जिद्दी बच्चे की कहानी

एक राजू नाम का लड़का था, जिसे बाहर का खाना खाने का बहुत शोक था। वह हमेशा बाहर का खाना पसंद करता था। राजू के मम्मी पापा उसे बहुत समझाते थे, लेकिन वह उनकी एक बात भी नहीं सुनता था। एक दिन राजू स्कूल से घर आय और बोला मम्मी मुझे बहुत तेज भूख लगी है, उसकी मम्मी ने कहाँ में तुम्हारे लिए पोहा बना देती है, राजू ने कहा मुझे पोहा नहीं खाना है। उसकी मम्मी ने उसे फल खाने के लिए कहा, लेकिन राजू ने कहा मुझे चिप्स और पेप्सी चाहिए।

राजू की मम्मी ने कहा यह तो घर में नहीं है। इस बात को सुनकर राजू ने कहा मुझे पैसे दो में बाहर से लेकर आता हूँ। राजू ने जिद करके अपनी माँ से पैसे लिए और बाहर चला गया। उसी रात को राजू की मान ने पराठे और आलू गोभी की सब्जी बनायीं थी। रात को राजू और उसके मम्मी पापा तीनो खाना खाने के लिए बैठे, राजू ने कहाँ पापा मुझे गोभी की सब्जी पसंद नहीं है। इस पर उसके पापा ने डाटते हुए कहा, की तुम्हारे लिए रात में बाहर से खाना थोड़ी लायेंगे चुपचाप खा लो।

लेकिन राजू का मन पेटीज और आइसक्रीम आदि खाने का कर रहा था। उससे खाना बिल्कुल भी नहीं खाया जा रहा था। उसने अपने मम्मी – पापा की नजर से बचकर सारा खाना पास में रखे फूल दान में डाल दिया। और अपने कमरे में जा कर सो गया। अगली सुबह राजू स्कूल के लिए तैयार हो जाता है। राजू की मम्मी ने उसे दूध पीने के लिए दिया। लेकिन राजू ने अपनी माँ से कहा की उसे दूध पसंद नहीं है, और वह दूध नहीं पियेगा।

तभी राजू के पापा वहां आ गए और उसने अपने पापा के डर की वजह से दूध का गिलास मम्मी के हाथ से ले लिया। लेकिन उसने वह दूध पीया नहीं और नजर बचाकर खिड़की से बहार सारा दूध का गिलास गिरा दिया। और फिर स्कूल चला गया। जब राजू की मम्मी घर की सफाई कर रही थी, तो उन्हें फूल दान में रात की सब्जी और पराठे मिले। तभी राजू के पापा वहां आये और उन्होंने राजू की मम्मी से कहा की तुम्हारे लाडले बेटे ने सारा दूध सुबह खिड़की से बाहर फेक दिया था, और देखो मेरी चप्पल पर भी दूध लग गया है।

राजू के पापा बोले आज भी बाहर ऐसे बहुत से बच्चे है, जिन्हे दूध देखने को भी नहीं मिलता है। और हम अपने बेटे को सब कुछ देते है, लेकिन फिर भी इसे इन सब चीजों की कोई क़दर नहीं है। राजू की मम्मी ने कहा की इसने रात सारा खाना फूल दान में फेक दिया था। यह घर का खाना बिल्कुल भी नहीं खाता है, और इसकी सेहत भी दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। राजू के पापा बोले जब खाना ही ठीक से नहीं खायेगा तो सेहत कहाँ से बनेगी।

राजू से उसके मम्मी – पापा बहुत परेशान थे। राजू की मम्मी बोली की आप ही कुछ कीजिये। इस पर राजू के पापा बोले हमारी मदद राजू के स्कूल की मैडम कर सकती है। अगले दिन राजू के मम्मी – पापा उसके स्कूल में गए और सारी कहानी स्कूल की मैडम को बताई। स्कूल की मैडम बोली अच्छा तो इसी वजह से राजू अपनी क्लास में इतना कमजोर है। यह ठीक से खाना पीना ना खाने की वजह से खेल कूद में भी दूसरे बच्चो बहुत ज्यादा कमजोर है।

उसके पापा ने स्कूल की मैडम से कहा की हमें राजू को समझाना चाहिए, की बहार की चीजों से हम बहुत बीमार हो सकते है, और इससे हमारे शरीर को बहुत नुक्सान होता है। राजू के स्कूल की मैडम ने कहा मेरे पास एक तरकीब है। यह तरकीब राजू की मैडम ने उसके पापा को बता दी। अगले दिन राजू का जन्मदिन था। राजू को आज पुरे दिन कुछ भी खाने की पूरी छूट थी। उसने पुरे दिन बहुत सी बहार की चीजे खायी।

