आरएसएस सदस्य के दावे पर बवाल: अमित मालवीय पर टिप्पणी की गलत व्याख्या का आरोप
जून, 12 2024
आरएसएस सदस्य के दावे पर बवाल
आरएसएस के सदस्य और कोलकाता के जाने-माने वकील शांतनु सिन्हा ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में विस्तृत सफाई दी है, जिसमें उन्होंने भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय पर गंभीर आरोप लगाए थे। सिन्हा का आरोप था कि मालवीय यौन उत्पीड़न में संलिप्त हो सकते हैं। इस विवादित पोस्ट के बाद, मालवीय ने सिन्हा को 8 जून को कानूनी नोटिस भेजा, जिसमें उन्होंने मानसिक उत्पीड़न और प्रतिष्ठा की हानि का आरोप लगाते हुए 10 करोड़ रुपये की मांग की। साथ ही, सिन्हा से सार्वजनिक माफी की भी मांग की।
सोशल मीडिया पर 'दिल से खेद' व्यक्त
इस विवाद के बढ़ने पर, शांतनु सिन्हा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक नई पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने अपनी 'दिल से खेदपूर्ण' भावना व्यक्त की। हालांकि, उन्होंने अपने पहले की पोस्ट को हटाने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि उनका पोस्ट अमित मालवीय द्वारा महिलाओं का यौन शोषण करने के बारे में नहीं था बल्कि पार्टी नेताओं द्वारा मालवीय को हनी ट्रैप में फँसाने के डर पर आधारित था।
सिन्हा ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी मालवीय और भाजपा के खिलाफ नफरत फैलाने के अभियान चला रही है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने मालवीय को भाजपा के आईटी सेल प्रमुख पद से हटाने की मांग की।
मालवीय के खिलाफ आरोप की प्रतिक्रिया
भाजपा ने सिन्हा के आरोपों को निराधार करार दिया है। पार्टी का कहना है कि ये सभी आरोप बेबुनियाद और गलत हैं। मालवीय ने सिन्हा को भेजे गए कानूनी नोटिस के जवाब का इंतजार किया है, जिसका समय सीमा मंगलवार को समाप्त हो गई थी।
भाजपा की ओर से उचित कानूनी कार्रवाई की धमकी दी गई है। टीएमसी के प्रवक्ता रिजू दत्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि मोदी ने अपनी पार्टी में यौन उत्पीड़न के मामलों पर चुप्पी साध रखी है तथा ऐसे अपराधियों को बचा रहे हैं।
समाज और राजनीति पर असर
इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। मालवीय के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप की गंभीरता ने भाजपा सहित अन्य राजनीतिक दलों को अपने बयान और रुख स्पष्ट करने पर मजबूर कर दिया है। आरएसएस के सदस्य की पोस्ट और इसके बाद की घटनाओं ने भाजपा की छवि पर सवाल उठाए हैं।
शांतनु सिन्हा का यह बयान, और इसके प्रत्युत्तर में कानूनी नोटिस का मुद्दा, आगे क्या मोड़ लेगा, यह देखना बाकी है। लेकिन यह साफ है कि इस विवाद ने भारतीय राजनीति में एक नया आयाम जोड दिया है।
Dinesh Bhat
जून 13, 2024 AT 10:06ये सब बहसें तो हमेशा होती रहती हैं, पर असली सवाल ये है कि हम अपनी राजनीति में इतनी बुरी तरह से महिलाओं को टारगेट क्यों करते हैं? ये सब नफरत का खेल है, और असली लोग जो बर्बरता के शिकार होते हैं, वो चुप रह जाते हैं।
Annu Kumari
जून 13, 2024 AT 10:57मुझे लगता है कि अगर कोई आरोप लगाता है, तो उसे साबित करना चाहिए... और अगर नहीं, तो वो बस एक अफवाह है। लेकिन अब तो हर कोई बस अपनी बात चलाने में लगा है।
Chandni Yadav
जून 15, 2024 AT 09:01आरएसएस के सदस्य का बयान एक शास्त्रीय उदाहरण है जहाँ भावनात्मक अभिव्यक्ति को तर्क के रूप में पेश किया जा रहा है। यह एक जानबूझकर बनाई गई नरम अपराध अभिव्यक्ति है, जिसका उद्देश्य लोकतांत्रिक विवाद को अपराध के रूप में रूपांतरित करना है। यह एक अत्यधिक जटिल सामाजिक अनुक्रिया है जिसमें राजनीतिक अपराध और नागरिक अभिव्यक्ति के बीच की सीमा को धुंधला किया जा रहा है।
Raaz Saini
जून 16, 2024 AT 10:48अमित मालवीय ने बस एक नोटिस भेजा है, और तुम सब यहाँ लाखों बातें कर रहे हो... लेकिन क्या किसी को लगता है कि अगर वो असली बात बताता, तो क्या उसकी जिंदगी बदल जाती? नहीं। ये सब बस एक धोखा है।
Sohan Chouhan
जून 16, 2024 AT 20:35भाजपा वाले तो हमेशा से ऐसे ही हैं... एक लड़की को बर्बरता का शिकार बनाते हैं, फिर उसके बाद अपनी छवि बचाने के लिए लोगों को बेवकूफ बनाते हैं। और फिर तुम लोग बोलते हो ‘ये तो सिर्फ राजनीति है’... नहीं भाई, ये तो एक अपराध है।
Himanshu Kaushik
जून 17, 2024 AT 07:41मैं तो बस ये कहूँगा कि अगर आपके पास कोई सबूत है तो दिखाओ... नहीं तो ये सब बस बातें हैं।
Sri Satmotors
जून 17, 2024 AT 23:50हर कोई अपनी बात बोल रहा है... लेकिन क्या कोई यहाँ वास्तविक लोगों के दर्द को सुन रहा है?
SHIKHAR SHRESTH
जून 18, 2024 AT 18:50मैंने ये बातें पहले भी सुनी हैं। एक बार एक वकील ने एक नेता के खिलाफ आरोप लगाए थे... फिर उसके पास सबूत नहीं थे। अब वो वकील भी चुप है। ये सब तो बस एक चक्र है।
amit parandkar
जून 20, 2024 AT 11:32क्या आपने कभी सोचा है कि ये सब एक बड़ी चाल है? कांग्रेस, टीएमसी, आरएसएस... सब एक साथ इसे बढ़ा रहे हैं। ये नहीं कि कोई आरोप है... ये तो एक नियोजित अभियान है जिसका लक्ष्य है भाजपा को नीचा दिखाना।
venkatesh nagarajan
जून 20, 2024 AT 18:31जब तक हम इस बात को समझ नहीं लेंगे कि शक्ति के लिए लड़ाई में मानवता का बलिदान होता है, तब तक ये विवाद बस एक और अध्याय बन जाएगा। जीवन नहीं, बल्कि अहंकार के लिए लड़ रहे हैं।
Drishti Sikdar
जून 22, 2024 AT 08:25तुम सब बस इसी बात पर बात कर रहे हो... लेकिन क्या किसी को लगता है कि ये जो आरोप हैं, वो सच हो सकते हैं? ये तो बस एक तरह का अंधविश्वास है।
Kamal Sharma
जून 23, 2024 AT 11:50मैं भारतीय संस्कृति में विश्वास करता हूँ... जहाँ एक व्यक्ति की प्रतिष्ठा उसके नाम से बड़ी होती है। अगर कोई बिना सबूत के आरोप लगाता है, तो वो न सिर्फ एक व्यक्ति को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि पूरी समाज की नैतिकता को भी नुकसान पहुँचाता है। ये बात बहुत गंभीर है।