अश्विनी दत्त की कहानी: अमिताभ बच्चन ने उनके पैर क्यों छुए?

अश्विनी दत्त की कहानी: अमिताभ बच्चन ने उनके पैर क्यों छुए? जून, 20 2024

अमिताभ बच्चन और अश्विनी दत्त का अनूठा क्षण

मुंबई में आयोजित फिल्म कल्कि 2898 एडी के प्री-रिलीज़ इवेंट में एक ऐसा अनूठा क्षण देखने को मिला, जिसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। इस इवेंट में अभिनेता अमिताभ बच्चन, प्रभास, दीपिका पादुकोण, कमल हासन और राणा दग्गुबट्टी जैसे गणमान्य हस्तियां शामिल थीं। इस इवेंट का मुख्य आकर्षण तब बना जब अमिताभ बच्चन ने फिल्म निर्माता अश्विनी दत्त के पैर छूए और उनकी विनम्रता और समर्पण की तारीफ की।

अश्विनी दत्त, जो 1974 में स्थापित व्यजयंती मूवीज़ के मालिक हैं, को बच्चन ने 'पहले व्यक्ति जो सेट पर पहुंचते हैं' के रूप में सराहा। उन्होंने यह भी कहा कि दत्त ने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि कास्ट और क्रू का पूरा ध्यान रखा जाए और उनकी सुरक्षा का समुचित प्रबंध हो। बदले में, अश्विनी दत्त ने भी बच्चन के पैर छूए, एक ऐसी परंपरा जो भारतीय संस्कृति में गहरी जड़ें बनाए हुए हैं।

व्यजयंती मूवीज़ की सफलता

व्यजयंती मूवीज़ की सफलता

अश्विनी दत्त की कंपनी व्यजयंती मूवीज़ ने विभिन्न सितारों के साथ कई सफल फिल्में बनाई हैं, जिनमें नंदमुरि तारक रामा राव (NTR), अक्किनेनी नागेश्वर राव (ANR), कृष्णा, शोभन बाबू, कृष्णम राजू, चिरंजीवी, वेंकटेश, बालकृष्ण, नागार्जुन, महेश बाबू, अल्लू अर्जुन, जूनियर NTR और राम चरण शामिल हैं। इन फिल्मों ने दत्त को तेलुगू फिल्म उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।

अश्विनी दत्त का परिवार और फिल्म निर्माण

अश्विनी दत्त का परिवार और फिल्म निर्माण

अश्विनी दत्त की बेटियां, स्वप्ना और प्रियंका, भी फिल्म निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाती हैं। प्रियंका की शादी नाग अश्विन से हुई है, जो कल्कि 2898 एडी के निर्देशक हैं। उनके परिवार के सदस्यों की यह सक्रियता और योगदान ही उनकी फिल्मों की श्रेष्ठता का प्रमुख कारण है।

एक विनम्र हस्ती की कहानी

उक्त घटना यह दर्शाती है कि फिल्म उद्योग में सफलता केवल टैलेंट और मेहनत से ही नहीं, बल्कि विनम्रता और समर्पण से भी आती है। अमिताभ बच्चन जैसे महान अभिनेता से यह सम्मान आस्विनी दत्त की वर्षों की मेहनत और सम्मान का प्रतीक है। इस इवेंट ने यह भी साबित किया कि बड़प्पन सही मायनों में विनम्रता में निहित है।

राम गोपाल वर्मा ने इस क्षण को सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसका व्यापक रूप से स्वागत हुआ। यह क्षण न केवल दो महान व्यक्तियों की पारस्परिक सम्मान की भावना को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारतीय सिनेमा में परंपराओं और सांस्कारिक मूल्यों को कितना महत्व दिया जाता है।

कल्कि 2898 एडी की अपेक्षाएं

कल्कि 2898 एडी की अपेक्षाएं

फिल्म कल्कि 2898 एडी, जिसमें प्रभास, दीपिका पादुकोण, अमिताभ बच्चन और कमल हासन जैसे बड़े कलाकार शामिल हैं, से दर्शकों को बड़ी उम्मीदें हैं। नाग अश्विन की इस फिल्म का ट्रेलर दर्शकों के बीच उत्साह पैदा कर चुका है। यह एक साइंस-फिक्शन फिल्म है जो निश्चित रूप से भारतीय सिनेमा में एक नया युग स्थापित करने की क्षमता रखती है।

