
जून 27, 2024 AT 00:42सुरक्षा बढ़ाने की बात करने से पहले ये देखो कि क्या सुरक्षा बलों के पास उचित उपकरण हैं। अगर नहीं हैं तो बात करने का क्या फायदा?
Pallavi Khandelwal
जून 27, 2024 AT 19:16इस घटना के बाद जो लोग ट्वीट कर रहे हैं, उनकी आँखों में आंसू नहीं, बल्कि वोट की चाहत है। ये दुख बाजार में बेचा जा रहा है।
Chandni Yadav
जून 28, 2024 AT 05:12आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सैन्य बलों की भूमिका महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ सामाजिक संरचनाओं का भी विश्लेषण आवश्यक है। विशेष रूप से शिक्षा और आर्थिक असमानता के कारक।
Arun Kumar
जून 29, 2024 AT 03:25मैंने देखा एक वीडियो... बस में एक महिला अपने बच्चे को गले लगाए हुए थी... उसकी आँखों में डर था... फिर बस खाई में गिर गई... मैं रो पड़ा।
Manu Tapora
जून 30, 2024 AT 16:27आतंकी हमलों के बाद जो लोग राजनीतिक बयान देते हैं, उनकी बातों का कोई असर नहीं होता। जब तक सुरक्षा बलों को वास्तविक शक्ति नहीं दी जाएगी, तब तक ये घटनाएं दोहराएंगी।