भारत में मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला: स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए
सित॰, 10 2024भारत में मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला सामने आने के बाद, स्वास्थ्य मंत्रालय ने सक्रिय कदम उठाते हुए जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला एक युवा पुरुष का है, जो हाल ही में उस देश से वापस आया था जहां मंकीपॉक्स का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। मरीज को एक निर्दिष्ट अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है और उसकी स्थिति वर्तमान में स्थिर बताई जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि के लिए मरीज का नमूना जांच के लिए भेज दिया है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) द्वारा पहले की गई जोखिम आकलन से मेल खाता हुआ यह विकास दर्शाता है कि देश में कुछ आयातित मामले हो सकते हैं, लेकिन विस्तारित संक्रमण का खतरा कम है।
मंकीपॉक्स एक स्वयं-सीमित वायरल संक्रमण है, जो मंकीपॉक्स वायरस (MPXV) के कारण होता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कम ऊर्जा, और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसके अलावा, त्वचा पर चकते और घाव होते हैं जो दो से तीन सप्ताह तक बने रहते हैं। माना जाता है कि बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए यह वायरस घातक हो सकता है। वर्तमान में फैली संक्रमण की लहर प्रमुख रूप से क्लैड Ib के कारण है, जो मुख्य रूप से यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की तैयारियां
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह आश्वासन दिया है कि देश किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हवाई अड्डों, समुद्री बंदरगाहों और सीमा चौकियों पर स्वास्थ्य इकाइयों को पिछले महीने से ही सतर्क रखा गया है। विभिन्न प्रयोगशालाएं और आइसोलेशन सुविधाएं भी तैयार की गई हैं ताकि मंकीपॉक्स के संभावित मामलों को संभाला जा सके।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस बहु-देशीय फैल रहे संक्रमण को 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंताजनक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल' घोषित किया है। WHO की इस घोषणा के बाद, न केवल भारत बल्कि अन्य देशों ने भी अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के कदम उठाए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि नागरिकों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे स्वच्छता और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करें, साथ ही किसी भी संदिग्ध लक्षण के मामले में तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
भविष्य की रणनीतियां
एयरपोर्ट, सीपोर्ट, और लैंड क्रॉसिंग्स पर सक्रिय निगरानी जारी रखने के अलावा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी सुनिश्चित किया है कि प्रांतीय स्वास्थ्य विभागों को सामान्य निर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों के तहत, हर राज्य में मंकीपॉक्स के मामले मिलने की स्थिति में त्वरित कार्रवाई और रोगी की संपूर्ण देखभाल के उपाय किए जाएंगे।
इसके अलावा, विभिन्न अस्पतालों में मंकीपॉक्स संदिग्ध मामलों के लिए विशेष वार्ड और आइसोलेशन यूनिट्स स्थापित की गई हैं। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि कोई भी संभावित संक्रमण अन्य स्वस्थ व्यक्तियों तक न पहुंचे।
मंकीपॉक्स: अगर आप संक्रमित हों तो क्या करें?
मंकीपॉक्स के मामलों को देखते हुए, स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक सेट गाइडलाइन्स जारी की हैं। व्यक्ति को अगर बुखार, चकते या अन्य लक्षण महसूस हो रहे हों तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। खुद को दूसरों से अलग रहना चाहिए और किताबी नियमों का पालन करना चाहिए।
- स्वयं-आईसोलेशन: यदि आपको मंकीपॉक्स के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत खुद को दूसरों से अलग कर लें, खासकर बच्चों और बुजुर्गों से।
- कठोर स्वच्छता उपाय: अपने हथों को बार-बार धोएं और आम स्थानों को सैनिटाइज करें।
- चिकित्सकीय सहायता: किसी भी स्वास्थ्य लक्षण के मामले में तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
- सूचना देना: अपने यात्रा इतिहास और हाल ही में हुए संपर्कों के बारे में स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करें।
जनता की भूमिका
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता से आग्रह किया है कि वे किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें और केवल प्रामाणिक स्त्रोतों से जानकारी लें। सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही गलत सूचनाओं से बचें और हमेशा स्वास्थ्य मंत्रालय और WHO के दिशा-निर्देशों का पालन करें। इस वैश्विक आपातकाल की स्थिति में जन-सहयोग सबसे महत्वपूर्ण है।
मंकीपॉक्स का फैलाव रोकने के लिए सबसे अहम है कि लोग खुद को जागरूक बनाए रखे और समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच करते रहें। सही जानकारी और समय पर चिकित्सा सहायता से इस संक्रमण को कम किया जा सकता है।