
Human Rights Law in India in Hindi – हमारे देश भारत में बहुत सारे नियम और कानून बने हुए है। जिनकी जानकारी प्रेत्यक नागरिक को नही है। इसलिए प्रत्येक नागरिक को कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी पता होना जरूरी है।
हमारे देश के नागरिक शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण इन अधिकारों से अंजान है। इस कारण से बहुत से नागरिक परेशानी, धोखेबाजी और भ्रष्टाचार के शिकार हो जाते है।
के प्रत्येक नागरिक को इन अधिकारों के बारे में जानने का अधिकार है। तो चलिए जानते है कुछ कानूनी अधिकार जो प्रत्येक भारत के नागरिक को पता होना चाहिए।
Human Rights Law in India in Hindi – आम नागरिक के कानूनी अधिकार
1.अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकत और गतिविधियां करता हुआ पकड़ा जाता है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है । इस कारण से उस आदमी को तीन माह की सजा हो सकती है।
2.गाड़ी चलाते वक्त अगर आपके 100 ml खून में अल्कोहल का लेवल 30 mg से ज्यादा मिलता है तो पुलिस आपको बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है।
3.किसी भी महिला को शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 बजे से पहले गिरफ्तार नही किया जा सकता है। और एक महिला को एक महिला पुलिस अधिकारी ही गिरफ्तार कर सकती है। अगर कोई पुरूष पुलिस अधिकारी किसी महिला को गिरफ्तार करता है तो यह भारतीय कानून के अनुसार अपराध है।
ऐसे में उन पर कानूनी कार्यवाही हो सकती है। किसी गंभीर अपराध के मामले में मजिस्ट्रेट से लिखित आदेश प्राप्त होने पर ही एक पुरूष पुलिसकर्मी किसी महिला को गिरफ्तार कर सकता है।
आम आदमी के कानूनी अधिकार
4.अगर कोई पुलिस अफसर आपकी FIR लिखने से मना करता है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है इसके लिए उसको 6 महीने तक कि सजा हो सकती है।
5.कोई भी होटल चाहे वो 5 स्टार ही क्यों ना हो, आपको फ्री में पानी पीने से और वाशरूम इस्तेमाल करने से नही रोक सकता है।
6.यदि कोई शादीशुदा व्यक्ति अविवाहित या विधवा महिला के साथ सहमति से शारीरिक सम्बंध बनाता है तो यह अपराध की श्रेणी में नही आता है।
7.अगर दो वयस्क लड़का और लड़की अपनी मर्जी से लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहते है तो यह गैर कानूनी नही है और इन दोनों से उत्पन्न संतान भी गैर कानूनी नही है और संतान को अपने पिता की संपत्ति में हक भी मिलेगा।
Human Rights Law in India in Hindi
8.एक पुलिस अधिकारी हमेशा ही अपनी ड्यूटी पर होता है चाहे उसने यूनिफॉर्म पहनी हो या नही। अगर कोई पीडित किसी पुलिस अधिकारी से शिकायत करता है वह यह नही कह सकता कि वह पीडित की मदद नही कर सकता क्योंकि वह ड्यूटी पर नही है।
9.कोई भी कंपनी गर्भवती महिला को नौकरी से नही निकाल सकती है। ऐसा करने से अधिकतम 3 साल की सजा हो सकती है।
10.हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत कोई भी व्यक्ति (पति/पत्नी) कोर्ट में तलाक के लिए निम्न कारणों के आधार पर अर्जी दे सकता है।
जैसे किसी दूसरे से शारीरिक सम्बन्ध बनाना, शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना, नपुंसकता, बिना बताये छोड़कर जाना, हिन्दू धर्म छोड़कर कोई और धर्म अपनाना, पागलपन, लाईलाज बीमारी आदि के आधार पर तलाक की अर्जी दी जा सकती है।