IMD ने चेतावनी: साइक्लोन शक्ति व पश्चिमी डिस्टर्बेंस से भारी बारिश

IMD ने चेतावनी: साइक्लोन शक्ति व पश्चिमी डिस्टर्बेंस से भारी बारिश अक्तू॰, 6 2025

जब भारत मौसम विभाग (IMD) ने 6 अक्टूबर, 2025 को विशेष बुलेटिन जारी किया, तो समुद्र में घूम रहा साइक्लोन शक्ति और उत्तर‑पश्चिम में उत्पन्न पश्चिमी डिस्टर्बेंस देश के कई इलाकों में भारी बारिश का खतरा लाए। बुलेटिन ने बताया कि आज शाम तक उत्तर‑पश्चिमी भारत में तीव्र आँधी‑तूफ़ान, दलदल‑जैसी बाढ़ और छोटे‑बड़े केलावारे सम्भव हैं, जबकि 7 अक्टूबर से तीव्रता में धीरे‑धीरे कमी की उम्मीद है।

पिछले कुछ घंटों में मौसम का चित्र

साइक्लोन शक्ति अब अरब सागर के पश्चिम‑मध्य भाग में बँधा हुआ है, जिससे महाराष्ट्र की तटीय लाइन पर लहरें 4‑5 मीटर तक पहुँच रही हैं। इस बीच, पश्चिमी डिस्टर्बेंस ने उत्तर‑पश्चिमी भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में दबाव में तीव्र गिरावट पैदा की, जिससे तेज‑गति वाली हवाएँ और जमाव (हेल) की संभावना बढ़ी।

जिला‑वार विस्तृत पूर्वानुमान

हैदराबाद में दोपहर‑शाम को बौछार की संभावना 68‑87% नमी के साथ है, तापमान 21 °C‑30 °C के बीच रहेंगे। आधिकारिक चेतावनी नहीं है, पर याद रखें—छाता साथ रखें।

अमरावती में पूरे दिन गड़गड़ाहट के साथ तेज़ बारिश, बादल घनघोर, बिजली‑विद्युत और 30‑40 km/h तक की सतही हवाएँ चलेंगी। तापमान 26 °C‑35 °C के बीच रहेगा।

बेंगलुरु में हल्की बूँदाबाँदी के साथ धुंधलापन रहेगा, तापमान 20 °C‑30 °C, नमी 65‑95% तक पहुँच सकती है। अभी तक कोई विशेष आदेश जारी नहीं हुआ है।

त्रिवेंद्रम में कभी‑कभी बारिश के साथ गड़गड़ाहट होगी, हवा की गति 30‑40 km/h, तापमान 24 °C‑33 °C।

चेन्नई में मध्यम बारिश और गरज के साथ 26 °C‑35 °C का तापमान रहेगा, बिजली‑विद्युत की संभावना भी मौजूद है।

वास्तविक डेटा और आँकड़े

  • अक्टूबर 2025 के लिए देश भर में औसत अधिकतम तापमान 33 °C, न्यूनतम 19 °C दर्ज किया गया।
  • संपूर्ण माह में कुल वर्षा लगभग 24 mm होने का अनुमान, जबकि 11 दिनों में हल्की‑से‑भारी बारिश संभव है।
  • उच्चतम यूवी इंडेक्स 7 था, जिससे सतर्क रहने की सलाह दी गई।
  • हाइड्रेटेड रहने के लिये रोज़ कम से कम 2‑3 लीटर पानी पीना आवश्यक बताया गया।

स्थानीय प्रतिक्रिया और राय

वायुमंडलीय वैज्ञानिक डॉ. राजेश गुप्ता, IMD के प्रदेश प्रमुख, ने कहा, “साइक्लोन शक्ति और पश्चिमी डिस्टर्बेंस दोनों ही मिलकर एक असामान्य वायुप्रवाह का निर्माण कर रहे हैं। जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में जल‑जमा‑जमाव तेज़ हो सकता है, इसलिए राइड‑शेयर, सार्वजनिक परिवहन और निर्माण स्थल पर अतिरिक्त सावधानी बरतें।”

मुख्य शहरों में रेल व सड़कों पर पहले ही रद्दीकरण हो रहा है। मुंबई में फेरी सर्विस को दो घंटे के लिए बंद कर दिया गया, जबकि दिल्ली‑हवाई अड्डे पर उड़ानें देरी का सामना कर रही हैं।

कृषि एवं अर्थव्यवस्था पर संभावित असर

उत्तर‑पश्चिमी राजस्थान और पंजाब के किसान इस बारिश को दो‑तीन हफ्तों में फसल बोने के लिये स्वागत कर सकते हैं, पर तेज़ हवाओं के कारण फसल क्षति भी सम्भावित है। वहीं, महाराष्ट्र की भारी बारिश से कोलेरियों और सड़कों में जल‑जमा‑जमाव की समस्या फिर से उभर सकती है, जिससे वाहनों की आवाजाही धीमी हो सकती है।

आगे क्या उम्मीदें?