अश्विनी दत्त और उनके परिवार का योगदान इस फिल्म की सफलता में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। उनकी प्रोडक्शन टीम की सख्ती और समर्पण ने फिल्म की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाएगी और व्यजयंती मूवीज़ को एक नया प्रतिष्ठान देगी।

अंतिम शब्द

मुंबई में कल्कि 2898 एडी के प्री-रिलीज़ इवेंट में देखा गया वह क्षण भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक यादगार घटना बन गया है। अश्विनी दत्त और उनकी कंपनी व्यजयंती मूवीज़ की यात्रा नई पीढ़ी के फिल्म निर्माताओं और कलाकारों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी रहेगी। विनम्रता, समर्पण और परंपराओं का सम्मान यही दर्शाता है कि हमें हमारे संस्कारों को कभी नहीं भूलना चाहिए चाहे हम किसी भी सफलता के शिखर पर क्यों न हों।

19 टिप्पणि

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    gauri pallavi

    जून 21, 2024 AT 02:26
    अमिताभ बच्चन ने पैर छूए... ये नहीं कि वो किसी को बड़ा समझते हैं, बल्कि वो जानते हैं कि असली ताकत विनम्रता में होती है। आजकल तो लोग अपने बॉस के पैर छूने की बजाय उनकी फोटो डालकर लाइक कर देते हैं।
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    Agam Dua

    जून 22, 2024 AT 17:34
    ये सब नाटक है। अमिताभ बच्चन को इतना नम्र दिखाने की क्या जरूरत? वो तो एक बड़ा अभिनेता हैं, लेकिन ये दिखावा बहुत ज्यादा है। और अश्विनी दत्त? उन्होंने क्या किया? फिल्में बनाईं। कोई भी निर्माता ऐसा करता है।
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    Gaurav Pal

    जून 23, 2024 AT 15:21
    अरे भाई, ये दिखावा नहीं, ये संस्कृति है। जब कोई आदमी अपने ऊपर वाले के पैर छूता है, तो वो उसकी मेहनत को सम्मान देता है। आज के जमाने में लोग फिल्म बनाने वालों को बेवकूफ समझते हैं, जबकि बिना उनके तो अभिनेता के पैर भी नहीं छू सकते।
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    sreekanth akula

    जून 24, 2024 AT 05:56
    ये वाकई अद्भुत है। भारतीय संस्कृति में पैर छूना सिर्फ एक रिवाज नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रतीक है। अमिताभ बच्चन ने ये दिखाया कि जब तक हम अपने जड़ों को नहीं भूलेंगे, तब तक हम वास्तविक सफलता नहीं पा सकते।
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    Sarvesh Kumar

    जून 24, 2024 AT 20:04
    ये सब बकवास है। अमिताभ बच्चन को तो हर चीज़ में बड़ा दिखाया जाता है। अगर ये वाकई सम्मान है, तो फिर उन्होंने दीपिका के पैर क्यों नहीं छूए? क्या वो बच्चन के लिए अश्विनी दत्त बड़े हैं? बेवकूफी है।
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    Ashish Chopade

    जून 25, 2024 AT 23:53
    इस प्रकार के व्यवहार को बरकरार रखना जरूरी है। यह भारतीय संस्कृति की शिक्षा है। विनम्रता, समर्पण, सम्मान। ये गुण आज लुप्त हो रहे हैं।
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    Shantanu Garg

    जून 27, 2024 AT 21:26
    अच्छा लगा। बस इतना ही।
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    Vikrant Pande

    जून 28, 2024 AT 08:55
    अरे ये तो बहुत पुराना ट्रेंड है। अमिताभ बच्चन को तो लोग अभी भी देवता समझते हैं। लेकिन अगर आप इस तरह के दिखावे को असली सम्मान मान लेंगे, तो आप अभी भी जादू के लिए नाम लिखते होंगे। ये बस एक शो है।
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    Indranil Guha

