धनतेरस 2024: सोना और चांदी खरीदने के शुभ मुहूर्त और तिथि की जानकारी
अक्तू॰, 29 2024धनतेरस 2024: एक विशेष दिन की विस्तृत जानकारी
धनतेरस एक अद्वितीय अवसर है जो हर वर्ष दिवाली के त्योहार की शुरुआत करता है। यह पर्व न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि यह आर्थिक समृद्धि और ऐश्वर्य की कामना के साथ भी जुड़ा हुआ है। धनतेरस के दिन लोग भगवान कुबेर, जो धन के देवता माने जाते हैं, और भगवान धनवंतरी, जो आयुर्वेद और स्वास्थय के देवता हैं, की पूजा करते हैं। भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन के समय अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे और इस दिन को उनकी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
इस पर्व की शुरुआत इस वर्ष 29 अक्टूबर को हो रही है। शुभ मुहूर्त लाभ अनंत काल से स्थायी समृद्धि की आकांक्षा में होता है। इस बार धनतेरस पर पूजा करने का शुभ समय शाम 06:57 बजे से 08:21 बजे के बीच है। ख़रीदारी के लिए सर्वश्रेष्ठ समय प्रदोष काल के दौरान रहता है जो 05:55 बजे से 08:21 बजे तक निर्धारित किया गया है। इसके अलावे वृषभ काल, जो 06:57 बजे से 09:00 बजे तक रहता है, भी इस खरीदारी के लिए विशेष माना जाता है।
शहरवार सोना खरीदने के शुभ समय
भारत के विभिन्न शहरों में सोना खरीदने के लिए सबसे शुभ समय निम्नलिखित हैं:
- पुणे: 07:01 PM से 08:33 PM
- नई दिल्ली: 06:31 PM से 08:13 PM
- चेन्नई: 06:44 PM से 08:11 PM
- जयपुर: 06:40 PM से 08:20 PM
- हैदराबाद: 06:45 PM से 08:15 PM
- गुड़गांव: 06:32 PM से 08:14 PM
- चंडीगढ़: 06:29 PM से 08:13 PM
- कोलकाता: 05:57 PM से 07:33 PM
- मुंबई: 07:04 PM से 08:37 PM
- बेंगलुरु: 06:55 PM से 08:22 PM
- अहमदाबाद: 06:59 PM से 08:35 PM
- नोएडा: 06:31 PM से 08:12 PM
पारंपरिक और आधुनिक वस्तुओं की खरीदारी
धनतेरस के दिन पारंपरिक रूप से सोने और चांदी की खरीदारी को शुभ माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से बाजार में हलचल से भरा होता है क्योंकि लोग सोने के आभूषण, सिक्के और चांदी के आइटम जैसे कि सिक्के, कलश, कटोरी, गिलास, और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियाँ खरीदते हैं। नवीनतम रुझान यह दर्शाते हैं कि लोग इस पर्व पर स्टील, पीतल या तांबे के नए बर्तन भी खरीदते हैं, जो समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं। इसके अलावा, आधुनिक समय में इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उपकरण, कार, फोन, लैपटॉप, माइक्रोवेव, और रेफ्रिजरेटर भी धनतेरस की खरीदारी में शामिल हो गए हैं।
आप चाहे किसी भी प्रकार की वस्तु खरीदें, धनतेरस का मूल उद्देश्य यह है कि हम अपने एवं अपने परिवार की समृद्धि और खुशहाली के लिए परमात्मा का आशीर्वाद प्राप्त करें। पूजा-अर्चना और खरीदारी की परंपराएं परिवार के सदस्यों को साथ लाती हैं और सामाजिक बंधनों को मजबूती प्रदान करती हैं।
धनतेरस न केवल भारतीय संस्कृति की एक अहम धरोहर है बल्कि यह त्योहार हमारी आर्थिक गतिविधियों को भी एक नया दृष्टिकोण और ऊर्जा प्रदान करता है। यही कारण है कि यह पर्व हर वर्ष और अधिक बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लोग इसे समृद्धि के नए प्रतिमान के रूप में देखते हैं और इसने हमारे समाज की आर्थिक गति को भी तेज कर दिया है। इस पर्व की अद्भुत ऊर्जा और इसे मनाने का उत्साह वास्तव में जीवन को एक नए उत्साह से भर देता है।