भारत का पहला विश्व विरासत शहर कौन-सा है, जानें

क्या होती है विश्व धरोहर

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर विश्व धरोहर क्या होती है। विश्व धरोहर सूची में उन स्थानों को शामिल किया जाता है, जो कि मानवता के लिए महत्वपूर्ण स्थान होते हैं और जिन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित कर रखने की आवश्यकता होती है, उन्हें विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया जाता है।

इसकी पहल UNESCO द्वारा की जाती है। विश्व धरोहर की सूची को लेकर 1972 में एक संधि पर समझौता हुआ था, जिसके तहत तीन श्रेणियों के विश्व धरोहर का संरक्षण किया जाता है। 

प्राकृतिक धरहोर स्थलः प्राकृतिक धरोहर स्थल वे होते हैं, जो कि भौगोलिक और भौतिक रूप से सुंदर  होते हैं या फिर इन दोनों दृष्टियों से विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण होते हैं या फिर किसी विलुप्त होते वन्यजीव की वनस्पती का प्राकृतिक आवास होते हैं।

सांस्कृतिक धरोहर स्थलः सांस्कृतिक धरोहर स्थलों में स्मारक, मूर्तिकारी, चित्रकारी, स्थापत्य,मानव का काम या फिर मानव और प्रकृति के संयुक्त कार्य का परिणाम आदि होते हैं। ये मानवता और मानवविज्ञान के लिए अतिमहत्वपूर्ण होते हैं। 

मिश्रित धरोहर स्थलः इस श्रेणी में वे स्थल आते हैं, जो कि प्राकृतिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण होते हैं। इन्हें मिश्रित धरोहर की सूची में शामिल किया जाता है। 

Jagranjosh

भारत का पहला विश्व विरासत शहर कौन-सा है

  •  गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर को विश्व विरासत समिति के 41वें सत्र के दौरान यूनेस्कों की सूची में शामिल किया गया था।
  • यह इस सूची में शामिल होने वाला भारत का पहला और एशिया का तीसरा शहर था। इससे पहले श्रीलंका का गाले और नेपाल में भक्तपुर शहर विश्व विरासत शहरों की सूची में शामिल हो गए थे।
  • अहमदबाद शहर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा 26 सरंचनाओं को संरक्षित किया गया है। यहां पर 10 एतिहासिक दरवाजे हैं, जो कि यहां की बेहतरीन वास्तुकला को दर्शाते हैं। यहां के चबूतरें, पोल व गलियों और इन गलियों में रहने वाले लोगों के रहन-सहन को भी शामिल किया गया है।
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