
Fact
- आरबीआई एक रुपये के नोट को छोड़कर, 2 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक के नोट जारी करता है
असली और नकली नोटों में अंतर कैसे पहचानें
- सुरक्षा धागा (Security Thread)
यह सुरक्षा धागा 5 रुपये के नोट से लेकर 2000 रुपये के नोट में भी होता है नोट में यह महात्मा गाँधी के चित्र के बाईं ओर होता है धागा एक सीधी लाइन के रूप में होता है यदि आप नोट को लाइट के सामने लाते हैं तो इस धागे पर नोट की वैल्यू, भारत और RBI चमकने लगता है यहाँ यह भी ध्यान रखें कि यदि नोट नकली है तो इस धागे को रगड़ने पर इसका रंग निकलने/छूटने लगता है
- वॉटरमार्क (Watermark)
किसी भी नोट पर वाटर मार्क जरूर देखें सभी असली नोटों के वॉटरमार्क वाली जगह में महात्मा गांधी की फोटो बनी होती है जब नोट को आप थोड़ा तिरछा करेंगे तो वाटरमार्क में आपको गाँधी जी कि फोटो दिखाई देगी - छोटी छोटी लिखावट (Micro-Lettering) :- 2000 के नोट में पीली रेखा के अन्दर के भाग में बहुत छोटे छोटे अक्षरों में 2000 और RBI लिखा होता है 5 और 10 रुपये के नोटों में इस जगह पर ‘RBI’ लिखा होता है जबकि 20 रुपये से अधिक की वैल्यू वाले नोटों में ‘RBI’ के साथ-साथ नोट की वैल्यू भी लिखी होती है इस लिखावट को मैग्निफाई ग्लास की मदद से अच्छी तरह देखा जा सकता है
- गुप्त इमेज (Latent Image) :- नीचे दिए नोट में लाल और पीले घेरे के अन्दर एक लेटेन्ट इमेज है जिसमें नोट की वैल्यू 2000 लिखी हुई है इसे तभी देखा जा सकता है जब आप नोट को आँखों के सामने 45 डिग्री के कोण पर झुकाते हैं
- पहचान चिन्ह (Identification Mark) :- यह खास तरह का मार्क होता है जो वाटर मार्क के बाईं ओर होता है। सभी नोटों में यह अलग आकार का होता है। 20 रुपए में ये वर्टिकल रेक्टेंगल, 50 रुपए में चोकोर, 100 रुपए में ट्रेंगल, 500 रुपए में 5 हॉरिजॉन्टल लाइन्स और 2000 के नोट में 7 हॉरिजॉन्टल लाइन्स के रूप में होता हैइसकी विशेषता यह होती है कि यह ऊपर की ओर उभरा हुआ होता है जिसकी मदद से ही अंधे लोग नोटों को पहचान लेते है कि नोट 20 रुपये का है या 500 रूपए का अगर यकीन ना आये तो किसी अंधे व्यक्ति को नोट देकर पूछना
- उत्कीर्ण मुद्रण (Intaglio Printing)
यह फीचर, अंधे लोगों की सुविधा के लिए जोड़ा गया है नोट पर विशेष प्रकार की प्रिटिंग इंक उपयोग की जाती है इस इंक की वजह से महात्मा गांधी की फोटो, आरबीआई की सील और गवर्नर की शपथ, आरबीआई गवर्नर के साइन उभरे हुए होते हैं इन उभरे हुए अंको को हाथों से टटोलकर ही अंधे व्यक्ति नोट का पता चला लेते हैंभारतीय नोटों में 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये के नोटों में इस प्रिंटिंग शैली का उपयोग किया है

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रंग बदलने वाली स्याही (Optically Variable Ink or Colour-Changing Ink)
इस विशेष इंक का इस्तेमाल 2000 और 500 रुपये के नोट में किया गया है इस इंक की मदद से नोट की वैल्यू लिखी जाती है इस इंक की खासियत यह है कि जब नोट फ्लैट होता है तो ये अंक हरे रंग के दिखाई देते हैं और जब इसके एंगल को बदलने पर इनका रंग बदल जाता है

- सी थ्रू रजिस्ट्रेशन (See through Register)
इस फीचर के माध्यम से जब नोट को लाइट के सामने लाया जाता है तो 500 या 2000 की वैल्यू चमकने लगती है यह नोट के दोनों साइड दिखाई देता है एक साइड यह रिक्त होता है और दूसरी साइड यह भरा हुआ दिखाई देता है
प्रतिदीप्ति (Fluorescence)
नोट पर नीचे की ओर विशेष नंबर होते हैं जो कि नोट की सीरीज को बताते हें इन्हें फोरेसेंस इंक से प्रिंट किया जाता है जब नोट को अल्ट्रा वॉइलेट लाइट में ले जाया जाता है तो ये नंबर उभर कर दिखाई देने लगते हैं
दो हजार रुपये के नकली नोट को इस तरह पहचानें;
1 नकली नोट में सुरक्षा धागा (सिक्यूरिटी थ्रेड) मोटा और खुरदरा होता है
2 नकली नोट में रुपए का निशान असली के मुकाबले अधिक मोटा होता है
3 2000 रुपए का नकली नोट उच्च गुणवत्ता वाले लेजर प्रिंटर से छापा जाता है, इसलिए असली नोट का रंग चमकदार होता है
4 असली नोट में बना ब्रेल मार्क (लकीरें) छूने से महसूस किया जा सकता है, जबकि नकली नोट में इनका उभार महसूस नहीं होता
5 नोट में बने भूरे रंग के बॉक्स को तिरछा कर देखने पर उसमें 2000 की आकृति नजर आती है, जबकि नकली नोट में यह आकृति नहीं दिखती है
6 असली नोट में हरे रंग में लिखे 2000 के चिह्न में चमकदार लहरें सी नजर आती हैं, जिन्हें गिना जा सकता है और नोट को तिरछा कर देखने में नीले रंग में बदल जाता है