बाद में राजू के स्कूल की टीचर ने राजू को गिफ्ट में एक पौधा दिया और कहा की यह बहुत अनमोल पौधा है। यह जिसके पास रहता है, उसके पास किसी भी चीज की कमी नहीं होती है। तुम इस पौधे का पूरा ख्याल रखोगे। राजू को वह पौधा बहुत पसंद आया, और राजू बोला जी मैडम में इस पौधे का पूरा ख्याल रखूँगा। पार्टी खत्म हो गयी और सभी लोग अपने अपने घर को चले गए। और राजू भी अपने पौधे को लेकर अपने कमरे में गया और सो गया।

अगली सुबह राजू अपनी मम्मी से बोला की मुझे पानी देना, मुझे अपने पौधे में पानी डालना है। यह सुनकर उसकी मम्मी बोली पानी क्यों पौधे में कोल्डड्रिंक डाल दे। क्योकिं तुझे कोल्ड ड्रिंक बहुत पसंद है। राजू बोला माँ आप किस तरह की बात कर रही हो। पौधे में कोई कोल्ड ड्रिंक डालता है। उसकी माँ बोली जब तू कोल्ड ड्रिंक पी सकता है, तो यह तेरा पौधा क्यों नहीं पी सकता है। राजू ने अपनी माँ के कहने पर पौधे में कोल्ड ड्रिंक डाल दिया।

अब प्रतिदिन ऐसे ही होने लगा। जब भी राजू पौधे में पानी डालने के लिए बोलता माँ उससे कोल्ड ड्रिंक डालने के लिए कह देती थी। इस तरह से धीरे धीरे पौधा सूखता चला जा रहा था। राजू को बिल्कुल भी समझ नहीं आ रहा था, की पौधा क्यों सुख रहा था। उसने आपने पापा से कहा की पापा में तो पौधे में पानी से भी अच्छी चीज कोल्ड ड्रिंक डालता हु फिर भी पौधा सूखता जा रहा है।

उसके पापा ने कहा की लगता है, की पौधे में खाद डालनी पड़ेगी। यह सुनकर राजू बोला खाद कहाँ से मिलेगी पापा। उसके पापा ने कहा तुम्हारे पास ही तो है, तो जो चिप्स और पेटीज खाते हो, उसी को चुरा करके पौधे में डाल दो। यह सुनकर राजू बोला क्या यह पौधे के लिए अच्छा होगा। उसके पापा ने कहा जब यह सब तुम्हे अच्छा लगता है, तो तुम्हारे पौधे को भी अच्छा लगेगा।

राजू ने अपने पापा के कहने पर पौधे में चिप्स और पेटीज का चुरा डाल दिया। इससे उसका पौधा और भी ज्यादा सूखने लगा। उसकी समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था, की उसका पौधा क्यों सूखता जा रहा है। तभी उसके मम्मी – पापा आ गए। और उसकी मम्मी ने उसको समझाते हुए कहा की तुम्हारा पौधा इसलिए सुख गया क्योकिं तुम इसमें पानी की जगह कोल्ड ड्रिंक डाल रहे थे और खाद की जगह चिप्स।

तुम्हे लगता है, की यह सभी चीजे पानी से ज्यादा अच्छी और लेकिन इन्होने पौधे को बहुत सूखा दिए है। इसी तरह से तुम भी यह सभी चीजे खाते हो। जिसकी वजह से तुम भी दिन प्रतिदिन अपने दोस्तों से खेल कूद में पीछे होते जा रहे हो। हालाकिं यह सभी बाहर की चीजे खाने में बहुत अच्छी होती है। लेकिन इनमे किसी भी तरह का कोई पोषक तत्व नहीं होता है। अगर हम रोज रोज इस तरह की चीजे खाते है, तो इससे हमारा शरीर कमजोर होने लगता है। और हमारे शरीर में बहुत सी बीमारियां होने लगती है।

जिस तरह से पौधे को बढ़ने के लिए खाद और पानी की आवश्यकता होती है। ठीक उसी तरह से शरीर को मजबूत बनाने के लिए अच्छे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जो की सिर्फ घर के खाने से ही मिलती है। यह बात राजू समझ चुका था। राजू बोला आज के बाद में कभी भी बाहर का कुछ नहीं खाऊंगा और हमेशा घर का खाना खाऊंगा। उस दिन के बाद राजू घर का खाना खाता और अपने पौधे को पानी और खाद देता।

कुछ दिन बाद ही राजू की सेहत भी अच्छी होने लगी और उसका पौधा भी फिर से लहरा उठा।

Moral of The Story

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है। हमें हमेशा अपने माता पिता की बात माननी चाहिए। जो भी हमारे माता पिता हमें समझाते वह हमेशा हमारी अच्छी सेहत और अच्छे भविष्य के लिए ही समझाते है।

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