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इंसानों में बच्चों की नजरें सबसे तेज होती हैं. शोध बताते हैं कि, बच्चे बंदरों की शक्लों में भी अंतर समझ सकते हैं.
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जैविक विकास के हिसाब से चिम्पांज़ियों को इंसानों के सबसे क़रीब माना जाता है.
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क्या आप जानतें हैं इंसानी बदन में कई अंग हैं जिनके बगैर जीना संभव है? जैसे- अंडाशय, अंडकोष, पेट, कोलोन और अपेंडिक्स भी. लेकिन अंगों के बिना जीवित रहने के लिए डॉक्टरी देखभाल की जरूरत होती है.
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इंसानी शरीर में मौजूद पेट में जो एसिड बनता है वो इतना तेज होता है स्टील को भी गला दे? इसलिए पेट के आंतरिक बनावट को बचाकर रखने के लिए उस पर म्यूकस की एक मेंबरेन रहती है जो पेट को संभाले रहती है.
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इंसानी शरीर मौसम का पता लगा सकती है. जैसा हम सभी सुनते है कि ठंड आने से तेज हवा चलने से पहले कुछ लोगों के घुटने दर्द होने लगत हैं या फिर किसी को सिर दर्द की शिकायत बढ़ जाती है?
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इंसानी दिमाग सुपर कंम्यूटर से 2400 गुना ज्यादा तेज होता हैं.
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इंसान बचपन में सबसे ज्यादा तेज होते हैं. बचपन में इंसानों की नसों में साइनेप्सेज ज्यादा होते हैं ये साइनेप्सेज बढ़ने के साथ ही खुलते जाते हैं. इनकी ज्यादा संख्या होने से इंसान किसी भी चीज को ज्यादा और जल्दी सीखता है.
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इंसानी बच्चों की चमड़ी तेजी से बनती है.चमड़ी को बर्न-केस में इलाज के लिए मदद में लाया जाता है.
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इंसानी आंखों की पेशियां हर दिन एक लाख बार तक कसती और खुलती है.
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इंसानी दिमाग में अच्छी यादों से ज्यादा बुरी यादों को याद रखने की क्षमता होती है.
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इंसान जिनसे प्यार करते हैं उनके बगल में सोने से न केवल अवसाद में कमी महसूस करता है बल्कि आपकी उम्र भी बढ़ती है. ऐसा करने से इंसान को नींद जल्दी आती है और गहरी नींद में सोता है.
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मदद के दौरान इंसानी दिमाग कुछ लोगों को खासतौर पर चुनकर जैसे- जिन्होंने लाल शर्ट पहनी हो उन्हेंं पुकारता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे में मदद मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
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इंसान के हंसने से 50 प्रतिशत तक मानसिक दवाब कम होता है.
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इंसानी दिमाग किसी को पूरे चेहरे नही पहचानता बल्कि उनकी आंखों और अन्य किसी हिस्से, जो दिमाग में बस गया हो, उससे पहचानता है.
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इंसान खुद को दर्पण में ज्यादा समय तक देखने के बाद लोग अपने लुक्स के प्रति चिंताग्रस्त हो जाते हैं.
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इंसान के शरमाने से या शर्मिंदा महसूस होने से पेट के अंदर का रंग लाल हो जाता है.
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मच्छर ने दुनिया में इंसानों की सबसे ज्यादा जान ली है.
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इंसान किसी भी यंत्र की सहायता से 40000 फीट से अधिक गहरा गड्ढा नहीं खोद सकता.
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इंसानी वैज्ञानिक आज तक पृथ्वी के 10 प्रतिशत हिस्से का ही ठीक से अध्ययन कर सके हैं. पृथ्वी के 90 प्रतिशत हिस्से से इंसान अनभिज्ञ है.
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अगर कोई इंसानअपने अंदर किसी सीक्रेट यानी राज को छुपाता है ऐसे समय में किसी अन्य सीक्रेट बात के बारे में पूछे जाने पर इंसान हड़बड़ा जाता है.
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जन्म देना दूसरी सबसे बड़ी दर्दनाक घटना है, जिसे इंसान अनुभव करता है. पहला जिंदा जलाया जाना है