    जून 29, 2024 AT 06:51
    यह भारतीय संस्कृति का सम्मान है। और यह एक ऐसा क्षण है जिसे हमें बच्चों को सिखाना चाहिए। जब तक हम अपने गुरुओं का सम्मान नहीं करेंगे, तब तक हम आगे नहीं बढ़ सकते।
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    srilatha teli

    जून 29, 2024 AT 10:00
    इस क्षण ने मुझे याद दिलाया कि वास्तविक शक्ति कभी शोर नहीं करती। अश्विनी दत्त ने अपनी जिंदगी में एक भी फिल्म नहीं बनाई जिसमें किसी का अहंकार बड़ा हो। उनकी विनम्रता ने दर्शकों को भी शिक्षा दी। यही तो सच्चा नेतृत्व है।
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    Sohini Dalal

    जुलाई 1, 2024 AT 01:21
    हां बस एक बार पैर छू लिया और सब खत्म? अगर अश्विनी दत्त ने एक फिल्म भी बर्बाद नहीं की, तो अमिताभ बच्चन के पैर छूने की जरूरत ही क्या थी? क्या ये सब एक ट्रेलर के लिए नाटक है?
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    Suraj Dev singh

    जुलाई 1, 2024 AT 07:57
    ये बहुत अच्छा हुआ। आजकल तो हर कोई अपनी खुद की तारीफ कर रहा है। इस तरह का सम्मान बहुत कम हो गया है।
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    Arun Kumar

    जुलाई 3, 2024 AT 07:32
    अरे भाई, ये तो बस एक फिल्म का ट्रेलर बनाने के लिए बनाया गया दृश्य है। अमिताभ बच्चन ने तो अपने बेटे के पैर भी नहीं छूए, लेकिन अश्विनी दत्त के पैर छू दिए? ये तो बिल्कुल बाजार की चाल है। इसके बाद तो दीपिका के पैर छूने का वीडियो भी आ जाएगा।
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    Manu Tapora

    जुलाई 4, 2024 AT 00:14
    इस घटना में कोई विवाद नहीं है। यह एक सांस्कृतिक प्रथा है जो भारतीय सिनेमा में लंबे समय से चल रही है। अमिताभ बच्चन ने इसे एक आधुनिक रूप में दर्शाया है।
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    haridas hs

    जुलाई 5, 2024 AT 10:36
    इस घटना के आधार पर एक सामाजिक संकट का विश्लेषण किया जा सकता है। यह एक शक्ति संरचना का प्रतीक है, जहां परंपरागत अधिकार के आधार पर आध्यात्मिक प्रतीकों का उपयोग किया जा रहा है। यह एक नियंत्रण तंत्र है जो व्यक्तिगत अहंकार को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है।
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    Shiva Tyagi

    जुलाई 7, 2024 AT 09:57
    अगर ये सम्मान है, तो फिर क्यों नहीं अमिताभ बच्चन ने अश्विनी दत्त के बेटे के पैर छूए? जो फिल्म बना रहा है? क्या वो भी बड़े नहीं हैं? ये सब बस एक बड़ी धोखेबाजी है।
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    Pallavi Khandelwal

    जुलाई 7, 2024 AT 19:56
    अरे ये तो बहुत दिल छू गया! अमिताभ बच्चन के आंखों में आंसू थे! अश्विनी दत्त का चेहरा बदल गया! ये तो बस एक फिल्म नहीं, ये तो जीवन का सबक है! मैं तो अब रो रही हूं!
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    Mishal Dalal

    जुलाई 8, 2024 AT 11:08
    ये तो बहुत बड़ी बात है। भारतीय संस्कृति के लिए ये एक ऐतिहासिक क्षण है। अमिताभ बच्चन ने अश्विनी दत्त के पैर छूकर ये साबित कर दिया कि विनम्रता और समर्पण की कीमत भारतीय सिनेमा में अभी भी बनी हुई है।
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    Pradeep Talreja

    जुलाई 10, 2024 AT 00:23
    इस तरह के दिखावे से कुछ नहीं होता। अगर वाकई सम्मान है, तो फिल्मों की गुणवत्ता बढ़े। न कि पैर छूने से।

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