
नई दिल्ली: हमारी धरती रहस्यों से भरी हुई है, मगर तकनीक ने बहुत हद तक इसे सुलझा दिया है. दुनिया में अब कोई कहीं भी आ-जा सकता है और नई जगहों को एक्सप्लोर कर सकता है. क्योंकि गूगल मैप्स के जरिए दुनिया के किसी अनजान हिस्से की खोज करना काफी आसान हो गया है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप दुनिया के किस कोने में घूमने की योजना बना रहे हैं, बस अब आप गूगल मैप को देखकर उन सभी स्थानों पर जा सकते हैं, जहां आपने पहले कदम भी नहीं रखा. मगर अब भी धरती पर कुछ जगह ऐसे हैं, जहां गूगल भी साथ छोड़ देता है. जी हां, अगर कोई आपसे कहे कि धरती पर कुछ स्थान अब भी गूगल मैप पर भी दिखाई नहीं देते हैं, तो क्या आप इस पर यकीन करेंगे? भले ही आपको यह सवाल थोड़ी अजीब लगे, लेकिन हकीकत तो यही है कि दुनिया में कुछ ऐसे भी स्थान हैं जो गूगल की नजर से ओझल हैं. तो चलिए जानते हैं उन जगहों के बारे में.

कैटेनॉम न्यूक्लियर पावर प्लांट लक्ज़मबर्ग शहर के करीब ग्रैंड ईस्ट में स्थित है और यह दुनिया का नौवां सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा स्टेशन है. अगर आप उस स्थान को सर्च करते हैं और उसे गूगल मैप पर ढूंढने का प्रयास करते हैं, तो पूरा इलाका पिक्सेलेटेड हा जाएगा ताकि रिएक्टर को गूगल मैप पर नहीं देखा जा सके.

ग्रीस के आइलैंड पर स्थित कोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है. गूगल मैप्स पर देखने पर यह मुश्किल से ही दिखाई देता है. रिपोर्टस की मानें तो गर्मियों के दौरान यह आइलैंड फेस्टिवल इलाके में बदल जाता है और यहां अलग-अलग देशों से विमान के जरिए पर्यटक आते हैं. फोटो साभार- (airport technology.com)

अमचिटका आइलैंड का आधे से ज्यादा हिस्सा गूगल मैप्स पर अदृश्य है. कुछ रिपोर्टों के अनुसार, इस द्वीप को 1950 के दशक के अंत में भूमिगत परमाणु परीक्षण के लिए अमेरिकी परमाणु ऊर्जा आयोग द्वारा चुना गया था. कहा जाता है कि यहां कथित तौर पर तीन भूमिगत परमाणु परीक्षण किए गए हैं. फोटो क्रेडिट- (https://www.geotechnics.net/)

आप अपने गूगल मैप पर जेनेट आइलैंड, रूस खोजें और सर्च करने पर आपको ऐसी कोई जगह नहीं मिलेगी. जबकि यह जगह रूस में ही मौजूद है. पूर्वी साइबेरियाई सागर में स्थित यह क्षेत्र एक रूसी सैन्य अड्डा है और रूस में सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है. (फोटो क्रेडिट-Pax Arctica फेसबुक पेज)

फ्रांस में मार्कोल परमाणु स्थल का पूरा क्षेत्र भी गूगल मैप मानचित्र पर पिक्सेलेटेड है. कहा जाता है कि यह फ्रांसीसी सरकार के अनुरोध पर किया गया है और यह फ्रांस के शीर्ष परमाणु अनुसंधान केंद्रों में से एक है. (फोटो क्रेडिट-kmaschke)