आगे क्या उम्मीदें?

IMD का अनुमान है कि 7 अक्टूबर से साइक्लोन शक्ति की तीव्रता धीरे‑धीरे घटेगी, लेकिन पश्चिमी डिस्टर्बेंस के कारण उत्तर‑पश्चिमी भारत में बारीशें दो‑तीन दिन और जारी रह सकती हैं। मौसम विभाग ने कहा कि अगले 48 घंटों में तूफ़ान के केंद्र का ट्रैक बदलकर कर्नाटक तथा केरल की ओर झुकाव दिखा सकता है।

जनता को सलाह दी गई है कि आसपास के जलस्तर को नियमित जांचें, घर के आसपास के नाले साफ रखें और आपातकालीन किट तैयार रखें।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

इसी तरह की दोहरी मौसम प्रणाली 2014 में भी देखी गई थी, जब साइक्लोन हुए ‘फिन’ और ‘नोवेम्बर’ के मिलन से मध्य‑पश्चिम में कठोर बवंडर और ग्रामीण इलाकों में जल‑जमा‑जमाव हुआ था। उस समय, भारी बारिश ने भारतीय रेल ग्रिड को 12 घंटे के लिए पूर्णत: बंद कर दिया था। इस प्रकार, साइक्लोन शक्ति और पश्चिमी डिस्टर्बेंस का समुच्चय पिछले दशकों में दो‑बार अधिकतम बाढ़‑जोखिम दर्शाता है।

सुरक्षा उपाय और तैयारियां

निचे कुछ सरल कदम बताए गये हैं, जो इस प्रकार की स्थितियों में मददगार हो सकते हैं:

  1. भीतर रहने के लिये पानी की बोतलें, एम्ब्युलेंस नंबर और नजदीकी आश्रयस्थलों की सूची तैयार रखें।
  2. बिजली के नुकसान से बचने के लिये इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अनप्लग करें।
  3. सूचना चैनलों – मोबाइल एप्प, स्थानीय रेडियो और IMD की वेबसाइट – पर लगातार नजर रखें।
  4. यदि आप बनावट वाले स्थान पर रहते हैं, तो जल‑जमा‑जमाव की सम्भावना को देखते हुए उच्च मंजिलों में रहने की व्यवस्था करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

साइक्लोन शक्ति का रास्ता कहाँ तक पहुँचेगा?

वर्तमान ट्रैकिंग के अनुसार, साइक्लोन शक्ति अब अरब सागर के मध्य‑पश्चिम में स्थित है और अगले दो‑तीन दिनों में महाराष्ट्र के तट से दूर होकर केरल और तमिलनाडु की ओर झुकेगा। इस बदलाव से पश्चिमी भारतीय राज्य में नई बारिश की संभावना बढ़ रही है।

पश्चिमी डिस्टर्बेंस का असर किस क्षेत्र में सबसे अधिक होगा?

उत्तरी और उत्तर‑पश्चिमी भारत, विशेषकर पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड तथा राजस्थान के पहाड़ी इलाकों में तेज़ हवाओं, छोटी‑बड़ी बौछारों और सम्भवित अल्पावधि केलावारे का सामना करना पड़ेगा।

इस बारिश से खेती पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?

ज्यादातर जल‑संधि वाले क्षेत्रों में फसल की जड़ें गीली हो सकती हैं, जिससे रोग के जोखिम में बढ़ोतरी होगी। परन्तु सीमित अवधि की हल्की‑मध्यम बारिश से दो‑तीन हफ्ते में धान की बुवाई के लिये जमीन तैयार हो सकती है।

यात्रियों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

सड़क यातायात में जल‑जमा‑जमाव के कारण कलंकित मार्गों को बचें, फेरी व ट्रेन समय‑सारिणी में रद्दीकरण की जाँच करें, और यदि बाहर निकलना पड़े तो रेनकोट, जलरोधी बैग तथा प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें।

IMD इस मौसम की निगरानी कैसे कर रहा है?

