क्या आप जानते हैं कि जब आप कंप्यूटर या कोई भी वीडियो यू tube के माध्यम से जब देखते हैं तो आपका IP एड्रेस के बारे में किसको पता चलता होगा. आखिर IP एड्रेस होता क्या है, कैसे इसके और मोबाइल नंबर के माध्यम से किसी व्यक्ति का रियल टाइम लोकेशन के बारे में पता लगाया जा सकता है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.
अकसर कई बार हम देखते है कि मोबाइल फोन जब खो जाता है तो कैसे उसको ट्रेस किया जाता है. इस डिजिटल दुनिया में जहां सब कुछ घर बैठे इंटरनेट के जरिये हो जाता है चाहे टिकट्स बुक करने हो, दूसरे देश के बारे में जानकारी लेनी हो इत्यादि सब कुछ घर बैठे बिठाए ही हो जाता है.
अधिकतर हम सब इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, Youtube के माध्यम से विडियो देखते है. पर क्या आप जानते हैं कि आपका IP एड्रेस किस किसको पता चल गया होगा. कैसे पता लगाएंगे की IP एड्रेस क्या होता है, कैसे इसके जरिये लोकेशन के बारे में पता लगाया जा सकता है, क्या मोबाइल से भी लोकेशन का पता लगाया जा सकता है इत्यादि. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.
आइये सबसे पहले अध्ययन करते हैं कि IP एड्रेस क्या होता है?
जब आप कोई कार या बाइक खरीदते है तो आपको एक नंबर दिया जाता है जो की नंबर प्लेट पर लिखा होता है. यदि कोई व्यक्ति किसी भी वाहन से कुछ गलत काम करता है जैसे एक्सीडेंट करना इत्यादि तो इस नंबर के जरिये उस वाहन के मालिक तक पहुंचा जा सकता है. इसी प्रकार जब मोबाइल फोन खरीदते हैं और ID प्रूफ देते हैं तो भी एक नंबर दिया जाता है. ये नंबर इसलिए मिलता है ताकि अगर कोई मोबाइल फोन या उस नंबर से कोई गलत काम करता है तो उसका एड्रेस मिल जाए और उस तक पहुंचा जा सके
इसी तरह जब आप इंटरनेट या ऑनलाइन कनेक्शन को इस्तेमाल करते हैं जैसे की WiFi, तो इंटरनेट चालाते वक्त आपको एक IP एड्रेस दे दिया जाता है. फिर आप जब-जब जो भी वेबसाइट एक्सेस करते हैं या उस पर जाते हैं तो हर वेबसाइट के पास जानकारी पहुंच जाती है की आप कौन हैं, किस ब्राउज़र से हैं, कौन सा फोन इस्तेमाल कर रहे हैं, यहां तक कि उनको ये भी पता चल जाता है कि यूजर का IP एड्रेस क्या है.
यानी IP एड्रेस एक टेक्निकल टर्म है जिसे Internet Protocol Address (IP Address) कहा जाता है. इसका मतलब है कि नेटवर्क में जितने भी कंप्यूटर संयुक्त या connected हैं इनके बीच में जो भी संचार होता है वो IP एड्रेस के जरिये ही होता है. कोई नहीं जानता है कि आपके कंप्यूटर या मोबाइल फोन का क्या नाम है परन्तु IP एड्रेस पता होता है. तो इंटरनेट से जितने भी उपकरण कनेक्टेड हैं चाहे फोन, कंप्यूटर, या अगर IOT डिवाइसेस हैं जैसे कि घड़ी, फ्रिज इत्यादि इनकों भी IP एड्रेस दिया जाता है. ये एड्रेस, इंटरनेट कनेक्शन देने वाली कंपनियों से मिलता है. मान लीजिए आपका जियो, एयरटेल, वोडाफोन या कोई भी कनेक्शन है तो ये लोग आपको एक IP एड्रेस देते है.
अब सवाल ये उठता है कि क्या ये कंपनियां खुद IP एड्रेस बनाती हैं या कही से लेती हैं. आइये अध्ययन करते हैं.
हम आपको बता दें कि ये IP एड्रेस इन कंपनियों को IANA एजेंसी द्वारा प्रदान किया जाता है.
