
पानी के संपर्क में आते ही लोहे में जंग लगना शुरू हो जाती है। जंग जो होती है वह लोहे के ऊपर अलग से दिखाई देती है। अब सवाल यह है कि लोहे के ऊपर जंग की परत चढ़ जाने पर, लोहे का वजन घट जाएगा या बढ़ जाएगा।
यदि लोहे पर ताजा-ताजा जंग लगी है तो लोहे का वजन बढ़ जाएगा क्योंकि आयरन में जब जंग लगती है तो उसका ऑक्सीकरण Fe2O3 (आयरन ऑक्साइड या फेरस ऑक्साइड) में होने लगता है। आयरन के साथ ऑक्सीजन के मिल जाने के कारण बहुत कम मात्रा में ही सही लेकिन लोहे का वजन बढ़ जाएगा। कितना वजन बढ़ेगा यह इस बात पर डिपेंड करता है कि लोहे के कितने हिस्से में जंग लगी है और वह जंग कितनी पुरानी है।
जिस प्रकार फर्नीचर को घुन नाम का कीड़ा (दीमक, Termite) खाने लगता है। फर्नीचर के ऊपर पाउडर दिखाई देने लगता है। हम सब जानते हैं कि यह पाउडर अपनी ही लकड़ी का है और इस पाउडर के कारण लकड़ी का वजन बढ़ेगा नहीं बल्कि घट जाएगा। इसी प्रकार लोहे पर जंग लगने के लंबे समय बाद जंग के कारण लोहे की खत्म होने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस समय यदि वजन करेंगे तो पता चलेगा कि लोहे का वजन कम हो गया है।
लोहे में जंग कैसे लगती है – How the Iron get Rusted
जब कोई धातु अपने आसपास की नमी/ आद्रता (Moisture), अम्ल आदि के संपर्क में आती है तो उसके ऊपर एक परत चढ़ जाती है, जिसे संक्षारण (Corrosion) कहा जाता है। संक्षारण का शाब्दिक अर्थ है- शनै: शनै: क्षरण।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इसी प्रकार अन्य धातुओं जैसे – चांदी, पीतल, सोना आदि में भी जंग लग जाती है। उन पर काली, हरी परत चढ़ जाती है और उनका वजन कम हो जाता है।
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