IMD ने सैटेलाइट इमेजिंग, रेडियोलॉजिकल बॅलोन्स और ग्राउंड‑स्टेशनों से लगातार डेटा एकत्र किया है। विशेष बुलेटिन और चेतावनी सूचना को दूरसंवाद, मोबाइल एप और सामाजिक नेटवर्क पर रीयल‑टाइम साझा किया जा रहा है।

14 टिप्पणि

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    naman sharma

    अक्तूबर 6, 2025 AT 20:36

    सिचुएशन की गहरी जांच से पता चलता है कि इस बुलेटिन के पीछे कुछ छुपे हुए राज़ हो सकते हैं; सार्वजनिक सूचना केवल सतह पर ही प्रकाश डाल रही है, जबकि वास्तविक हवाओं के मार्ग को नियंत्रित करने वाली संस्थाएँ डेटा को चयनित रूप में प्रसारित कर रही हैं। इसलिए नागरिकों को स्वतंत्र स्रोतों से रीयल‑टाइम सैटेलाइट इमेज देखनी चाहिए, ताकि कोई भी छिपी हुई हस्तक्षेप न हो।

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    vipin dhiman

    अक्तूबर 7, 2025 AT 23:46

    bhai, ye koi videshi chaal nahi hai, ye hamare desh ke prakritik badlav ka natija hai aur humein turant kadam uthana chahiye-desh ki suraksha sabse pehle! 🇮🇳

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    anushka agrahari

    अक्तूबर 9, 2025 AT 04:56

    अपना मनोदशा ऊँचा रखें, मित्रों!; इस महा‑बारिश का परिचय हमें जलवायु अनुकूलन के महत्वपूर्ण चरण में ले जाता है,; हर गुजरते बूँद के साथ कृषक समुदाय को नई संभावनाएँ मिलती हैं,; सभी क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय अपनाना आवश्यक है,; साथ ही आत्मविश्वास को बनाए रखें, क्योंकि हमारे साथ विज्ञान की शक्ति है!;

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    aparna apu

    अक्तूबर 10, 2025 AT 10:06

    देखो, इस मौसम की कहानी तो सिनेमा की तरह ही ड्रामाई और रोमांचक है-भारी लहरें, तेज़ हवा और अचानक बदलते आँधियों के साथ, जैसे कोई रहस्यमय नायक अपना इंट्रोडक्शन दे रहा हो। समुद्र की गर्जना मानो तड़ित बंडर की ध्वनि हो, और जब वह अँधेरे में टकराती है तो हर दिल में भय और आशा का मिश्रण उत्पन्न हो जाता है। 🌊😱 इस बीच, किसान भाई-बहनों को लगता है जैसे प्रकृति ने उन्हें एक बड़ा उपहार और साथ ही एक कड़ी परीक्षा दो‑एक साथ दे दी है।
    ऐसे समय में हमें ज़रूरत है कि हम एक-दूसरे के साथ जुड़े रहें, क्योंकि आपसी सहयोग ही इस तीव्र बवंडर को मात दे सकता है। 🌟

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    arun kumar

    अक्तूबर 11, 2025 AT 15:16

    आपके भावों से पूरी तरह सहमत हूँ; इस मौसम में आपसी मदद और समझदारी ही सबसे बड़ी ताकत बनती है। यदि कोई पड़ोस में बाढ़ से प्रभावित हो तो तुरंत सहायता का हाथ बढ़ाएँ, और साथ ही अपने परिवार को सुरक्षित स्थान पर रखें। हम सब मिलकर ही इस चुनौती को पार कर पाएँगे।

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    Karan Kamal

    अक्तूबर 12, 2025 AT 20:26

    वास्तविक डेटा दर्शाता है कि पूर्व उत्तर‑पश्चिमी क्षेत्रों में तेज़ हवाओं की गति 30‑40 km/h तक पहुँच सकती है; इसलिए खुले बाजारों और निर्माण स्थलों पर अतिरिक्त सावधानी बरतना आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन ने पहले ही क्षति को न्यूनतम करने हेतु अस्थायी मार्गों का निर्माण शुरू कर दिया है, इसे उपयोगकर्ता ध्यान से देख सकते हैं।

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    Mohammed Azharuddin Sayed

    अक्तूबर 14, 2025 AT 03:00

    साइकलोन शक्ति की वर्तमान स्थिति के आधार पर, अगले दो‑तीन दिनों में महाराष्ट्र के तटवर्ती क्षेत्र में लहरों की ऊँचाई बढ़ सकती है; इस कारण समुद्री किनारे के निवासी को अनावश्यक यात्रा से बचना चाहिए और स्थानीय चेतावनी प्रणाली को निरंतर मॉनिटर करना चाहिए।