IANA एक Internet Assigned Number Authority है. ये पूरी दुनियां में सबको IP एड्रेस प्रदान करती है. ये ही सब देखती है कि किसको कौनसा IP एड्रेस दिया जाए.
IANA कैसे IP एड्रेस प्रदान करती है?
अगर आप IANA के वेब पेज पर जाएंगे तो आपको Number Resources में IP Addresses and AS Numbers दिखेगा. इस पर आप क्लिक करेंगे तो आप देखेंगे की इसने पूरी दुनिया को क्षेत्रों के हिसाब से बांटा हुआ है जैसे एशिया, अफ्रीका, यूरोप इत्यादि.
ये आप सब जानते हैं कि एशिया में भारत भी आता है तो IANA ने APNIC करके बनाया हुआ है. यानी जितनी भी इंटरनेट देने वाली कंपनियां भारत में हैं चाहे जियो, वोडाफोन, एयरटेल, आईडिया इत्यादि को IP एड्रेस ये ही प्रदान करती है.
APNIC is the Regional Internet Registry administering IP addresses for the Asia Pacific. अब मानलीजिये इन कंपनियों को बंच में एक करोर IP मिल गई हैं तो ये कंपनियां IP को अलग-अलग लोगों में वितरित करेगी.
अब अगर आपको पता करना है कि आपकी IP क्या है जो आपको मिली हुई है: तो कैसे करेंगे?
इसके लिए गूगल पर जाकर लिखे what is my IP? तो आपको IP पता चल जाएगा. यानी ये IP आपको assign की हुई है और किसी को नहीं दी गई है. अगर आप कोई भी काम करते हैं तो आपको ट्रैक किया जा सकता है कि किस वेबसाइट पर आपने कब विजिट किया है.
APNIC के पास रिकॉर्ड होता है कि उसने किसको ये IP एड्रेस दिया है. APNIC के पेज पर जाएंगे तो देखेंगे Who is & Website. इस पर क्लिक करने पर आप जब किसी का IP एड्रेस डालेंगे तो ये बता देगा कि ये एड्रेस किसको दिया गया था, उस जगह का नाम और किस कंपनी को दिया गया है.
नोट: जब भी आप अपना फोन या मॉडेम on/off करते हैं या फोन को फ्लाइट मोड पर करके on करते हैं तो आपकी IP बदल जाती है.
हम आपको बता दें कि भारत में लोगों को dynamic IP मिलती है. यानी वो IP जो बदलती रहती है. Static IP वह होती है जो बदलती नहीं है यानी यूजर इंटरनेट इस्तेमाल कर रहा है या नहीं IP एड्रेस उसकी नहीं बदलती है. IANA से IP पैसो से खरीदी जाती है. मान लीजिये वोडाफ़ोन के पास 200 IP एड्रेस हैं परन्तु उसको 300 लोगों को IP एड्रेस देने है तो वोडाफोन को पता है कि ये 300 लोग एक साथ एक समय पर इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करेंगे. तो ये कंपनियां अपना IP एड्रेस बचा लेती हैं. जब यूजर इंटरनेट से कनेक्टेड नहीं रहते हैं तब एक यूजर की IP दूसरे यूजर को दे दी जाती है. फिर जब कोई दूसरा यूजर इंटरनेट on करता है या इस्तेमाल करता है तो उसको एक नई IP दे दिया जाता है.
परन्तु इन सबमें एक दिक्कत आ सकती है कि अगर सब लोग एक साथ इंटरनेट से कनेक्ट हो जाएंगे तो कैसे IP एड्रेस दिया जाएगा? ऐसे में सर्वर डाउन हो जाता है, मेंटेनेंस होने लगती है या फिर कुछ समय के लिए इंटरनेट कनेक्शन को बंद कर दिया जाता है. इससे क्या होगा कि कुछ यूजर वापिस चले जाएंगे और फिर IP लोगो को मिलने लगती हैं. हैना मजेदार बात.
अब अध्ययन करते हैं कि कैसे घर बैठे पता लगाए कि ये IP किसकी है और उसकी रियल टाइम लोकेशन क्या है ?