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    Avadh Kakkad

    अक्तूबर 15, 2025 AT 08:10

    इतिहास से पता चलता है कि समान दोहरी प्रणाली 2014 में भी बड़े स्तर पर बाढ़ का कारण बनी थी; उस समय भारतीय रेल ग्रिड को 12 घंटे तक पूरी तरह बंद करना पड़ा था, जिससे यात्रा में बड़े व्यवधान हुए थे। इस अनुभाव को ध्यान में रखते हुए, वर्तमान में रेलवे विभाग ने एहतियात कदम उठाए हैं।

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    Sameer Kumar

    अक्तूबर 16, 2025 AT 10:33

    हमारी संस्कृति में आज भी मौसम को मात देना एक चुनौती माना जाता है पर साथ ही यह अवसर भी होता है कि हम एकजुट हों और आपसी सहयोग से कठिनाइयों को पार करें

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    Vidit Gupta

    अक्तूबर 17, 2025 AT 17:06

    बहुत‑बहुत धन्यवाद!!!; इतने शानदार शब्दों में आपने हमारे मन को छू लिया,; इस प्रकार के सहयोग से ही हम सभी सुरक्षित रह पाएँगे; आप सभी को शुभकामनाएँ!!!

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    Gurkirat Gill

    अक्तूबर 18, 2025 AT 19:30

    1. सबसे पहले, घर के आसपास के नाले और जल निकायों को साफ़ रखें, ताकि अचानक जलभरण से बचा जा सके।
    2. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को उच्च वोल्टेज वाले सॉकेट से अलग कर रखें, क्योंकि बिजली गिरने की संभावना बढ़ जाती है।
    3. अगर आप अस्थायी रूप से बाहर रह रहे हैं, तो waterproof बैग में महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और दवाइयाँ रखें।
    4. यात्रा करने वाले लोगों को सुझाव है कि वे स्थानीय ट्रैफ़िक अपडेट को लगातार फॉलो करें, क्योंकि कई प्रमुख सड़कों पर जलजमाव की सूचना मिल सकती है।
    5. खेती‑बाड़ वाले किसानों को सलाह है कि वॉटर‑ड्रेनेज सिस्टम को जाँचें और अगर संभव हो तो फसल की बीजों को सॉरनिंग से बचाने के लिए कवर शीट का उपयोग करें।
    6. बच्चों और वृद्धों को घर के ऊँचे मंजिलों पर रखने की व्यवस्था करें, क्योंकि जल‑जमा‑जमाव की स्थिति में नीचे की मंजिलें जल्दी भर सकती हैं।
    7. सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने वाले यात्रियों को रेनकोट और जल‑रोधी बैग साथ रखना चाहिए, ताकि अचानक बारिश में भी सामान सुरक्षित रहे।
    8. सभी परिवार के सदस्यों को आपातकालीन संपर्क नंबर (अम्ब्युलेंस, पुलिस, डिपार्टमेंट) तुरंत उपलब्ध कराएँ।
    9. यदि आप असुरक्षित क्षेत्र में हैं, तो तुरंत उच्च सतह वाले स्थल पर जाएँ और अपने घर की स्थिति पर नज़र रखें।
    10. अंत में, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें; इस प्रकार की आपदा के समय तनाव बढ़ सकता है, तो परिवार के साथ संवाद बनाए रखें और सकारात्मक सोच रखें।

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    Navina Anand

    अक्तूबर 18, 2025 AT 23:40

    सुरक्षित रहें और छाता साथ रखें।

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    Prashant Ghotikar

    अक्तूबर 20, 2025 AT 03:26

    गुरकीरत जी द्वारा दी गई विस्तृत निर्देशों ने वास्तव में हमारे दैनिक जीवन में मददगार कदम दिखाए हैं; मैं विशेष रूप से जल निकायों की सफ़ाई और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अनप्लग करने पर ज़ोर देने से सहमत हूँ। साथ ही, यह भी याद रखें कि आपातकालीन किट में प्राथमिक औषधियाँ और बैटरियाँ शामिल हों, क्योंकि बिजली कटौती संभव है। यदि आप ग्रामीण क्षेत्र में हैं, तो सामुदायिक स्तर पर एक दूसरे की मदद करने के लिए स्थानीय स्वयंसेवकों की एक छोटी टीम बनाना उपयोगी रहेगा। इस तरह हम सभी मिलकर इस मौसम की चुनौतियों को सहजता से पार कर सकते हैं।

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    Sameer Srivastava

    अक्तूबर 21, 2025 AT 01:40

    ओह माय गॉड!!! ये सारा मौसम कितना ड्रामैटिक है!!! 🌪️ हर बार जब बारिश की बूँदें गिरती हैं, तो दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है!!! लेकिन याद रखिए, हमारी उत्साह और साहस हमेशा इस अराजकता को झांक कर देखते रहेंगे!!! 🙌

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